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Lakhimpur Kheri News: नेपाल में भारतीय टैक्सियों पर अचानक लगाया प्रतिबंध, गौरीफंटा में लगी कतार
संवाद न्यूज एजेंसी, लखीमपुर खीरी
Updated Tue, 30 Dec 2025 11:19 PM IST
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गौरीफंटा बाॅर्डर पर खड़ी टैक्सी। संवाद
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धनगढ़ी (नेपाल)। कैलाली जिला प्रशासन ने भारतीय नंबर की पीली नंबर प्लेट वाली टैक्सियों के नेपाल में प्रवेश और सवारी ढोने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद मंगलवार को गौरीफंटा में भारत-नेपाल सीमा पर अफरा-तफरी का माहौल रहा। दिल्ली और अन्य महानगरों से सवारियां लेकर पहुंचे दर्जनों चालक बॉर्डर पर ही रोक दिए गए जिससे गौरीफंटा और आसपास के गांवों में वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
सोमवार को धनगढ़ी जिला कार्यालय में जिलाधिकारी हीरालाल रेग्मी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसमें स्थानीय परिवहन व्यवसायियों ने शिकायत की थी कि भारतीय नंबर की टैक्सियां अवैध रूप से नेपाल में आकर सवारियां बैठाकर ले जा रही हैं। इससे स्थानीय व्यापार प्रभावित हो रहा है।
जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि मंगलवार से किसी भी भारतीय टैक्सी को सवारी ले जाने के उद्देश्य से प्रवेश न करने दिया जाए। जिलाधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई यातायात व्यवस्था संवत 2049 की दफा 30, सुदूर पश्चिम प्रदेश सवारी और यातायात ऐन 2069 की दफा 34 के तहत की गई है। इन नियमों के अनुसार, विदेशी नंबर के वाहन नेपाल के भीतर व्यावसायिक रूप से सवारियां नहीं ढो सकती हैं।
बैठक में कैलाली जिलाधिकारी रेग्मी सहित कैलाली सहायक सीडीओ किरण जोशी, एसपी नरेंद्र चंद, कैलाली ट्रैफिक इंचांर्ज चक्र बहादुर देउवा, यातायात उप सचिव भुवन जोशी, सुदूर पश्चिम यातायात अध्यक्ष पदम सापकोटा सहित अन्य लोग मौजूद थे। इसके बाद मंगलवार सुबह से ही त्रिनगर-धनगढ़ी भंसार (कस्टम) कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर इस संबंध में आदेश चस्पा कर दिए गए।
सीमा पर तैनात नेपाल पुलिस और एपीएफ (आर्म्स पुलिस फोर्स) ने भारतीय टैक्सियों को सीमा से ही वापस लौटाना शुरू कर दिया। प्रशासन के अचानक लिए गए इस फैसले से भारतीय टैक्सी चालकों में हड़कंप मच गया। दिल्ली, लखनऊ और बरेली जैसे शहरों से सवारियां लेकर पहुंचे वाहन चालक गौरीफंटा सीमा, बनकटी बैरियर और सेढ़ाबेढ़ा गांव की सड़कों पर खड़े कर समाधान का इंतजार करते दिखे। कई यात्रियों को पैदल ही सीमा पार करनी पड़ी। इससे उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ा।
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सोमवार को धनगढ़ी जिला कार्यालय में जिलाधिकारी हीरालाल रेग्मी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसमें स्थानीय परिवहन व्यवसायियों ने शिकायत की थी कि भारतीय नंबर की टैक्सियां अवैध रूप से नेपाल में आकर सवारियां बैठाकर ले जा रही हैं। इससे स्थानीय व्यापार प्रभावित हो रहा है।
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जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि मंगलवार से किसी भी भारतीय टैक्सी को सवारी ले जाने के उद्देश्य से प्रवेश न करने दिया जाए। जिलाधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई यातायात व्यवस्था संवत 2049 की दफा 30, सुदूर पश्चिम प्रदेश सवारी और यातायात ऐन 2069 की दफा 34 के तहत की गई है। इन नियमों के अनुसार, विदेशी नंबर के वाहन नेपाल के भीतर व्यावसायिक रूप से सवारियां नहीं ढो सकती हैं।
बैठक में कैलाली जिलाधिकारी रेग्मी सहित कैलाली सहायक सीडीओ किरण जोशी, एसपी नरेंद्र चंद, कैलाली ट्रैफिक इंचांर्ज चक्र बहादुर देउवा, यातायात उप सचिव भुवन जोशी, सुदूर पश्चिम यातायात अध्यक्ष पदम सापकोटा सहित अन्य लोग मौजूद थे। इसके बाद मंगलवार सुबह से ही त्रिनगर-धनगढ़ी भंसार (कस्टम) कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर इस संबंध में आदेश चस्पा कर दिए गए।
सीमा पर तैनात नेपाल पुलिस और एपीएफ (आर्म्स पुलिस फोर्स) ने भारतीय टैक्सियों को सीमा से ही वापस लौटाना शुरू कर दिया। प्रशासन के अचानक लिए गए इस फैसले से भारतीय टैक्सी चालकों में हड़कंप मच गया। दिल्ली, लखनऊ और बरेली जैसे शहरों से सवारियां लेकर पहुंचे वाहन चालक गौरीफंटा सीमा, बनकटी बैरियर और सेढ़ाबेढ़ा गांव की सड़कों पर खड़े कर समाधान का इंतजार करते दिखे। कई यात्रियों को पैदल ही सीमा पार करनी पड़ी। इससे उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ा।
