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Lakhimpur Kheri News: डाॅक्टर तैनात नहीं... इंजेक्शन के सहारे हार्ट के मरीजों की जान
संवाद न्यूज एजेंसी, लखीमपुर खीरी
Updated Thu, 20 Nov 2025 11:12 PM IST
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ओयल स्थित जिला अस्पताल।
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लखीमपुर खीरी। जिले में स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ाई हुईं हैं। यहां अभी तक हार्ट मरीजों के लिए कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं हो सकी है। हार्ट अटैक के दौरान मरीज लखनऊ तक पहुंच जाएं। इसके लिए टेनेक्टेप्लाज और स्ट्रेप्टोकाइनेज इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं, जो ब्लड को पतला करने में सहायक हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि इस इंजेक्शन से अब तक करीब 60 लोगों की जान बचाई जा चुकी है।
जिला अस्पताल में करीब एक दशक पहले तक कार्डियोलॉजी विभाग चल रहा था। हार्ट मरीजों के लिए यहां डॉ. केसी वर्मा को कार्डियोलॉजिस्ट के पद पर तैनात किया था। हालांकि 2012 में उनका तबादला शाहजहांपुर हो गया था। इसके बाद से हार्ट स्पेशलिस्ट के रूप में अब तक किसी चिकित्सक की तैनात नहीं है।
हार्ट के चिकित्सक न होने की वजह से मरीजों को इलाज के लिए लखनऊ की दौड़ लगानी पड़ रही है। वहीं कई बार समय कम होने की वजह से लोगों की जान असमय ही जा रही है। ऐसे में अस्पताल पहुंचे गंभीर मरीजों को टेनेक्टेप्लाज और स्ट्रेप्टोकाइनेज इंजेक्शन देकर कुछ देर के लिए राहत पहुंचाने का दावा किया है।
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कई मरीजों को लगाए जा चुके हैं ये इंजेक्शन
-हार्ट अटैक के दौरान ब्लड को पतला करने के लिए चिकित्सक टेनेक्टेप्लाज और स्ट्रेप्टोकाइनेज इंजेक्शन लगा रहे हैं। बाजार में इनकी कीमत करीब 40 हजार रुपये बताई जा रही हैं। हालांकि मरीजों की राहत के लिए यह इंजेक्शन जिला अस्पताल सहित पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क लगाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो अब तक इन इंजेक्शन से करीब 60 हार्ट रोगियों की जान बचाई जा चुकी है।
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छह जगहों पर लगाए जा रहे इंजेक्शन
-जिला अस्पताल
-सीएचसी धौरहरा
-पलिया
-मोहम्म्दी
-मितौली
-गोलागोकर्णनाथ
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भाजपा विधायक की गई थी जान, सीएमएस को भी पड़ा हार्टअटैक
-करीब तीन साल पहले भाजपा विधायक अरविंद गिरि की मौत हार्ट अटैक से हुई थी। शहर के ही युवा भाजपा नेता अमित त्रिपाठी का भी हृदयाघात से निधन हुआ था। वहीं करीब 10 दिन पहले जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरके कोली को भी हार्ट अटैक की वजह से उन्हें लखनऊ रेफर किया गया था।
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कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती राज्य स्तर से होती है, शासन से इसके लिए मांग की गई है। फिलहाल हमारे यहां जिला अस्पताल में तीन एमडी मेडिसिन फिजिशियन हैं, जो हार्ट अटैक जैसे केस देखते हैं।
डॉ. संतोष गुप्ता, सीएमओ
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इंजेक्शन लगाने वाले चिकित्सकों को ट्रेनिंग दी गई है। मरीजों को इस इंजेक्शन से काफी राहत मिल रही है। कई लोगों की जान अब तक बचाई जा चुकी है।
डॉ. पीके रावत, एसीएमओ
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जिला अस्पताल में करीब एक दशक पहले तक कार्डियोलॉजी विभाग चल रहा था। हार्ट मरीजों के लिए यहां डॉ. केसी वर्मा को कार्डियोलॉजिस्ट के पद पर तैनात किया था। हालांकि 2012 में उनका तबादला शाहजहांपुर हो गया था। इसके बाद से हार्ट स्पेशलिस्ट के रूप में अब तक किसी चिकित्सक की तैनात नहीं है।
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हार्ट के चिकित्सक न होने की वजह से मरीजों को इलाज के लिए लखनऊ की दौड़ लगानी पड़ रही है। वहीं कई बार समय कम होने की वजह से लोगों की जान असमय ही जा रही है। ऐसे में अस्पताल पहुंचे गंभीर मरीजों को टेनेक्टेप्लाज और स्ट्रेप्टोकाइनेज इंजेक्शन देकर कुछ देर के लिए राहत पहुंचाने का दावा किया है।
कई मरीजों को लगाए जा चुके हैं ये इंजेक्शन
-हार्ट अटैक के दौरान ब्लड को पतला करने के लिए चिकित्सक टेनेक्टेप्लाज और स्ट्रेप्टोकाइनेज इंजेक्शन लगा रहे हैं। बाजार में इनकी कीमत करीब 40 हजार रुपये बताई जा रही हैं। हालांकि मरीजों की राहत के लिए यह इंजेक्शन जिला अस्पताल सहित पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क लगाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो अब तक इन इंजेक्शन से करीब 60 हार्ट रोगियों की जान बचाई जा चुकी है।
छह जगहों पर लगाए जा रहे इंजेक्शन
-जिला अस्पताल
-सीएचसी धौरहरा
-पलिया
-मोहम्म्दी
-मितौली
-गोलागोकर्णनाथ
भाजपा विधायक की गई थी जान, सीएमएस को भी पड़ा हार्टअटैक
-करीब तीन साल पहले भाजपा विधायक अरविंद गिरि की मौत हार्ट अटैक से हुई थी। शहर के ही युवा भाजपा नेता अमित त्रिपाठी का भी हृदयाघात से निधन हुआ था। वहीं करीब 10 दिन पहले जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरके कोली को भी हार्ट अटैक की वजह से उन्हें लखनऊ रेफर किया गया था।
कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती राज्य स्तर से होती है, शासन से इसके लिए मांग की गई है। फिलहाल हमारे यहां जिला अस्पताल में तीन एमडी मेडिसिन फिजिशियन हैं, जो हार्ट अटैक जैसे केस देखते हैं।
डॉ. संतोष गुप्ता, सीएमओ
इंजेक्शन लगाने वाले चिकित्सकों को ट्रेनिंग दी गई है। मरीजों को इस इंजेक्शन से काफी राहत मिल रही है। कई लोगों की जान अब तक बचाई जा चुकी है।
डॉ. पीके रावत, एसीएमओ