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ब्राह्मण समाज की एकता बनाए युवा पीढ़ी
Lalitpur
Updated Sat, 03 May 2014 05:30 AM IST
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ललितपुर। श्री चंडीमाता मंदिर प्रांगण स्थित धर्मशाला में ब्राह्मण महामंडल के तत्वावधान में भगवान परशुराम की जयंती संकल्प पूर्वक मनाई गई। इस मौके पर वक्ताओं ने विप्र समाज के गौरवमयी अतीत पर प्रकाश डालते हुए नौजवानों से एकता बनाए रखने की दिशा में काम करने का आह्वान किया।
जयंती समारोह कार्यक्रम का श्रीगणेश दोपहर 12 बजे वेदमंत्रोच्चार के साथ हुआ। महामंडल के लोगों ने भगवान परशुराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर पुष्प अर्पित किए। इस मौके पर पवन कुमार संज्ञा ने भगवान परशुराम के जीवन पर चलते हुए समाज की गरिमा बनाए रखने की बात कही। उन्होंने कहा ब्राह्मण पूरे समाज को श्रेष्ठ पथ दिखाने का काम करता रहा है। अब समाज के लोगों को दूसरों के साथ खुद को भी श्रेष्ठ बनाने की दिशा में काम करना होगा। उन्होंने संघटित होकर परोपकार के लिए अग्रणी रहने का आह्वान किया। इस अवसर पर राकेश शुक्ला ने कहा कि भगवान परशुराम ने त्रेता युग में समाज का गौरव बढ़ाया था। आज भी विभिन्न समाज के लोग विप्र समाज को उसी आदर सत्कार से सर्वोपरि मानते हैं, जैसा कि अतीत में था। लेकिन, अब समाज को सबसे पहले एकता का प्रदर्शन करना होगा। बृजमोहन रिछारिया ने कहा कि जो अच्छा काम करता है उसी की आलोचना होती है। सुरेंद्र नारायण शर्मा ने विप्र समाज के अनेक इतिहास पुरुषों व विभूतियों का उल्लेख कर कहा कि समाज बुद्धिजीवियों से भरा पड़ा है। इसका सही इस्तेमाल एक रहकर ही संभव है। वहीं, ओम प्रकाश पटैरिया ने पत्रिका प्रकाशन करके समाज को एकता के सूत्र में पिरोने की बात कही। इस दौरान महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डा. जनक किशोरी शर्मा, अध्यक्ष एवं नपा पूर्व अध्यक्ष अशोक पटैरिया, परमानंद तिवारी, भगवतनारायण बबेले, केशवदास सीरौठिया, रामेश्वर पटैरिया, बृजेंद्र पाराशर, डा. एमडी तिवारी, डा. दीपक चौबे, चंद्रशेखर गंगेले, कैलाश पुरोहित, सत्यप्रकाश तिवारी, रामनिवास तिवारी, ब्रजेश चतुर्वेदी, केके रिछारिया, नंदकुमार किलेदार, लखनलाल रावत, रामाधर दुबे, आनंदप्रकाश वैद्य, धनीराम शर्मा, वीरेंद्र पुरोहित, गौरव तिवारी, कौस्तुभ चौबे, सुनीत कौशिक आदि उपस्थित रहे। संचालन ब्रजमोहन शर्मा ने किया।
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जयंती समारोह कार्यक्रम का श्रीगणेश दोपहर 12 बजे वेदमंत्रोच्चार के साथ हुआ। महामंडल के लोगों ने भगवान परशुराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर पुष्प अर्पित किए। इस मौके पर पवन कुमार संज्ञा ने भगवान परशुराम के जीवन पर चलते हुए समाज की गरिमा बनाए रखने की बात कही। उन्होंने कहा ब्राह्मण पूरे समाज को श्रेष्ठ पथ दिखाने का काम करता रहा है। अब समाज के लोगों को दूसरों के साथ खुद को भी श्रेष्ठ बनाने की दिशा में काम करना होगा। उन्होंने संघटित होकर परोपकार के लिए अग्रणी रहने का आह्वान किया। इस अवसर पर राकेश शुक्ला ने कहा कि भगवान परशुराम ने त्रेता युग में समाज का गौरव बढ़ाया था। आज भी विभिन्न समाज के लोग विप्र समाज को उसी आदर सत्कार से सर्वोपरि मानते हैं, जैसा कि अतीत में था। लेकिन, अब समाज को सबसे पहले एकता का प्रदर्शन करना होगा। बृजमोहन रिछारिया ने कहा कि जो अच्छा काम करता है उसी की आलोचना होती है। सुरेंद्र नारायण शर्मा ने विप्र समाज के अनेक इतिहास पुरुषों व विभूतियों का उल्लेख कर कहा कि समाज बुद्धिजीवियों से भरा पड़ा है। इसका सही इस्तेमाल एक रहकर ही संभव है। वहीं, ओम प्रकाश पटैरिया ने पत्रिका प्रकाशन करके समाज को एकता के सूत्र में पिरोने की बात कही। इस दौरान महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डा. जनक किशोरी शर्मा, अध्यक्ष एवं नपा पूर्व अध्यक्ष अशोक पटैरिया, परमानंद तिवारी, भगवतनारायण बबेले, केशवदास सीरौठिया, रामेश्वर पटैरिया, बृजेंद्र पाराशर, डा. एमडी तिवारी, डा. दीपक चौबे, चंद्रशेखर गंगेले, कैलाश पुरोहित, सत्यप्रकाश तिवारी, रामनिवास तिवारी, ब्रजेश चतुर्वेदी, केके रिछारिया, नंदकुमार किलेदार, लखनलाल रावत, रामाधर दुबे, आनंदप्रकाश वैद्य, धनीराम शर्मा, वीरेंद्र पुरोहित, गौरव तिवारी, कौस्तुभ चौबे, सुनीत कौशिक आदि उपस्थित रहे। संचालन ब्रजमोहन शर्मा ने किया।
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