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प्रतिमा स्थल बने प्रचार का माध्यम
lalitpur
Updated Tue, 13 Sep 2016 01:56 AM IST
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प्रशासन
- फोटो : amar ujala
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ललितपुर। नगर को एक ओर जहां क्लीन-ललितपुर, ग्रीन-ललितपुर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नगर के प्रमुख चौराहा पर स्थापित देश भक्त, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और संतों के मूर्ति स्थलों को विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा निजी स्वार्थ के लिए पोस्टर लगाकर बदरंग किया जा रहा है। वीर सावरकर, परमानंद मूूर्ति स्थल सरदार पटेल मूर्ति स्थल, संत श्रीवर्णीजी मूर्ति स्थल पर पार्टियों के प्रचार का माध्यम बना लिए गए हैं। नगर पालिका भी राष्ट्रीय पर्वों को छोड़कर नगर के इन महान स्मारकों के रखरखाव की ओर लापरवाह बनी हुई है।
नगर के कुछ स्वयंसेवी संगठनों द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से ललितपुर को साफ-स्वच्छ बनाने के लिए क्लीन-ललितपुर, ग्रीन-ललितपुर बनाने के लिए गंदी व भद्दी दीवारों, सार्वजनिक स्थलों की दीवारों को विभिन्न प्रकार की रंगोली बनाई जा रही है, सड़कों के किनारे छायादार हरे-भरे पेड़ पौधे लगाए जा रहे हैं। इस पहल में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही कई राजनीतिक व गैरराजनीतिक संगठनों ने भी सहयोग देते हुए बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है। कलेक्ट्रेट रोड पर जिलाधिकारी आवास की दीवार, परमानंद मूर्ति स्थल की दीवार, तुवन मंदिर परिसर की दीवारों समेत अनेक सार्वजनिक स्थलों की दीवारों को विशेष रंग में रंगकर आकर्षक रंगोलियां बनाई गई हैं, जिससे इस कार्य के लिए संगठनों की खूब सराहना भी हुुई है।
तुवन चौराहा से चर्च रोड पर नहर किनारे छायादार वृक्ष भी लगाए गए हैं, जिससे यहां हरियाली दिखने से आकर्षक लगने लगा है। शहर में कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा शहर की खूबसूरती के लिए एक ओर लगातार अच्छी नीयत से प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से नगर के प्रमुख चौराहों पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, संतों और महानायकों की मूर्तियों और सार्वजनिक स्थलों की दीवारभों को पोस्टर चिपकाकर ऐसे सामाजिक संगठनों की नगर को स्वच्छ बनाने की कल्पना पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। वर्णी चौराहा स्थित श्रीवर्णीजी की मूर्ति और सावरकर चौक स्थित वीर सावरकरजी की मूर्तियों के चारों ओर राजनीतिक पार्टियों द्वारा पोस्टर चस्पा कर दिए हैं, जिससे यह मूर्तियां बदरंग होती जा रही हैं। वीर सावरकर मूर्ति स्थल पर तो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नामों लिखी श्वेत पट्टिका पर भी राजनीतिक पोस्टर चस्पा कर दिए गए हैं, तो बहुत सी मूर्तियों से राजनीतिक पार्टियों की झंडियां भी बांध दी गई हैं। ऐसे में एक ओर जहां शहर को स्वच्छ बनाने की पहल चल रही है, वहीं दूसरी ओर शहर की शान इन मूर्ति स्थलों को कुछ राजनीतिक पार्टियां बदरंग करने में जुटी हुई है। आगामी एक सप्ताह बाद 20 सितंबर को ही नगर में जैन समुदाय द्वारा श्रीवर्णी जयंती मनाने की तैयारियां भी जोर शोर से की जा रही हैं, लेकिन नगर पालिका द्वारा मात्र राष्ट्रीय पर्व को छोड़कर बाकी के दिनों में इन मूर्ति स्थलों व रखरखाव की ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है। इससे आज स्थिति यह है कि नगर के यह मूूर्ति स्थल शासन प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं।
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तुवन चौराहा से चर्च रोड पर नहर किनारे छायादार वृक्ष भी लगाए गए हैं, जिससे यहां हरियाली दिखने से आकर्षक लगने लगा है। शहर में कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा शहर की खूबसूरती के लिए एक ओर लगातार अच्छी नीयत से प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से नगर के प्रमुख चौराहों पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, संतों और महानायकों की मूर्तियों और सार्वजनिक स्थलों की दीवारभों को पोस्टर चिपकाकर ऐसे सामाजिक संगठनों की नगर को स्वच्छ बनाने की कल्पना पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। वर्णी चौराहा स्थित श्रीवर्णीजी की मूर्ति और सावरकर चौक स्थित वीर सावरकरजी की मूर्तियों के चारों ओर राजनीतिक पार्टियों द्वारा पोस्टर चस्पा कर दिए हैं, जिससे यह मूर्तियां बदरंग होती जा रही हैं। वीर सावरकर मूर्ति स्थल पर तो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नामों लिखी श्वेत पट्टिका पर भी राजनीतिक पोस्टर चस्पा कर दिए गए हैं, तो बहुत सी मूर्तियों से राजनीतिक पार्टियों की झंडियां भी बांध दी गई हैं। ऐसे में एक ओर जहां शहर को स्वच्छ बनाने की पहल चल रही है, वहीं दूसरी ओर शहर की शान इन मूर्ति स्थलों को कुछ राजनीतिक पार्टियां बदरंग करने में जुटी हुई है। आगामी एक सप्ताह बाद 20 सितंबर को ही नगर में जैन समुदाय द्वारा श्रीवर्णी जयंती मनाने की तैयारियां भी जोर शोर से की जा रही हैं, लेकिन नगर पालिका द्वारा मात्र राष्ट्रीय पर्व को छोड़कर बाकी के दिनों में इन मूर्ति स्थलों व रखरखाव की ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है। इससे आज स्थिति यह है कि नगर के यह मूूर्ति स्थल शासन प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं।