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मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी: बीएसए
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मध्याह्न भोजन में केवल आलू या सोयाबीन की सब्जी दी जा रही है बार-बार
महराजगंज। जिले के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को पौष्टिक और गुणवत्तापूर्ण मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने के लिए बीएसए ने कड़ा रुख अपनाया है। बीएसए ने समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए निर्देश दिया है कि विद्यालयों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
शासन की ओर से निर्धारित साप्ताहिक मीनू के अनुसार ही भोजन तैयार कराया जाए और बच्चों को पौष्टिक, संतुलित एवं स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध हो, यह हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि हाल के निरीक्षणों के दौरान पाया गया कि कई विद्यालयों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं है। अनेक विद्यालयों में निर्धारित मीनू का पालन नहीं किया जा रहा है और केवल औपचारिकता निभाई जा रही है। कई स्थानों पर यह देखा गया कि विद्यालयों में भोजन में केवल आलू या सोयाबीन की सब्जी बार-बार दी जा रही है। प्याज, टमाटर, हरी मिर्च, लहसून जैसी आवश्यक सामग्रियों का प्रयोग अत्यंत सीमित मात्रा में किया जा रहा है, जिससे भोजन का स्वाद और पोषण दोनों प्रभावित हो रहे हैं। यह स्थिति शासन की मंशा के विपरीत है और बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ के समान है।
बीएसए रिद्धि पांडेय ने कहा है कि शासन हर वर्ष परिवर्तन लागत दरों में वृद्धि इसी उद्देश्य से करता है कि विद्यालयों में बच्चों को पौष्टिक और संतुलित आहार दिया जा सके। लेकिन कुछ विद्यालयों की लापरवाही के कारण योजना का लाभ बच्चों तक सही रूप में नहीं पहुंच पा रहा है। उन्होंने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अपने-अपने क्षेत्रों के विद्यालयों का नियमित निरीक्षण करें और जहां भी शिकायत मिले, वहां तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करें।पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि विद्यालयों में प्रतिदिन मौसमी सब्जियों का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाए, ताकि बच्चों को संतुलित आहार मिल सके। साथ ही ब्रांडेड तेल और गुणवत्तापूर्ण मसालों का उपयोग करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
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महराजगंज। जिले के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को पौष्टिक और गुणवत्तापूर्ण मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने के लिए बीएसए ने कड़ा रुख अपनाया है। बीएसए ने समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए निर्देश दिया है कि विद्यालयों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
शासन की ओर से निर्धारित साप्ताहिक मीनू के अनुसार ही भोजन तैयार कराया जाए और बच्चों को पौष्टिक, संतुलित एवं स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध हो, यह हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि हाल के निरीक्षणों के दौरान पाया गया कि कई विद्यालयों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं है। अनेक विद्यालयों में निर्धारित मीनू का पालन नहीं किया जा रहा है और केवल औपचारिकता निभाई जा रही है। कई स्थानों पर यह देखा गया कि विद्यालयों में भोजन में केवल आलू या सोयाबीन की सब्जी बार-बार दी जा रही है। प्याज, टमाटर, हरी मिर्च, लहसून जैसी आवश्यक सामग्रियों का प्रयोग अत्यंत सीमित मात्रा में किया जा रहा है, जिससे भोजन का स्वाद और पोषण दोनों प्रभावित हो रहे हैं। यह स्थिति शासन की मंशा के विपरीत है और बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ के समान है।
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बीएसए रिद्धि पांडेय ने कहा है कि शासन हर वर्ष परिवर्तन लागत दरों में वृद्धि इसी उद्देश्य से करता है कि विद्यालयों में बच्चों को पौष्टिक और संतुलित आहार दिया जा सके। लेकिन कुछ विद्यालयों की लापरवाही के कारण योजना का लाभ बच्चों तक सही रूप में नहीं पहुंच पा रहा है। उन्होंने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अपने-अपने क्षेत्रों के विद्यालयों का नियमित निरीक्षण करें और जहां भी शिकायत मिले, वहां तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करें।पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि विद्यालयों में प्रतिदिन मौसमी सब्जियों का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाए, ताकि बच्चों को संतुलित आहार मिल सके। साथ ही ब्रांडेड तेल और गुणवत्तापूर्ण मसालों का उपयोग करने के भी निर्देश दिए गए हैं।