{"_id":"69483b3c2a590129d70d4e72","slug":"embrace-kabirs-ideas-anuragi-mahoba-news-c-225-1-sknp1045-120812-2025-12-21","type":"story","status":"publish","title_hn":"Mahoba News: कबीर के विचारों को करें आत्मसात-अनुरागी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Mahoba News: कबीर के विचारों को करें आत्मसात-अनुरागी
संवाद न्यूज एजेंसी, महोबा
Updated Sun, 21 Dec 2025 11:53 PM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
महोबा। शहर के कठकुलवापुरा स्थित कबीर आश्रम में रविवार को अमृतवाणी समिति के तत्वावधान में सत्संग का आयोजन हुआ। समिति प्रमुख डॉ. लालचंद्र अनुरागी ने कहा कि सत्य से बढ़कर कोई धर्म नहीं, झूठ से बढ़कर कोई पाप नहीं है। इस दौरान उन्होंने सांच बराबर तप नहीं झूठ बराबर पाप, जाके हृदय सांच है ताके हृदय आप की व्याख्या की।
सत्संग का शुभारंभ कबीर वंदना जय कबीर जय गुरु कबीरा से हुआ। पं. हरीशंकर नायक ने कहा कि जिस तरह दूध में घी रहता है, उसी तरह कबीर की आधी साखी में चारों वेदों का निचोड़ है। गायक इंद्रजीत सिंह ने करम गति टारै न टरै भजन पेश किया। रामअवतार सेन ने कब भजहौ सतनाम भजन प्रस्तुत किया। कामता प्रसाद चौरसिया ने भज मन मेरे आठों याम भजन सुनाकर सभी को भाव-विभोर कर दिया। पं. आशाराम तिवारी ने कहा कि सत्संग करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। वरिष्ठ कवि हरिश्चंद्र वर्मा ने रचना कबीर साहब दुखियों का सहारा बन जाइये, डूबती नैया को पार लगाइये पेश की। सुनीता अनुरागी ने कहा कि समाज की कुरीतियों को समाप्त करने के लिए कबीर के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है। इस मौके पर लखनलाल, राजाराम चौरसिया, चंदन आदि मौजूद रहे।
Trending Videos
सत्संग का शुभारंभ कबीर वंदना जय कबीर जय गुरु कबीरा से हुआ। पं. हरीशंकर नायक ने कहा कि जिस तरह दूध में घी रहता है, उसी तरह कबीर की आधी साखी में चारों वेदों का निचोड़ है। गायक इंद्रजीत सिंह ने करम गति टारै न टरै भजन पेश किया। रामअवतार सेन ने कब भजहौ सतनाम भजन प्रस्तुत किया। कामता प्रसाद चौरसिया ने भज मन मेरे आठों याम भजन सुनाकर सभी को भाव-विभोर कर दिया। पं. आशाराम तिवारी ने कहा कि सत्संग करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। वरिष्ठ कवि हरिश्चंद्र वर्मा ने रचना कबीर साहब दुखियों का सहारा बन जाइये, डूबती नैया को पार लगाइये पेश की। सुनीता अनुरागी ने कहा कि समाज की कुरीतियों को समाप्त करने के लिए कबीर के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है। इस मौके पर लखनलाल, राजाराम चौरसिया, चंदन आदि मौजूद रहे।
विज्ञापन
विज्ञापन
