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Mahoba News: मूंगफली की फसल बर्बाद, मटर को भारी नुकसान
संवाद न्यूज एजेंसी, महोबा
Updated Tue, 28 Oct 2025 12:30 AM IST
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फोटो 27 एमएएचपी 13 परिचय-मौजा कुलपहाड़ में सोमवार का हुई बारिश से खेत में भरा पानी। संवाद
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महोबा/कुलपहाड़। बेमौसम हो रही बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। सोमवार को पूरे दिन हुई बारिश से खेतों में पानी भर गया। इससे मड़ाई के लिए रखी मूंगफली की फसल बर्बाद हो गई। वहीं, रबी सीजन में बोआई करने वाले किसानों को बीज सड़ने की आशंका है। इससे किसान परेशान हैं। हालांकि, कृषि विभाग की ओर से मौसम साफ होने पर ही फसल की बोआई करने की सलाह दी गई है।
रविवार की रात से शुरू हुई रिमझिम बारिश सोमवार को पूरे दिन रुक-रुक कर जारी रही। बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। खेतों पर मड़ाई के लिए रखी मूंगफली की फसल गीली होने से दाना काला पड़ने की आशंका है। खेतों में पानी भरने से किसान कृषि कार्य नहीं कर पा रहे हैं। एक तो पहले ही यह फसल मानसून के दौरान हुई औसत से अधिक बारिश से प्रभावित रही। वहीं अब एक बार फिर बारिश ने किसानों की मेहनत को चौपट कर दिया। कुलपहाड़ संवाद के अनुसार बेमौसम वर्षा होने से किसान परेशान हैं। किसानों बोआई कर दी है। उन्हें खाद बीज का नुकसान होने की संभावना है। साथ ही जिन किसानों ने बोआई नहीं की है। उन्हें कम समय वाली फसलों के बीज की चिंता सता रही है। खेतों में मौजूद मूंगफली की फसल के सड़ने का खतरा है।
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खेत में सड़ने लगी मूगफली
बुजुर्ग किसान प्रभुदयाल लोधी का कहना है कि मूंगफली की फसल खेतों में पड़ी है। पहले पानी बरसने से फसल गीली हो गई थी। उसे उलट पलट कर बमुश्किल सुखाया था। अब एक बार फिर बारिश हुई। जिससे मूंगफली खेत में ही सड़ने लगी है।
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बारिश ने सबकुछ बर्बाद कर दिया
किसान प्रमोद कुशवाहा कहते हैं कि हरी मटर का बीज दस हजार रुपये प्रति क्विंटल खरीदा था। खाद भी महंगी मिल रही है। रविवार की रात से हो रही बारिश ने सब बर्बाद कर दिया। अब कर्जा लेकर खाद बीज की व्यवस्था करना पड़ेगी। किसान के लिए यह साल खराब रहा।
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रबी की फसल की बुआई रुकी
किसान राजाराम यादव का कहना है कि इतना पानी कभी नहीं बरसा। खरीफ की फसल में भारी नुकसान हुआ। अब रबी की फसल की बोआई ही नहीं हो पा रही है। आगे फिर बारिश हुई तो रबी फसल की बोआई मुश्किल हो जाएगी।
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खाद और बीज दोनों बर्बाद हो गया
किसान बलराम कहते हैं कि 10 दिन तक धक्के खाने की बाद दो बोरी डीएपी मिली। इससे खेत में मटर की फसल की बोआई कर दी थी लेकिन बारिश से बीज सड़ने का खतरा है। फिर से बीज तो मिल जाएगा लेकिन खाद को लेकर बड़ी चिंता है।
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ढाई लाख हेक्टेयर में बोई गई है रबी की फसल
महोबा। रबी फसल का सीजन शुरू हो गया है। जनपद में कुल कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल 2.65 लाख हेक्टेयर है। इस वर्ष जिले में रबी सीजन की फसल की बोआई का लक्ष्य 2.50 लाख हेक्टेयर रखा गया है। इस बार गेहूं की फसल 74 हजार, चना की फसल 1.30 लाख हेक्टेयर, मटर की फसल 25 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि पर आच्छादित किए जाने का लक्ष्य है। इसके अलावा सरसों व अलसी की भी बोआई होना है। इससे साफ है कि इस वर्ष चना की फसल का आच्छादन ज्यादा होना है।
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मौसम खराब चल रहा है। इससे बोआई लेट हो रही है। तीन-चार दिन मौसम साफ होने से कुछ किसानों ने बोआई की। अब बारिश होने से बोआई प्रभावित हो सकती है। किसान मौसम साफ होने पर ही बोआई करें। कृषि विभाग की ओर से किसानों को अलसी, सरसों आदि का बीज निशुल्क दिया जा रहा है। किसान ऑनलाइन टोकन जनरेट कर निशुल्क बीज ले सकते हैं। -रामसजीवन, उप निदेशक कृषि, महोबा।
रविवार की रात से शुरू हुई रिमझिम बारिश सोमवार को पूरे दिन रुक-रुक कर जारी रही। बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। खेतों पर मड़ाई के लिए रखी मूंगफली की फसल गीली होने से दाना काला पड़ने की आशंका है। खेतों में पानी भरने से किसान कृषि कार्य नहीं कर पा रहे हैं। एक तो पहले ही यह फसल मानसून के दौरान हुई औसत से अधिक बारिश से प्रभावित रही। वहीं अब एक बार फिर बारिश ने किसानों की मेहनत को चौपट कर दिया। कुलपहाड़ संवाद के अनुसार बेमौसम वर्षा होने से किसान परेशान हैं। किसानों बोआई कर दी है। उन्हें खाद बीज का नुकसान होने की संभावना है। साथ ही जिन किसानों ने बोआई नहीं की है। उन्हें कम समय वाली फसलों के बीज की चिंता सता रही है। खेतों में मौजूद मूंगफली की फसल के सड़ने का खतरा है।
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खेत में सड़ने लगी मूगफली
बुजुर्ग किसान प्रभुदयाल लोधी का कहना है कि मूंगफली की फसल खेतों में पड़ी है। पहले पानी बरसने से फसल गीली हो गई थी। उसे उलट पलट कर बमुश्किल सुखाया था। अब एक बार फिर बारिश हुई। जिससे मूंगफली खेत में ही सड़ने लगी है।
बारिश ने सबकुछ बर्बाद कर दिया
किसान प्रमोद कुशवाहा कहते हैं कि हरी मटर का बीज दस हजार रुपये प्रति क्विंटल खरीदा था। खाद भी महंगी मिल रही है। रविवार की रात से हो रही बारिश ने सब बर्बाद कर दिया। अब कर्जा लेकर खाद बीज की व्यवस्था करना पड़ेगी। किसान के लिए यह साल खराब रहा।
रबी की फसल की बुआई रुकी
किसान राजाराम यादव का कहना है कि इतना पानी कभी नहीं बरसा। खरीफ की फसल में भारी नुकसान हुआ। अब रबी की फसल की बोआई ही नहीं हो पा रही है। आगे फिर बारिश हुई तो रबी फसल की बोआई मुश्किल हो जाएगी।
खाद और बीज दोनों बर्बाद हो गया
किसान बलराम कहते हैं कि 10 दिन तक धक्के खाने की बाद दो बोरी डीएपी मिली। इससे खेत में मटर की फसल की बोआई कर दी थी लेकिन बारिश से बीज सड़ने का खतरा है। फिर से बीज तो मिल जाएगा लेकिन खाद को लेकर बड़ी चिंता है।
ढाई लाख हेक्टेयर में बोई गई है रबी की फसल
महोबा। रबी फसल का सीजन शुरू हो गया है। जनपद में कुल कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल 2.65 लाख हेक्टेयर है। इस वर्ष जिले में रबी सीजन की फसल की बोआई का लक्ष्य 2.50 लाख हेक्टेयर रखा गया है। इस बार गेहूं की फसल 74 हजार, चना की फसल 1.30 लाख हेक्टेयर, मटर की फसल 25 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि पर आच्छादित किए जाने का लक्ष्य है। इसके अलावा सरसों व अलसी की भी बोआई होना है। इससे साफ है कि इस वर्ष चना की फसल का आच्छादन ज्यादा होना है।
मौसम खराब चल रहा है। इससे बोआई लेट हो रही है। तीन-चार दिन मौसम साफ होने से कुछ किसानों ने बोआई की। अब बारिश होने से बोआई प्रभावित हो सकती है। किसान मौसम साफ होने पर ही बोआई करें। कृषि विभाग की ओर से किसानों को अलसी, सरसों आदि का बीज निशुल्क दिया जा रहा है। किसान ऑनलाइन टोकन जनरेट कर निशुल्क बीज ले सकते हैं। -रामसजीवन, उप निदेशक कृषि, महोबा।