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Mau News: ओवरस्पीड में 37 रोडवेज बसों के काटे चालान
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नगर के रोडवेज परिसर में खड़ी बसें।संवाद
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मऊ। ओवरस्पीड रोडवेज बसों से हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए परिवहन विभाग ने कार्रवाई तेज कर दी है। यातायात निरीक्षक और एआरटीओ प्राइवेट बसों के साथ रोडवेज बसों की गति पर नजर रख रहे हैं। उधर, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर लगे कैमरों से ओवरस्पीड में जनवरी से अब तक मऊ डिपो की 37 रोडवेज बसों का चालान कट चुका है। 10 बसों का एक सप्ताह में दो बार चालान कट चुका है।
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की ओर से नौ से अधिक सीटों वाले वाहनों के लिए 100 किमी प्रति घंटे रफ्तार निर्धारित है। रफ्तार पर नजर रखने के लिए जगह जगह कैमरे लगाए गए हैं। जनवरी से अब तक मऊ डिपो की 37 बसों का ओवरस्पीड में चालान कटा है। एक चालान के 500 रुपये के हिसाब से 18,500 रुपये जुर्माना लगाया गया है। नियम के अनुसार एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार चालान होने पर जुर्माना बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया जाता है। मऊ डिपो की 10 बसों का एक सप्ताह के अंदर दो बार चालान कटा था। पहले चालान का जुर्माना संबंधित चालक के मानदेय से काटकर भरा जाता था, लेकिन अब परिवहन निगम ऐसा नहीं करता है।
ओवरस्पीड बसों से हो चुके हैं हादसे
20 मई की दोपहर डेढ़ बजे मधुबन थाना क्षेत्र के कोल्हुआ गांव के पास बेल्थरारोड डिपो की बस ने बाइक में टक्कर मार दी थी। इससे दोहरीघाट थाना क्षेत्र के जमुनीपुर निवासी अनिल राजभर (30) की मौत हो गई थी। 6 जून की दोपहर मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली के कैलेंडर तिराहे के पास बलिया डिपो की रोडवेज बस से कुचलकर करहां गांव निवासी शकील (47) की मौत हो गई थी। जबकि पत्नी रेहाना घायल हो गई थीं। दोनों बसों के नंबर के आधार पर पुलिस ने चालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। तीन अगस्त की सुबह पांच बजे चारबाग डिपो की तेज रफ्तार बस मुंशीपुरा ओवरब्रिज की रेलिंग तोड़ते हुए दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हादसे में यात्री और चालक बच गए थे।
समय समय पर वर्कशॉप में ट्रेनिंग कराकर चालकों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए बताया जाता है। लेकिन कभी कभी जल्दी पहुंचने के लिए चालक तेज गति से बस चलाते हैं, जो नियम विरुद्ध है। - हरिशंकर पांडेय, एआरएम।

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की ओर से नौ से अधिक सीटों वाले वाहनों के लिए 100 किमी प्रति घंटे रफ्तार निर्धारित है। रफ्तार पर नजर रखने के लिए जगह जगह कैमरे लगाए गए हैं। जनवरी से अब तक मऊ डिपो की 37 बसों का ओवरस्पीड में चालान कटा है। एक चालान के 500 रुपये के हिसाब से 18,500 रुपये जुर्माना लगाया गया है। नियम के अनुसार एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार चालान होने पर जुर्माना बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया जाता है। मऊ डिपो की 10 बसों का एक सप्ताह के अंदर दो बार चालान कटा था। पहले चालान का जुर्माना संबंधित चालक के मानदेय से काटकर भरा जाता था, लेकिन अब परिवहन निगम ऐसा नहीं करता है।
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ओवरस्पीड बसों से हो चुके हैं हादसे
20 मई की दोपहर डेढ़ बजे मधुबन थाना क्षेत्र के कोल्हुआ गांव के पास बेल्थरारोड डिपो की बस ने बाइक में टक्कर मार दी थी। इससे दोहरीघाट थाना क्षेत्र के जमुनीपुर निवासी अनिल राजभर (30) की मौत हो गई थी। 6 जून की दोपहर मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली के कैलेंडर तिराहे के पास बलिया डिपो की रोडवेज बस से कुचलकर करहां गांव निवासी शकील (47) की मौत हो गई थी। जबकि पत्नी रेहाना घायल हो गई थीं। दोनों बसों के नंबर के आधार पर पुलिस ने चालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। तीन अगस्त की सुबह पांच बजे चारबाग डिपो की तेज रफ्तार बस मुंशीपुरा ओवरब्रिज की रेलिंग तोड़ते हुए दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हादसे में यात्री और चालक बच गए थे।
समय समय पर वर्कशॉप में ट्रेनिंग कराकर चालकों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए बताया जाता है। लेकिन कभी कभी जल्दी पहुंचने के लिए चालक तेज गति से बस चलाते हैं, जो नियम विरुद्ध है। - हरिशंकर पांडेय, एआरएम।