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शहादत: सैन्य सम्मान के साथ किया गया शहीद का अंतिम संस्कार, आखिरी दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ Published by: कपिल kapil Updated Fri, 20 Aug 2021 06:46 PM IST
सार

सेना ऑफिसर राम सिंह का पार्थिव शरीर मेरठ पहुंचा तो हर तरफ मातम पसर गया। वहीं शहीद के घर पर अंतिम दर्शन के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

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Army Officer Ram Singh body reached Meerut and will be cremated with military honors
सैन्य सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार। - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) राम सिंह का आज यानी शुक्रवार देर शाम को पूरे सैन्य सम्मान के साथ सूरजकुंड पर अंतिम संस्कार किया गया।

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इससे पहले शाम करीब साढ़े छह बजे शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा तो हर तरफ मातम पसर गया। वहीं अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पर भीड़ उमड़ पड़ी। उधर, पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। आसपास के लोग परिवार को संभालने में लगे हुए थे। इस दौरान पत्नी रोते हुए बार-बार यही कह रही थी कि अब साथ रहने का वादा कैसे निभाओगे।
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आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से लोहा लेते हुए मेरठ निवासी जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) राम सिंह गुरुवार को शहीद हो गए। जेसीओ राम सिंह ने अंतिम समय में भी मातृभूमि के लिए अपना फर्ज अदा किया। गोली लगने के बाद भी उन्होंने जवाबी गोलीबारी में आतंकी को ढेर कर दिया था।

बताया गया कि राम सिंह 27 जुलाई को एक महीने की छुट्टी के बाद जम्मू गए थे। वे राष्ट्रीय राइफल्स रेजीमेंट में तैनात थे, इसलिए आतंकी ऑपरेशन में उनका अक्सर आना-जाना रहता था। गुरुवार सुबह ही उनकी पत्नी अनीता भंडारी से फोन पर रोजाना की तरह बात हुई थी। शाम को परिजनों को सूचना मिली कि वे शहीद हो गए। राम सिंह छह महीने बाद रिटायर होने वाले थे। रिटायरमेंट के बाद परिवार के साथ रहने के उनके बड़े अरमान थे। लेकिन उनके अरमान अधूरे ही रह गए। 

राम सिंह के पांच बच्चों में दो बेटी प्रियंका रावत और करिश्मा नेगी की शादी हो चुकी है। सात साल से उनका परिवार मेरठ के ईशापुरम के बी-28 में रह रहा है। बेटा सोलन एमकॉम की पढ़ाई करते हुए सीडीएस की तैयारी कर रहा है। छोटी बेटी मीनाक्षी और मनीषा पढ़ रही हैं।

अंतिम समय में निभाया सैनिक का कर्तव्य 
कसेरूखेड़ा सैनिक कॉलोनी के रहने वाले कैप्टन वीर सिंह रावत व अन्य स्थानीय लोगों ने बताया कि राम सिंह बेहद मिलनसार थे। उनकी बातों में देशभक्ति का जुनून साफ झलकता था। किसी भी परिस्थिति में देश के लिए समर्पित रहने का जज्बा था। लोगों ने बताया कि सूचना आई कि गोली लगने के बाद भी उन्होंने आतंकी को नहीं छोड़ा। लोग उनकी बहादुरी की चर्चा करते रहे।

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