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सांसों का संकट होगा दूर, ऑक्सीजन मिलेगी भरपूर
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मेरठ। अस्पतालों में अब ऑक्सीजन की किल्लत नहीं होगी। बृहस्पतिवार को 11 ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांटों की शुरुआत कर दी गई। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से इनका लोकार्पण किया। स्थानीय स्तर पर सांसदों और विधायकों ने इनका रिबन काटकर शुभारंभ किया।
कोरोना संक्रमण के दौरान ऑक्सीजन की किल्लत के कारण मरीजों की सांसों का संकट रहा था। ऑक्सीजन के अभाव में प्राणवायु को मरीज तड़पे थे। इसी के बाद से ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने की कवायद शुरू हुई थी, जिसने अब अमलीजामा पहना है। तीन ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट (मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और कंट्रोलमेंट अस्पताल) पीएम केयर्स फंड से लगाए गए हैं, जबकि बाकी सांसद निधि, विधायक निधि और अन्य स्तर से लगाए गए हैं। मेडिकल कॉलेज में राज्यसभा सांसद कांता कर्दम ने उद्घाटन किया। जिला अस्पताल में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, महिला जिला अस्पताल और कंट्रोनमेंट अस्पताल में विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल ने उद्घाटन किया। इसके बाद इन स्थानों पर प्रधानमंत्री का लाइव संबोधन देखा गया। इसी तरह देहात में सात सामुदायिक केंद्रों पर हुआ। यह केंद्र हैं, परीक्षितगढ़, हस्तिनापुर, खरखौदा, रोहटा, दौराला, मवाना और किठौर।
मेडिकल में राज्यसभा सांसद विजय पाल तोमर और सांसद डॉ राजेन्द्र अग्रवाल भी पहुंचे। डीएम के बालाजी और प्रधानाचार्य डॉ ज्ञानेंद्र कुमार भी मौजूद रहे। पीएल शर्मा जिला अस्पताल में सांसद ने प्लांट में भ्रमण कर इसकी संचालन प्रक्रिया को देखा। इसके बाद पीएम के वर्चुअल कार्यक्रम को जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. हीरा सिंह, पैथोलॉजी प्रभारी कौशलेंद्र समेत अन्य स्टाफ ने सुना। महिला जिला अस्पताल में विधायक प्रमुख अधीक्षक डॉ मनीषा अग्रवाल, प्रशासनिक अधिकारी करुणा शर्मा और अस्पताल प्रबंधक नूपुर सिंह आदि रहे।
स्वास्थ्य केन्द्रों में बिस्तर व ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता
अस्पताल नाम बिस्तर प्लांट की क्षमता (एलपीएम)
एलएलआर मेडिकल कॉलेज 750 1000
पीएल शर्मा हॉस्पिटल 250 1000
डफरिन महिला अस्पताल 160 960
कैंट हॉस्पिटल 70 250
सीएचसी परीक्षितगढ़ 30 150
सीएचसी दौराला 30 333
सीएचसी हस्तिनापुर 30 150
सीएचसी खरखौदा 30 200
सीएचसी किठौर माछारा 50 250
सीएचसी मवाना 30 45
सीएचसी रोहटा 30 200
मरीजों को होगा फायदा
एलपीएम का मतलब है, लीटर पर मिनट। यानी एक मिनट में कितने लीटर ऑक्सीजन तैयार होगी। जब एक मरीज को बहुत ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है, तब हर घंटे दो से तीन लीटर की आवश्यकता होती है। मरीजों के लिए काफी अच्छा है। - डॉ. विश्वास चौधरी, नोडल अधिकारी, ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट
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कोरोना संक्रमण के दौरान ऑक्सीजन की किल्लत के कारण मरीजों की सांसों का संकट रहा था। ऑक्सीजन के अभाव में प्राणवायु को मरीज तड़पे थे। इसी के बाद से ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने की कवायद शुरू हुई थी, जिसने अब अमलीजामा पहना है। तीन ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट (मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और कंट्रोलमेंट अस्पताल) पीएम केयर्स फंड से लगाए गए हैं, जबकि बाकी सांसद निधि, विधायक निधि और अन्य स्तर से लगाए गए हैं। मेडिकल कॉलेज में राज्यसभा सांसद कांता कर्दम ने उद्घाटन किया। जिला अस्पताल में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, महिला जिला अस्पताल और कंट्रोनमेंट अस्पताल में विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल ने उद्घाटन किया। इसके बाद इन स्थानों पर प्रधानमंत्री का लाइव संबोधन देखा गया। इसी तरह देहात में सात सामुदायिक केंद्रों पर हुआ। यह केंद्र हैं, परीक्षितगढ़, हस्तिनापुर, खरखौदा, रोहटा, दौराला, मवाना और किठौर।
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मेडिकल में राज्यसभा सांसद विजय पाल तोमर और सांसद डॉ राजेन्द्र अग्रवाल भी पहुंचे। डीएम के बालाजी और प्रधानाचार्य डॉ ज्ञानेंद्र कुमार भी मौजूद रहे। पीएल शर्मा जिला अस्पताल में सांसद ने प्लांट में भ्रमण कर इसकी संचालन प्रक्रिया को देखा। इसके बाद पीएम के वर्चुअल कार्यक्रम को जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. हीरा सिंह, पैथोलॉजी प्रभारी कौशलेंद्र समेत अन्य स्टाफ ने सुना। महिला जिला अस्पताल में विधायक प्रमुख अधीक्षक डॉ मनीषा अग्रवाल, प्रशासनिक अधिकारी करुणा शर्मा और अस्पताल प्रबंधक नूपुर सिंह आदि रहे।
स्वास्थ्य केन्द्रों में बिस्तर व ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता
अस्पताल नाम बिस्तर प्लांट की क्षमता (एलपीएम)
एलएलआर मेडिकल कॉलेज 750 1000
पीएल शर्मा हॉस्पिटल 250 1000
डफरिन महिला अस्पताल 160 960
कैंट हॉस्पिटल 70 250
सीएचसी परीक्षितगढ़ 30 150
सीएचसी दौराला 30 333
सीएचसी हस्तिनापुर 30 150
सीएचसी खरखौदा 30 200
सीएचसी किठौर माछारा 50 250
सीएचसी मवाना 30 45
सीएचसी रोहटा 30 200
मरीजों को होगा फायदा
एलपीएम का मतलब है, लीटर पर मिनट। यानी एक मिनट में कितने लीटर ऑक्सीजन तैयार होगी। जब एक मरीज को बहुत ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है, तब हर घंटे दो से तीन लीटर की आवश्यकता होती है। मरीजों के लिए काफी अच्छा है। - डॉ. विश्वास चौधरी, नोडल अधिकारी, ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट