Moradabad: बच्चों की मौत के बाद 10 दिन में 2.8 करोड़ घटी कफ सिरप की बिक्री, UP में एंटीबायोटिक की सर्वाधिक खपत
देश में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद इसकी बिक्री पर असर पड़ा है। अब लोग घरेलू उपायों से खांसी से राहत पाने का प्रयास कर रहे हैं। केमिस्ट संगठन के आंकड़े के मुताबिक जिले में 10 दिन में बिक्री में 2.80 करोड़ रुपये की कमी आई है।

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मध्य प्रदेश व राजस्थान में बच्चों की मौतों के बाद हर कंपनी के कफ सिरप की बिक्री पर असर पड़ा है। बच्चों को खांसी होने पर डॉक्टर नेबुलाइजर की सलाह दे रहे हैं। लोग भी घरेलू उपायों से खांसी से राहत पाने का प्रयास कर रहे हैं।

केमिस्ट संगठन के आंकड़े के मुताबिक जिले में 10 दिन में बिक्री में 2.80 करोड़ रुपये की कमी आई है। जिले में करीब 4000 पंजीकृत थोक व रीटेल दवा विक्रेता हैं। मार्केट में करीब 100 कंपनियों के कफ सिरप उपलब्ध हैं। ज्यादा बिक्री 20 ब्रांड के सिरप की है।
बच्चों के कफ सिरप की कीमत 70 रुपये से 200 रुपये तक है। सूखी खांसी, एलर्जिक इनफेक्शन, सांस की नली में सूजन के लिए सिरप भी अलग-अलग हैं। इन दिनों डॉक्टर खांसी का सिरप लिखने से बच रहे हैं। सूखी खांसी में भी सिर्फ ग्लिसरॉल वाले सिरप लिखे जा रहे हैं।
जिला अस्पताल में भी सिरप की खपत कम हो गई है। पहले जहां हर दिन करीब 50 सिरप खत्म हो रहे थे, अब यह संख्या घटकर 20 रह गई है। डॉक्टरों का कहना है कि जिस कंपनी के कफ सिरप से दूसरे प्रदेशों में बच्चों की मौत हुई।
उस कंपनी की सप्लाई यूपी के मार्केट में कहीं नहीं है। ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन ने भी इस बात पर मुहर लगाई है। इसके बावजूद लोग एहतियात बरतते हुए कफ सिरप नहीं ले रहे हैं। डॉक्टर भी नेबुलाइजर का इस्तेमाल करने व गुनगुना पानी पिलाने की सलाह दे रहे हैं।
इन दिनों पैरासिटामोल व एंटीबायोटिक की सर्वाधिक खपत
वायरल बुखार इस बार लंबा चल रहा है। इसके अलावा डेंगू के मरीज मिलने शुरू हो गए हैं। लिहाजा अस्पतालों में व साधारण क्लीनिक पर पैरासिटामोल की खपत बढ़ गई है। वायरल बुखार तीन दिन से ज्यादा रहने पर डॉक्टर एंटीबायोटिक की सलाह दे रहे हैं।
एजीथ्रोमाइसिन, गुडसेफ, एमोक्सीसिलिन, सिफिक्जीम आदि एंटीबायोटिक दवाओं की खपत बढ़ी है। हर दिन करीब 10 लाख रुपये की टैबलेट जिले में खप रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू के मरीज ज्यादा संख्या में नहीं हैं लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है।