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अरुण आया सामने, बताई टार्चर की दास्तां
अमर उजाला ब्यूरो/ मुजफ्फरनगर
Updated Tue, 21 Feb 2017 11:53 PM IST
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महिमा की मां के बयान दर्ज करते एसपी क्राइम।
- फोटो : अमर उजाला
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महिमा आत्महत्या मामले में नामजद आरोपियों के शिकंजे से लखनऊ से भागे अक्षय का दोस्त अरुण वारदात के राज खोलेगा। 11 फरवरी की रात बंधक बनाकर रखे गए देवप्रकाश और अक्षय के साथ उसे भी टार्चर किया गया था। ललितपुर के माता टिल्ला डैम की मछलियों के भुगतान की साढ़े चार लाख की लूट के लिए आरोपियों ने उसे भी निशाने पर ले लिया था।
अंकित विहार निवासी अक्षय पुत्र देव प्रकाश विश्वकर्मा का मित्र अरुण गुर्जर पुरकाजी क्षेत्र के गांव मेघा शकरपुर निवासी है। उसकी खेतीबाड़ी और परिवार गांव में रहता है, जबकि वह अपने भाई नीरज के साथ देहरादून में फ्रिज और एसी रिपेयरिंग का काम करता है। अक्षय के पिता देव प्रकाश से लखनऊ में हुई लूट के बाद दोस्त की मदद के लिए वह 10 फरवरी को छतीसगढ़ एक्सप्रेस से झांसी गया था, जहां से वह देवप्रकाश और अक्षय के साथ लखनऊ आया।
पहली बार घटना का चश्मदीद अरुण सामने आया है। बकौल अरुण, आरोपी पचेंडा निवासी युधिष्ठिर पहलवान और अन्य उन्हें लखनऊ एसएसपी मंजिल सैनी के कैंप कार्यालय ले गए थे। एक घंटे बाद हमारा उत्पीड़न शुरू हो गया। क्राइम ब्रांच लखनऊ के पुलिसकर्मियों ने हमें गाड़ी में डाल लिया। पिता और पुत्र की पिटाई की गई। हजरतगंज थाने में मैने युधिष्ठिर पहलवान से कहा कि अक्षय का पिता देवप्रकाश पांच-छह साल से आपके यहां काम करता है।
कंपनी के पैसे की लूट लखनऊ में हुई है। फिर आप एकतरफा कार्रवाई करते हुए कैसे इन्हीं से साढ़े चार लाख रुपये वसूलना चाहते हैं। शाम को क्राइम ब्रांच ने हमें युधिष्ठिर के हवाले कर दिया, जहां से हम पन्नालाल धर्मशाला में गए। वहां हमें दबंगों ने बंधक बनाकर रखा। रात में मौका पाकर मैं भाग निकला और सीधा 13 फरवरी की सुबह देहरादून पहुंचा। फोन का संपर्क नहीं था। पता चला कि 16 फरवरी को अक्षय की बहन महिमा ने उत्पीड़न और धमकी से तंग आकर खुदकुशी कर ली।
आरोपियों ने यहां तक कहा कि तू ही लूट का मास्टर माइंड है। उन्होंने मेरे फोन पर रकम वसूलने की धमकी दी। बदहवास हालत में लखनऊ से लौटे अरुण का एक एक्सीडेंट में पैर फैक्चर हो गया। वह 16 फरवरी को महिमा की मौत के बाद मुजफ्फरनगर के अंकित विहार भी पहुंचा था। मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच के लिए अरुण की गवाही भी अहम हो गई है, क्योंकि लखनऊ में पिता-पुत्र को बंधक बनाने और शारीरिक प्रताड़ना देने का वह चश्मदीद है।
मछली कंपनी के पार्टनरों से पूछताछ
मुजफ्फरनगर। एसपी क्राइम आदित्य कुमार वर्मा ने ललितपुर के माता टिल्ला डैम का ठेका धारक कंपनी ब्लू रिवोलेशन के पार्टनर विनोद कुमार निवासी लछेड़ा थाना मंसूरपुर और आरोपी डॉ डबास से घटना की जानकारी ली। मामले में क्राइम ब्रांच ने विवेचक तय कर दिया है। पूरा मामला ललितपुर, लखनऊ और महिमा की आत्महत्या से जुड़ा है। वादी मां संजू देवी, भाई अक्षय और बाबा रामस्वरूप के बयानों के बाद क्राइम ब्रांच टीम पूरे मामले की तहकीकात में जुट गई है।
कॉल डिटेल से होगा खुलासा
मुजफ्फरनगर। महिमा आत्महत्या के हाई प्रोफाइल मामले में क्राइम ब्रांच ने खुलासे के लिए चार फरवरी से 17 फरवरी तक की अवधि की काल डिटेल खंगालनी शुरू कर दी है। आरोपी युधिष्ठिर और अन्य ने कितनी बार पीड़ित परिवार को फोन किए, कितनी अवधि तक बात की। क्राइम ब्रांच उस अज्ञात आरोपी की तलाश कर रही है, जिसने युधिष्ठिर के कहने पर अंकित विहार जाकर पीड़िता की मां को अंजाम भुगतने की धमकी दी थी।

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अंकित विहार निवासी अक्षय पुत्र देव प्रकाश विश्वकर्मा का मित्र अरुण गुर्जर पुरकाजी क्षेत्र के गांव मेघा शकरपुर निवासी है। उसकी खेतीबाड़ी और परिवार गांव में रहता है, जबकि वह अपने भाई नीरज के साथ देहरादून में फ्रिज और एसी रिपेयरिंग का काम करता है। अक्षय के पिता देव प्रकाश से लखनऊ में हुई लूट के बाद दोस्त की मदद के लिए वह 10 फरवरी को छतीसगढ़ एक्सप्रेस से झांसी गया था, जहां से वह देवप्रकाश और अक्षय के साथ लखनऊ आया।
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पहली बार घटना का चश्मदीद अरुण सामने आया है। बकौल अरुण, आरोपी पचेंडा निवासी युधिष्ठिर पहलवान और अन्य उन्हें लखनऊ एसएसपी मंजिल सैनी के कैंप कार्यालय ले गए थे। एक घंटे बाद हमारा उत्पीड़न शुरू हो गया। क्राइम ब्रांच लखनऊ के पुलिसकर्मियों ने हमें गाड़ी में डाल लिया। पिता और पुत्र की पिटाई की गई। हजरतगंज थाने में मैने युधिष्ठिर पहलवान से कहा कि अक्षय का पिता देवप्रकाश पांच-छह साल से आपके यहां काम करता है।
कंपनी के पैसे की लूट लखनऊ में हुई है। फिर आप एकतरफा कार्रवाई करते हुए कैसे इन्हीं से साढ़े चार लाख रुपये वसूलना चाहते हैं। शाम को क्राइम ब्रांच ने हमें युधिष्ठिर के हवाले कर दिया, जहां से हम पन्नालाल धर्मशाला में गए। वहां हमें दबंगों ने बंधक बनाकर रखा। रात में मौका पाकर मैं भाग निकला और सीधा 13 फरवरी की सुबह देहरादून पहुंचा। फोन का संपर्क नहीं था। पता चला कि 16 फरवरी को अक्षय की बहन महिमा ने उत्पीड़न और धमकी से तंग आकर खुदकुशी कर ली।
आरोपियों ने यहां तक कहा कि तू ही लूट का मास्टर माइंड है। उन्होंने मेरे फोन पर रकम वसूलने की धमकी दी। बदहवास हालत में लखनऊ से लौटे अरुण का एक एक्सीडेंट में पैर फैक्चर हो गया। वह 16 फरवरी को महिमा की मौत के बाद मुजफ्फरनगर के अंकित विहार भी पहुंचा था। मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच के लिए अरुण की गवाही भी अहम हो गई है, क्योंकि लखनऊ में पिता-पुत्र को बंधक बनाने और शारीरिक प्रताड़ना देने का वह चश्मदीद है।
मछली कंपनी के पार्टनरों से पूछताछ
मुजफ्फरनगर। एसपी क्राइम आदित्य कुमार वर्मा ने ललितपुर के माता टिल्ला डैम का ठेका धारक कंपनी ब्लू रिवोलेशन के पार्टनर विनोद कुमार निवासी लछेड़ा थाना मंसूरपुर और आरोपी डॉ डबास से घटना की जानकारी ली। मामले में क्राइम ब्रांच ने विवेचक तय कर दिया है। पूरा मामला ललितपुर, लखनऊ और महिमा की आत्महत्या से जुड़ा है। वादी मां संजू देवी, भाई अक्षय और बाबा रामस्वरूप के बयानों के बाद क्राइम ब्रांच टीम पूरे मामले की तहकीकात में जुट गई है।
कॉल डिटेल से होगा खुलासा
मुजफ्फरनगर। महिमा आत्महत्या के हाई प्रोफाइल मामले में क्राइम ब्रांच ने खुलासे के लिए चार फरवरी से 17 फरवरी तक की अवधि की काल डिटेल खंगालनी शुरू कर दी है। आरोपी युधिष्ठिर और अन्य ने कितनी बार पीड़ित परिवार को फोन किए, कितनी अवधि तक बात की। क्राइम ब्रांच उस अज्ञात आरोपी की तलाश कर रही है, जिसने युधिष्ठिर के कहने पर अंकित विहार जाकर पीड़िता की मां को अंजाम भुगतने की धमकी दी थी।