महू-नीमच हाईवे पर स्थित ग्राम जमुनिया क्षेत्र में सड़क किनारे जिले के नामली नगर के गैरेज संचालक 42 वर्षीय जीनवदास बैरागी पिता गोपालदास बैरागी का शव एक पेड़ पर फांसी के फंदे पर लटका मिला। उसकी पत्नी तीन बेटियों को लेकर दो सप्ताह पहले कहीं चली गई थी। लापता पत्नी व बेटियों को वह तलाश करने निकला था। उसके फांसी के फंदे पर लटकने का कारण पता नहीं चला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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पुलिस के अनुसार शनिवार रात करीब आठ बजे किसी ने उसका शव जीवनदास बैरागी नामली नागर केवार्ड क्रमांक दो के पीछे स्थित छात्रावास के पास का रहने वाला है। पेड़ के पास उसका स्कूटर भी खड़ा हुआ था। सूचना मिलने पर बिलपांक थाना प्रभारी अय्यूब खान, एसआई सुरेश गोयल, एफएसएल अधिकारी डॉ. अतुल मित्तल व अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे तथा शव व घटना स्थल की जांच कर शव पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भिजवाया। मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई तथा कुछ देर बाद उसके परिजन भी पहुंच गए। उन्होंने शव की पहचान जीवनदास बैरागी के रूप में की।
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थाना प्रभारी अय्यूब खान ने बताया कि अभी तक जानकारी मिली है कि जीवनदास बैरागी की पत्नी किसी बात को लेकर हुए विवाद के चलते तीन बेटियों को लेकर दो सप्ताह पहले कहीं चली गई है। वह उन्हें ही तलाश कर रहा था। चार दिन पहले वह घर से निकला था, लेकिन घर वापस नहीं पहुंचा। उसकी चार बेटियां हैं। सबसे बड़ी बेटी अपनी बुआ कर घर पर रह रही है। जीवनदास बैरागी का ससुराल धार जिले के ग्राम रिंगनोद में है। रात करीब साढ़े सात बजे छोटे भाई देवंद्रदास बैरागी ने जीवनदास को फोन किया था, लेकिन उसन रिसीव नहीं किया। नामली थाने पर जीवनदास बैरागी की पत्नी व बेटियों की कुछ दिन पहले गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी। उसके फांसी के लटकने का कारण पता नहीं चला है। जांच के बाद ही कारण पता चला जाएगा। रविवार सुबह करीब 11 बजे पोस्टमार्टम कराकर शव परिजन को सौंप दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
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