सिलिंडर ब्लास्ट अपडेट: पिता की जगह मिली थी नौकरी, प्रोन्नत होकर कानूनगो बने थे अमित गौड़
शामली के रहने वाले राम मोहन गौड़ का निधन 23 साल पहले हो गया था, जिसके बाद उनके बड़े बेटे अमित गौड़ को उनकी जगह नौकरी मिली। अमित अमीन से प्रोन्नत होकर कानूनगो बने और दो महीने पहले ही मुजफ्फरनगर की वसुंधरा कॉलोनी में अपने परिवार के साथ आकर रहने लगे थे। काला पीलिया से ग्रस्ति अमित को देखने के लिए 15 दिन पहले ही उनकी मां और भाई शामली से आये थे।
विस्तार
मुजफ्फरगनर की वसुंधरा कॉलोनी में मकान में हुए सिलिंडर ब्लास्ट में मारे गए शामली के बड़ा बाजार निवासी अमित गौड़ के पिता राम मोहन गौड़ का लगभग 23 साल पहले बीमारी के कारण निधन हो गया था। वह शामली तहसील में अमीन थे। उनके बाद बड़े बेटे अमित गौड़ को अमीन की नौकरी मिल गई। वह पहले बुढ़ाना फिर सहारनपुर के बेहट में तैनात रहे। कानूनगो पद पर प्रोन्नत हुए और अब देवबंद तहसील में नियुक्त थे। बीमारी के कारण इन दिनों घर पर ही रहे थे। राममोहन गौड़ की पेंशन से ही सुशीला और उनके बेटे नितिन का गुजारा चलता था।
बीमार बेटे को देखने आई थी सुशीला
कानूनगो अमित गौड़ काला पीलिया से पीड़ित थे। वर्तमान में उनका उपचार ऋषिकेश एम्स में चल रहा था। मां सुशीला देवी और छोटा भाई नितिन उन्हें देखने के लिए 15 दिन पहले ही वसुंधरा रेजीडेंसी में आए थे। नितिन खुद भी बीमार रहता था।
छुट्टियों पर घर आई थी बड़ी बेटी
कानूनगो की बड़ी बेटी अक्षिका (22) एमसीए करने के बाद देहरादून एक प्राइवेट बैंक में नौकरी कर रही है। वह भी कुछ दिन पहले घर आई थी। ब्लास्ट के समय अमित की दोनों बेटियां अपनी मां के साथ कुत्ता घुमाने घर से बाहर चली गई थी।
