{"_id":"587d115d4f1c1b233aefeb1a","slug":"election-duty","type":"story","status":"publish","title_hn":"चुनाव ड्यूटी से रोडवेज डिपो होगा मालामाल ","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
चुनाव ड्यूटी से रोडवेज डिपो होगा मालामाल
अमर उजाला ब्यूरो/ मुजफ्फरनगर
Updated Tue, 17 Jan 2017 12:01 AM IST
विज्ञापन
up roadways
विज्ञापन
चुनावी ड्यूटी से रोडवेज डिपो मालामाल होगा। डिपो की जितनी भी बस ड्यूटी में दौड़ लगाएंगी, उनका रोजाना के हिसाब से ही आयोग भुगतान देगा। डिपो की 50 बसें चुनावी ड्यूटी में जाएंगी। इनका परिवहन निगम रोज चुनाव आयोग से करीब साढ़े आठ लाख रुपये वसूल करेगा।
प्रशासनिक स्तर पर पोलिंग पार्टियों और कर्मचारियों को विधानसभा में छोड़ने एवं लाने के लिए बसों की मांग की गई है। जिसके चलते मुख्यालय से डिपो को आदेश दिए गए हैं। डिपो की 50 बसें चुनाव ड्यूटी में जाएंगी। खास यह है कि चुनावी ड्यूटी में बसों के दौड़ने से परिवहन निगम को कोई नुकसान नहीं होगा।
परिवहन निगम को चुनाव आयोग से बस का रोजाना किराया मिलेगा, क्योंकि परिवहन निगम की एक बस रोजाना कम से कम 400 किमी चलती है। जिसके आधार पर एक दिन की कमाई 16 से 17 हजार रुपये बताई गई है। आयोग भी इसी तरह से बसों का अधिग्रहण करेगा।
अधिग्रहण होने वाली बस रोजाना के हिसाब से केवल 400 किमी चलेगी। एक बस का आयोग 17 हजार रुपये का किराया देगा। अब यदि डिपो की 50 बसें चुनावी ड्यूूटी में गई तो एक दिन में तकरीबन साढ़े आठ रुपये का चार्ज बनेगा। बसें जितने दिन भी दौड़ लगाएगी, उतने दिन का ही किराया मिलेगा। एआरएम बीपी अग्रवाल ने बताया कि चुनावी ड्यूटी में लगने वाली बसों का आयोग से किराया मिलता है। रोजाना एक बस से होने वाली आय के बराबर किराया आयोग परिवहन निगम को देता है।
यात्रियों को होगी मुसीबत
मुजफ्फरनगर। परिवहन निगम की बसों की चुनावी ड्यूटी में जाने के बाद यात्रियों को मुसीबत होगी। डिपो की ड्यूटी में बल्ले-बल्ले रहेगी। रोडवेज अधिकारियों ने बताया कि जिस रूट से बस हटाई जाएगी, वहां पर अनुबंधित बसों को लगाया जाएगा। ताकि यात्रियों को असुविधा न हो सके।
Trending Videos
प्रशासनिक स्तर पर पोलिंग पार्टियों और कर्मचारियों को विधानसभा में छोड़ने एवं लाने के लिए बसों की मांग की गई है। जिसके चलते मुख्यालय से डिपो को आदेश दिए गए हैं। डिपो की 50 बसें चुनाव ड्यूटी में जाएंगी। खास यह है कि चुनावी ड्यूटी में बसों के दौड़ने से परिवहन निगम को कोई नुकसान नहीं होगा।
विज्ञापन
विज्ञापन
परिवहन निगम को चुनाव आयोग से बस का रोजाना किराया मिलेगा, क्योंकि परिवहन निगम की एक बस रोजाना कम से कम 400 किमी चलती है। जिसके आधार पर एक दिन की कमाई 16 से 17 हजार रुपये बताई गई है। आयोग भी इसी तरह से बसों का अधिग्रहण करेगा।
अधिग्रहण होने वाली बस रोजाना के हिसाब से केवल 400 किमी चलेगी। एक बस का आयोग 17 हजार रुपये का किराया देगा। अब यदि डिपो की 50 बसें चुनावी ड्यूूटी में गई तो एक दिन में तकरीबन साढ़े आठ रुपये का चार्ज बनेगा। बसें जितने दिन भी दौड़ लगाएगी, उतने दिन का ही किराया मिलेगा। एआरएम बीपी अग्रवाल ने बताया कि चुनावी ड्यूटी में लगने वाली बसों का आयोग से किराया मिलता है। रोजाना एक बस से होने वाली आय के बराबर किराया आयोग परिवहन निगम को देता है।
यात्रियों को होगी मुसीबत
मुजफ्फरनगर। परिवहन निगम की बसों की चुनावी ड्यूटी में जाने के बाद यात्रियों को मुसीबत होगी। डिपो की ड्यूटी में बल्ले-बल्ले रहेगी। रोडवेज अधिकारियों ने बताया कि जिस रूट से बस हटाई जाएगी, वहां पर अनुबंधित बसों को लगाया जाएगा। ताकि यात्रियों को असुविधा न हो सके।