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Strike in West UP: हड़ताल से हाल बेहाल, फंस गया 100 करोड़ का माल, मंडी से नहीं हुई गुड़ की आपूर्ति

संवाद न्यूज एजेंसी, मुजफ्फरनगर Published by: कपिल kapil Updated Tue, 02 Jan 2024 09:01 PM IST
सार

Strike in West UP : मुजफ्फरनगर में ट्रांसपोर्टरों और चालकों की हड़ताल से हाल बेहाल हो गया। बताया गया कि हड़ताल में 100 करोड़ का माल फंस गया और मंडी से गुड़ की आपूर्ति नहीं हो सकी।

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Goods of 100 crore stuck in strike of transporters and drivers in Muzaffarnagar
मुजफ्फरनगर में हड़ताल में सौ करोड़ का माल फंसा। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मोटर व्हीकल एक्ट के सख्त प्रावधान के खिलाफ ट्रांसपोर्टरों और चालकों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। मुजफ्फरनगर जिले में उद्योगों पर सौ करोड़ का असर पड़ा और ट्रांसपोर्ट पर माल फंस गया। बसों का संचालन बेपटरी रहा, जिससे यात्रियों ने परेशानी झेली। गन्ना उठान भी प्रभावित हुआ। ऑल ड्राइवर कल्याण संघ के पदाधिकारियों ने डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी से मुलाकात की।

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मंगलवार को हड़ताल का व्यापक असर दिखा। मंडियों में सब्जी की आवक प्रभावित हुई। देहात क्षेत्र में सब्जियों के दामों में बढ़ोती हुई है। गुड़ की आपूर्ति नहीं हो सकी। नगरीय क्षेत्र में कई जगह दूध की सप्लाई नहीं हुई। खतौली, बुढ़ाना, मीरापुर, मोरना समेत देहात देहात में चालकों ने अपनी मांग के समर्थन में प्रदर्शन किया। पेपर, चीनी, सरिया समेत अन्य माल ट्रांसपोर्ट पर फंस गया है। बाहर से भी जिले में माल नहीं आ पाया। मिलों में गन्ना ढुलाई पर आंशिक असर रहा। रोडवेज की कुछ बसों का संचालन शुरू हो गया। अभी प्राइवेट बस खड़ी हैं।

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उधर, ऑल ड्राइवर कल्याण संघ के अध्यक्ष वसीम के साथ अन्य पदाधिकारियों ने डीएम को मांग पत्र सौंपा। परिवहन निगम के एआरएम भुवनेश्वर कुमार ने बताया कि चालकों को समझा बुझाकर आधी बसों का संचालन शुरू कराया है। आधी बसों के चालकों को सूचना कराई है।

मंडी से नहीं हुई गुड़ की आपूर्ति
हड़ताल के कारण एशिया की सबसे बड़ी मंडी से गुड़ की आपूर्ति प्रभावित रही। व्यापारी संजय मित्तल ने बताया कि मंडी से राजस्थान, पंजाब, गुजराज में गुड़ सप्लाई किया जाता है, लेकिन हड़ताल के कारण गुड़ नहीं जा रहा है। जिस कारण अब तक व्यापारियों को एक करोड़ 80 लाख का नुकसान हुआ है।

करोड़ों का सरिया कारोबार प्रभावित
उद्यमी भीमसेन कंसल ने कहा कि रोजाना जिले से लगभग 18 करोड़ का सरिया बाहर भेजा जाता है। यही नहीं 13 करोड़ से ज्यादा का कच्चा माल आयात किया जाता है। हड़ताल के कारण दोनों ही तरह का कारोबार प्रभावित हैं।

पेपर उद्योग पर छाया संकट
पूर्व पालिकाध्यक्ष एवं उद्यमी पंकज अग्रवाल का कहना है कि जिले की 33 पेपर मिलों में रोजाना 20 करोड़ का पेपर उत्पादन होता है, जो ट्रकों की हड़ताल के कारण पेपर बाहर नहीं भेजा जा सका। जिससे पेपर उद्योग को अभी तक 40 करोड़ का नुकसान हो चुका है। कच्चा माल भी नहीं आ पाया है यदि यहीं हाल रहा तो एक-दो दिन में मिलों को बंद करना पड़ सकता है।

यहां फंसा है माल
ट्रांसपोर्टर योगेंद्र मोहन तायल ने कहा कि ट्रांसपोर्ट पर लगभग 50 गाड़ी पेपर, चीनी आदि का तीन करोड़ का माल पड़ा है। उनके यहां बाहर से भी माल लेकर गाड़ी नहीं आ पा रही हैं। आसिफ राही ने बताया कि एक करोड़ का सरिया बाहर भेजने के लिए पड़ा है।

पेट्रोल-गैस की परेशानी नहीं, ग्राहक हुए बेचैन
पेट्रोल पंप मालिक कुलदीप गुप्ता बताते हैं कि दो दिन पहले सभी ने अपना स्टॉक पूरा कर लिया था। कोफेड गैस एजेंसी संचालकों का कहना है कि अभी गैस आने में कोई परेशानी नहीं है। बुधवार को भी गाड़ी आएगी। उधर, मोरना क्षेत्र में पेट्रोल लेने के लिए पंपों पर लोगों की कतार लग गई।

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कई क्षेत्रों में नहीं पहुंचा दूध
खालापार में मधुसूदन दूध डेयरी के संचालक सावेज का कहना है कि चालकों की हड़ताल के कारण खालापार, बुढ़ाना मोड़, सूजड़ू क्षेत्र में दूध नहीं पहुंचा। नगर में मदर डेयरी के संचालक रविश गुप्ता ने कहा कि समस्या तो नहीं हुई, लेकिन सप्लाई देर से पहुंची थी।

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