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Raebareli News: आस्था का सैलाब, 10 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली
Updated Thu, 06 Nov 2025 01:27 AM IST
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ऊंचाहार के गोकना गंगा तट पर स्नान करते श्रद्धालु।
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रायबरेली। कार्तिक पूर्णिमा पर बुधवार को गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। रात में ही लाखों श्रद्धालु गंगा तट पर पहुंच गए थे। तड़के चार बजे से हर-हर गंगे के जयकारों के साथ पावन स्नान का सिलसिला शुरू हो गया।
कार्तिक पूर्णिमा पर बुधवार सुबह डलमऊ का प्रांतीय कार्तिक पूर्णिमा मेला आस्था और श्रद्धा का विशाल केंद्र बन गया। बुधवार को सूर्योदय के साथ ही गंगा घाटों पर हर हर गंगे और गंगे मइया की जय के उद्घोष से वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया। कार्तिक पूर्णिमा पर करीब 10 लाख श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।
डलमऊ प्रतिनिधि के मुताबिक किला घाट, सड़क घाट, वीआईपी घाट, रानी शिवाला घाट, संकट मोचन घाट, पक्काघाट, पटवारी घाट, शुकुल घाट, महावीरन घाट, छोटा मठ घाट, बड़ा मठ घाट पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर पुण्य अर्जन किया। भगवान विष्णु, शिव, लक्ष्मी व गंगा माता की पूजा-अर्चना की। महिलाओं ने स्नान के बाद दीपदान कर पारंपरिक भजन गाए और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
श्रद्धालु कलश यात्रा और झांंकियों के साथ गंगा तट तक पहुंचे। मेले में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से मुख्य और संपर्क मार्गों पर भारी दबाव रहा। जाम के कारण कई श्रद्धालुओं को गंगा घाटों तक पैदल जाना पड़ा। स्नान, पूजा-अर्चना और दीपदान के साथ घाटों पर भक्ति और उल्लास वातावरण छाया रहा।
गंगा तटों पर भगवान सत्यनारायण कथा, हवन, आरती और सामूहिक भजन सत्संग भी चलते रहे, जिससे पूरा क्षेत्र आध्यात्मिक रंग में रंग गया। गंगा तट पर बड़ी संख्या में लोग बच्चों का मुंडन संस्कार कराने भी पहुंचे। महिलाएं पारंपरिक गीतों के साथ पूजा-अर्चना करती रहीं, जबकि ढोल-नगाड़ों और भजन की धुन ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।
अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि डलमऊ के विभिन्न गंगा घाटों पर पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। उधर, ऊंचाहार क्षेत्र के गोकना व गोला घाटों पर तीन लाख श्रद्धालुओं गंगा स्नान किया। स्नान के बाद लोगों ने मेले का लुत्फ उठाया। खरीदारी की। मां गंगा गोकर्ण जन कल्याण सेवा समिति के सचिव जितेंद्र द्विवेदी ने बताया कि लगभग तीन लाख लोगों ने स्नान किया है। कोतवाली प्रभारी अजय कुमार पुलिस बल के साथ घाट पर मुस्तैद रहे। एसडीएम राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा को लेकर व्यवस्थाएं दुुरुस्त रहीं।
गदागंज प्रतिनिधि के मुताबिक
भुरकुशापुर, सुल्तानपुर बढ़इया, धीरनपुर गंगा घाट पर भी श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। संतराम यादव, पंकज पाठक, हरिकेश सिंह, करन बहादुर सिंह, नागेंद्र सिंह, संजय सिंह ने बूंदी, पूड़ी, सब्जी वितरित कराई। गदागंज थाना प्रभारी दयानंद तिवारी ने कहा कि सकुशल गंगा स्नान निपटा। सरेनी प्रतिनिधि के मुताबिक गेगासो गंगा घाट पर दो लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। मां संकटा के पुजारी संतोष तिवारी ने बताया कि गेगासो के अलावा शिवपुरी व उत्तर वाहिनी रालपुर में भी श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई और मनकामेश्वर धाम में पूजा अर्चना की।
तटों पर श्रद्धालुओं ने डाला डेरा
डलमऊ में स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं का कहना था कि कार्तिक पूर्णिमा का गंगा स्नान मोक्षदायी माना जाता है। वर्षों पुरानी मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। ग्रामीण अंचलों से आने वाले श्रद्धालु परिवार समेत गंगा तट पर डेरा डालकर पूरी रात भक्ति में लीन रहे।
मेले में लोगों ने की खरीदारी
इतिहासकारों के मुताबिक डलमऊ का प्रांतीय कार्तिक पूर्णिमा मेला सैकड़ों वर्षों पुरानी परंपरा का प्रतीक है। यह मेला केवल धार्मिक आयोजन के रूप में जाना जाता था, पर अब यह व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी प्रसिद्ध हो चुका है। मेले में घरेलू सामानों, खिलौनों, मिठाइयों की दुकानों पर खूब बिक्री हुई। कुल मिलाकर बुधवार सुबह से देर शाम तक मेला श्रद्धा, भक्ति और परंपरा का संगम बना रहा।
स्नान के दौरान गुल रही बिजली
ऊंचाहार में मेले में तहसील प्रशासन की व्यवस्था तार-तार नजर आई। पेयजल, शौचालय व लाइट की व्यवस्था खराब रही। श्रद्धालु रमेश सिंह ने बताया कि रात में स्नान के दौरान बिजली गुल रही। जनरेटर चालू नहीं किया गया। इससे श्रद्धालुओं को घंटों अंधेरे में ही स्नान करना पड़ा। मेला प्रभारी भी मेले से नदारद रहे। एसडीएम राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मेले में सभी इंतजाम किए गए थे। लाइट की व्यवस्था न होने का आरोप निराधार है।
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कार्तिक पूर्णिमा पर बुधवार सुबह डलमऊ का प्रांतीय कार्तिक पूर्णिमा मेला आस्था और श्रद्धा का विशाल केंद्र बन गया। बुधवार को सूर्योदय के साथ ही गंगा घाटों पर हर हर गंगे और गंगे मइया की जय के उद्घोष से वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया। कार्तिक पूर्णिमा पर करीब 10 लाख श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।
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डलमऊ प्रतिनिधि के मुताबिक किला घाट, सड़क घाट, वीआईपी घाट, रानी शिवाला घाट, संकट मोचन घाट, पक्काघाट, पटवारी घाट, शुकुल घाट, महावीरन घाट, छोटा मठ घाट, बड़ा मठ घाट पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर पुण्य अर्जन किया। भगवान विष्णु, शिव, लक्ष्मी व गंगा माता की पूजा-अर्चना की। महिलाओं ने स्नान के बाद दीपदान कर पारंपरिक भजन गाए और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
श्रद्धालु कलश यात्रा और झांंकियों के साथ गंगा तट तक पहुंचे। मेले में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से मुख्य और संपर्क मार्गों पर भारी दबाव रहा। जाम के कारण कई श्रद्धालुओं को गंगा घाटों तक पैदल जाना पड़ा। स्नान, पूजा-अर्चना और दीपदान के साथ घाटों पर भक्ति और उल्लास वातावरण छाया रहा।
गंगा तटों पर भगवान सत्यनारायण कथा, हवन, आरती और सामूहिक भजन सत्संग भी चलते रहे, जिससे पूरा क्षेत्र आध्यात्मिक रंग में रंग गया। गंगा तट पर बड़ी संख्या में लोग बच्चों का मुंडन संस्कार कराने भी पहुंचे। महिलाएं पारंपरिक गीतों के साथ पूजा-अर्चना करती रहीं, जबकि ढोल-नगाड़ों और भजन की धुन ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।
अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि डलमऊ के विभिन्न गंगा घाटों पर पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। उधर, ऊंचाहार क्षेत्र के गोकना व गोला घाटों पर तीन लाख श्रद्धालुओं गंगा स्नान किया। स्नान के बाद लोगों ने मेले का लुत्फ उठाया। खरीदारी की। मां गंगा गोकर्ण जन कल्याण सेवा समिति के सचिव जितेंद्र द्विवेदी ने बताया कि लगभग तीन लाख लोगों ने स्नान किया है। कोतवाली प्रभारी अजय कुमार पुलिस बल के साथ घाट पर मुस्तैद रहे। एसडीएम राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा को लेकर व्यवस्थाएं दुुरुस्त रहीं।
गदागंज प्रतिनिधि के मुताबिक
भुरकुशापुर, सुल्तानपुर बढ़इया, धीरनपुर गंगा घाट पर भी श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। संतराम यादव, पंकज पाठक, हरिकेश सिंह, करन बहादुर सिंह, नागेंद्र सिंह, संजय सिंह ने बूंदी, पूड़ी, सब्जी वितरित कराई। गदागंज थाना प्रभारी दयानंद तिवारी ने कहा कि सकुशल गंगा स्नान निपटा। सरेनी प्रतिनिधि के मुताबिक गेगासो गंगा घाट पर दो लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। मां संकटा के पुजारी संतोष तिवारी ने बताया कि गेगासो के अलावा शिवपुरी व उत्तर वाहिनी रालपुर में भी श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई और मनकामेश्वर धाम में पूजा अर्चना की।
तटों पर श्रद्धालुओं ने डाला डेरा
डलमऊ में स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं का कहना था कि कार्तिक पूर्णिमा का गंगा स्नान मोक्षदायी माना जाता है। वर्षों पुरानी मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। ग्रामीण अंचलों से आने वाले श्रद्धालु परिवार समेत गंगा तट पर डेरा डालकर पूरी रात भक्ति में लीन रहे।
मेले में लोगों ने की खरीदारी
इतिहासकारों के मुताबिक डलमऊ का प्रांतीय कार्तिक पूर्णिमा मेला सैकड़ों वर्षों पुरानी परंपरा का प्रतीक है। यह मेला केवल धार्मिक आयोजन के रूप में जाना जाता था, पर अब यह व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी प्रसिद्ध हो चुका है। मेले में घरेलू सामानों, खिलौनों, मिठाइयों की दुकानों पर खूब बिक्री हुई। कुल मिलाकर बुधवार सुबह से देर शाम तक मेला श्रद्धा, भक्ति और परंपरा का संगम बना रहा।
स्नान के दौरान गुल रही बिजली
ऊंचाहार में मेले में तहसील प्रशासन की व्यवस्था तार-तार नजर आई। पेयजल, शौचालय व लाइट की व्यवस्था खराब रही। श्रद्धालु रमेश सिंह ने बताया कि रात में स्नान के दौरान बिजली गुल रही। जनरेटर चालू नहीं किया गया। इससे श्रद्धालुओं को घंटों अंधेरे में ही स्नान करना पड़ा। मेला प्रभारी भी मेले से नदारद रहे। एसडीएम राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मेले में सभी इंतजाम किए गए थे। लाइट की व्यवस्था न होने का आरोप निराधार है।