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Raebareli News: सेहत संकट में डाल सकती है मिलावटी आइसक्रीम
संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली
Updated Fri, 28 Nov 2025 01:11 AM IST
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रायबरेली। शादी-ब्याह व मांगलिक कार्यक्रमों का सीजन चल रहा है। ऐसे मौकों पर बच्चे-महिलाएं हों या बूढ़े-बुजुर्ग आइसक्रीम चाव से खाते हैं। लेकिन अब आइसक्रीम खाने वाले थोड़ा सतर्क हो जाएं, नहीं तो उनकी सेहत पर संकट आ सकता है। दरअसल, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन जिले के तीन आइसक्रीम निर्माताओं के यहां से नमूने लिए थे।
जांच में सिंथेटिक कलर मिलाए जाने की पुष्टि होने के बाद वे असुरक्षित व अधोमानक घोषित कर दिए गए हैं। विधि विश्लेषक प्रयोगशाला की जांच में मुंशीगंज की गंगा आइसक्रीम में सिंथेटिक कलर मिलने के बाद नमूने को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है। विभाग ने निर्माता के खिलाफ एसीजेएम कोर्ट में मुकदमे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जांच में अनिल व हनीडेज आइसक्रीम अवमानक मिलने के बाद एडीएम प्रशासन कोर्ट में मुकदमे का नोटिस दिया गया है।
बीते 15 मई को खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने मुंशीगंज स्थित गंगा आइसक्रीम से नमूना लेकर जांच के लिए भेजा था। प्रयोगशाला की जांच में सिंथेटिक कलर मिला। नमूने को असुरक्षित व अवमानक घोषित किया गया है। इसके अलावा सदुल्लापुर स्थित अनिल आइसक्रीम व एम्स के पास मधुपरी स्थित हनीडेज आइसक्रीम से लिए गए नमूने भी जांच में अधोमानक मिले हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद निर्माताओं को नोटिस दिया गया है।
ऐसे जांचें आइसक्रीम की गुणवत्ता
खाद्य सुरक्षा अधिकारी हरेंद्र सिंह का कहना है कि अच्छी गुणवत्ता वाली आइसक्रीम चिकनी और मुलायम होती है। खुरदरापन या बर्फ के क्रिस्टल होना खराब गुणवत्ता के संकेत हैं। रंग स्वाभाविक दिखना चाहिए। अगर रंग बहुत तेज और अस्वाभाविक लगे तो उसमें मिलावट हो सकती है। आइसक्रीम में नींबू का रस मिलाएं। अगर झाग या बुलबुले बनते हैं तो उसमें केमिकल मिला हो सकता है। बहुत अधिक पिघली हुई आइसक्रीम भी नकली या खराब हो सकती है। अच्छी आइस्क्रीम धीरे-धीरे पिघलनी चाहिए।
जांच में एक आइसक्रीम का नमूना असुरक्षित व दो अधोमानक मिले हैं। प्रयोगशाला की रिपोर्ट आने के बाद संबंधितों को नोटिस जारी किया गया है। एसीजेएम कोर्ट और एडीएम प्रशासन कोर्ट में मुकदमे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
डॉ. सीआर प्रजापति, सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय रायबरेली
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जांच में सिंथेटिक कलर मिलाए जाने की पुष्टि होने के बाद वे असुरक्षित व अधोमानक घोषित कर दिए गए हैं। विधि विश्लेषक प्रयोगशाला की जांच में मुंशीगंज की गंगा आइसक्रीम में सिंथेटिक कलर मिलने के बाद नमूने को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है। विभाग ने निर्माता के खिलाफ एसीजेएम कोर्ट में मुकदमे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जांच में अनिल व हनीडेज आइसक्रीम अवमानक मिलने के बाद एडीएम प्रशासन कोर्ट में मुकदमे का नोटिस दिया गया है।
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बीते 15 मई को खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने मुंशीगंज स्थित गंगा आइसक्रीम से नमूना लेकर जांच के लिए भेजा था। प्रयोगशाला की जांच में सिंथेटिक कलर मिला। नमूने को असुरक्षित व अवमानक घोषित किया गया है। इसके अलावा सदुल्लापुर स्थित अनिल आइसक्रीम व एम्स के पास मधुपरी स्थित हनीडेज आइसक्रीम से लिए गए नमूने भी जांच में अधोमानक मिले हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद निर्माताओं को नोटिस दिया गया है।
ऐसे जांचें आइसक्रीम की गुणवत्ता
खाद्य सुरक्षा अधिकारी हरेंद्र सिंह का कहना है कि अच्छी गुणवत्ता वाली आइसक्रीम चिकनी और मुलायम होती है। खुरदरापन या बर्फ के क्रिस्टल होना खराब गुणवत्ता के संकेत हैं। रंग स्वाभाविक दिखना चाहिए। अगर रंग बहुत तेज और अस्वाभाविक लगे तो उसमें मिलावट हो सकती है। आइसक्रीम में नींबू का रस मिलाएं। अगर झाग या बुलबुले बनते हैं तो उसमें केमिकल मिला हो सकता है। बहुत अधिक पिघली हुई आइसक्रीम भी नकली या खराब हो सकती है। अच्छी आइस्क्रीम धीरे-धीरे पिघलनी चाहिए।
जांच में एक आइसक्रीम का नमूना असुरक्षित व दो अधोमानक मिले हैं। प्रयोगशाला की रिपोर्ट आने के बाद संबंधितों को नोटिस जारी किया गया है। एसीजेएम कोर्ट और एडीएम प्रशासन कोर्ट में मुकदमे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
डॉ. सीआर प्रजापति, सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय रायबरेली