{"_id":"6928a8af37f876a7c2036c54","slug":"private-ambulances-carrying-patients-from-the-district-hospital-raebareli-news-c-101-1-slko1033-145710-2025-11-28","type":"story","status":"publish","title_hn":"Raebareli News: जिला अस्पताल से मरीजाें को ले जा रहीं निजी एंबुलेंस","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Raebareli News: जिला अस्पताल से मरीजाें को ले जा रहीं निजी एंबुलेंस
संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली
Updated Fri, 28 Nov 2025 01:08 AM IST
विज्ञापन
इमरजेंसी वार्ड के गेट पर निजी एंबुलेंस में मरीज को लेकर जाते लोग।
विज्ञापन
रायबरेली। जिला अस्पताल में इमरजेंसी से लेकर वार्ड तक खुलेआम निजी एंबुलेंस से मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में ले जाया जा रहा है। डॉक्टरों व स्टाफ की सेटिंग से यह गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है। शासन से स्पष्ट आदेश है कि जिला अस्पताल के अंदर भर्ती मरीजों को बड़े अस्पतालों के लिए रेफर करने के बाद सरकारी एंबुलेंस से मरीजों को भेजा जाए।
निजी एंबुलेंस का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है। जिम्मेदारों के लापरवाह व सुस्त रवैये के कारण सरकार की मंशा तार-तार हो रही है। स्थिति यह है कि परिसर में निजी एंबुलेंसों को किसी भी समय खड़े देखा भी जा सकता है। एंबुलेंस संचालक सेटिंग वाले निजी अस्पतालों में मरीजों को पहुंचाकर मोटी रकम कमा रहे हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन इसे रोक पाने में नाकाम है।
इमरजेंसी वार्ड से मरीज ले गई निजी एंबुलेंस
दिन के करीब तीन बजे हैं। जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती एक मरीज को निजी अस्पताल में ले जाने के लिए निजी एंबुलेंस पहुंची। गेट पर ही एंबुलेंस को खड़ी करके मरीज को वार्ड से लाकर एंबुलेंस में बैठाया गया। बगल में एक और एंबुलेंस दूसरे मरीजों को ले जाने की लिए इंतजार कर रही है। चिकित्सक और स्टाफ यह नजारा देखकर अनजान बने हुए हैं।
सीसीटीवी से निगरानी फेल
यह नजारा शाम चार बजे का है। जिला अस्पताल के इमरजेंसी में एक मरीज को गंभीर हालत में लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को एक निजी अस्पताल ले जाया गया। इमरजेंसी के गेट पर ही निजी एंबुलेंस को बुलाकर उसमें मरीज को लिटा दिया गया। सीसीटीवी कैमरे से व्यवस्था पर निगरानी रखने के बावजूद एंबुलेंस मरीज को लेकर चली गई।
Trending Videos
निजी एंबुलेंस का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है। जिम्मेदारों के लापरवाह व सुस्त रवैये के कारण सरकार की मंशा तार-तार हो रही है। स्थिति यह है कि परिसर में निजी एंबुलेंसों को किसी भी समय खड़े देखा भी जा सकता है। एंबुलेंस संचालक सेटिंग वाले निजी अस्पतालों में मरीजों को पहुंचाकर मोटी रकम कमा रहे हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन इसे रोक पाने में नाकाम है।
विज्ञापन
विज्ञापन
इमरजेंसी वार्ड से मरीज ले गई निजी एंबुलेंस
दिन के करीब तीन बजे हैं। जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती एक मरीज को निजी अस्पताल में ले जाने के लिए निजी एंबुलेंस पहुंची। गेट पर ही एंबुलेंस को खड़ी करके मरीज को वार्ड से लाकर एंबुलेंस में बैठाया गया। बगल में एक और एंबुलेंस दूसरे मरीजों को ले जाने की लिए इंतजार कर रही है। चिकित्सक और स्टाफ यह नजारा देखकर अनजान बने हुए हैं।
सीसीटीवी से निगरानी फेल
यह नजारा शाम चार बजे का है। जिला अस्पताल के इमरजेंसी में एक मरीज को गंभीर हालत में लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को एक निजी अस्पताल ले जाया गया। इमरजेंसी के गेट पर ही निजी एंबुलेंस को बुलाकर उसमें मरीज को लिटा दिया गया। सीसीटीवी कैमरे से व्यवस्था पर निगरानी रखने के बावजूद एंबुलेंस मरीज को लेकर चली गई।