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Raebareli News: तीन साल बाद बर्खास्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सेवा बहाल
संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली
Updated Wed, 03 Dec 2025 12:23 AM IST
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रायबरेली। वर्ष 2022 में सेवा से बर्खास्त की गई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को राहत देते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उन्हें सेवा में बहाल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने माना कि बिना न्यायोचित प्रक्रिया व सुनवाई के बर्खास्त करने का एक पक्षीय आदेश जारी किया गया। यह कार्रवाई प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है। इसके साथ ही कार्यकर्ता के जारी बर्खास्तगी आदेश को निरस्त कर दिया।
छतोह ब्लॉक के ग्राम पंचायत कुंवरमऊ के आंगनबाड़ी केंद्र हरीरामपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मिथलेश कुमारी को 11 अक्तूबर 2022 को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। आरोप था कि उन्होंने पोष्टिक चावल के वितरण में गड़बड़ी की थी। जुलाई 2021 से अप्रैल 2022 तक करीब 990 किलोग्राम चावल का वितरण नहीं किया गया। आंगनबाड़ी केंद्र के लाभार्थियों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में कोटे की दुकानों पर राशन वितरण के निर्देश दिए गए थे।
हाईकोर्ट लखनऊ पीठ के न्यायाधीश मनीष माथुर ने मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाते हुए पीड़िता को राहत प्रदान की। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चावल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के कस्टडी में नहीं था। इसके बाद भी बिना नोटिस दिए व पीड़िता का पक्ष सुने बिना बर्खास्तगी की एकपक्षीय कार्रवाई की गई है। (संवाद)
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छतोह ब्लॉक के ग्राम पंचायत कुंवरमऊ के आंगनबाड़ी केंद्र हरीरामपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मिथलेश कुमारी को 11 अक्तूबर 2022 को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। आरोप था कि उन्होंने पोष्टिक चावल के वितरण में गड़बड़ी की थी। जुलाई 2021 से अप्रैल 2022 तक करीब 990 किलोग्राम चावल का वितरण नहीं किया गया। आंगनबाड़ी केंद्र के लाभार्थियों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में कोटे की दुकानों पर राशन वितरण के निर्देश दिए गए थे।
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हाईकोर्ट लखनऊ पीठ के न्यायाधीश मनीष माथुर ने मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाते हुए पीड़िता को राहत प्रदान की। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चावल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के कस्टडी में नहीं था। इसके बाद भी बिना नोटिस दिए व पीड़िता का पक्ष सुने बिना बर्खास्तगी की एकपक्षीय कार्रवाई की गई है। (संवाद)