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Raebareli News: सत्यापन न हो पाने से धान नहीं बेच पा रहे किसान
संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली
Updated Wed, 03 Dec 2025 12:34 AM IST
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रायबरेली। एसआईआर के कार्य ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। वजह पंजीकरण के बाद तहसीलों में सत्यापन प्रक्रिया की रफ्तार काफी धीमी हो गई है। ऐसे में किसान केंद्रों पर धान की बिक्री नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें औने-पौने दाम में आढ़तियों को अपना धान बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है। जिन किसानों का सत्यापन कार्य हो भी गया है, उनका धान भी केंद्रों पर समय से नहीं तौला जा रहा है।
28 फरवरी 2026 तक धान खरीद होनी है। इस बार जिले में एक लाख 61 हजार किसानों ने धान की फसल की रोपाई की थी। धान उत्पादन बेहतर हुआ है। धान खरीद के लिए 107 क्रय केंद्र खोले गए हैं। किसानों के सामने सबसे ज्यादा दिक्कत इस बात की आ रही है कि तहसील कर्मचारी एसआईआर के कार्य में व्यस्त है। ऐसे में छह हजार 218 किसानों ने धान बेचने के लिए विभागीय पोर्टल पर अपना पंजीकरण तो करा दिया है, लेकिन सत्यापन प्रक्रिया नहीं हो पा रही है।
जिला खाद्य विपणन अधिकारी कार्यालय के अनुसार जिले में दो दिसंबर तक 3769 किसानों का 23 हजार 998 मीट्रिक धान खरीदा गया है। ऐसे में किसान आढ़तियों के पास जाकर औने-पौने दाम में धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं। एसआईआर के कार्य के बाद समय मिलने पर ही तहसील कर्मचारी सत्यापन प्रक्रिया को कर पा रहे हैं। ऐसे में 11 नवंबर को एसआईआर का कार्य पूरा होने के बाद ही सत्यापन प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है।
डिप्टी आरएमओ सोनी गुप्ता ने बताया कि एसआईआर के कार्य से किसानों के सत्यापन प्रक्रिया में दिक्कत आ रही है। हालांकि केंद्रों पर पहुंचने वाले किसानों का धान खरीदा जा रहा है। कहीं पर किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आ रही है। समय रहते किसानों का भुगतान भी किया जा रहा है।
धीमी गति से चल रही धान खरीद
परशदेपुर-सरेनी। साधन सहकारी समिति बारा परशदेपुर में लगे राजकीय धान क्रय केंद्र पर 46 किसानों से 2110 क्विंटल धान की खरीद की गई है। जबकि लक्ष्य 20 हजार क्विंटल धान खरीदने का है। समिति पर आने वाले किसानों के धान की तौल टोकन के हिसाब से की जा रही है। सचिव विश्वनाथ तिवारी ने बताया कि समय रहते किसानों का धान तौला जाता है। उधर, सरेनी इलाके के धान क्रय केंद्र में इब्राहिमपुर सोसाइटी में अभी तक सिर्फ 1500 क्विंटल धान खरीदा गया है, जबकि लक्ष्य 10 हजार क्विंटल का है।
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28 फरवरी 2026 तक धान खरीद होनी है। इस बार जिले में एक लाख 61 हजार किसानों ने धान की फसल की रोपाई की थी। धान उत्पादन बेहतर हुआ है। धान खरीद के लिए 107 क्रय केंद्र खोले गए हैं। किसानों के सामने सबसे ज्यादा दिक्कत इस बात की आ रही है कि तहसील कर्मचारी एसआईआर के कार्य में व्यस्त है। ऐसे में छह हजार 218 किसानों ने धान बेचने के लिए विभागीय पोर्टल पर अपना पंजीकरण तो करा दिया है, लेकिन सत्यापन प्रक्रिया नहीं हो पा रही है।
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जिला खाद्य विपणन अधिकारी कार्यालय के अनुसार जिले में दो दिसंबर तक 3769 किसानों का 23 हजार 998 मीट्रिक धान खरीदा गया है। ऐसे में किसान आढ़तियों के पास जाकर औने-पौने दाम में धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं। एसआईआर के कार्य के बाद समय मिलने पर ही तहसील कर्मचारी सत्यापन प्रक्रिया को कर पा रहे हैं। ऐसे में 11 नवंबर को एसआईआर का कार्य पूरा होने के बाद ही सत्यापन प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है।
डिप्टी आरएमओ सोनी गुप्ता ने बताया कि एसआईआर के कार्य से किसानों के सत्यापन प्रक्रिया में दिक्कत आ रही है। हालांकि केंद्रों पर पहुंचने वाले किसानों का धान खरीदा जा रहा है। कहीं पर किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आ रही है। समय रहते किसानों का भुगतान भी किया जा रहा है।
धीमी गति से चल रही धान खरीद
परशदेपुर-सरेनी। साधन सहकारी समिति बारा परशदेपुर में लगे राजकीय धान क्रय केंद्र पर 46 किसानों से 2110 क्विंटल धान की खरीद की गई है। जबकि लक्ष्य 20 हजार क्विंटल धान खरीदने का है। समिति पर आने वाले किसानों के धान की तौल टोकन के हिसाब से की जा रही है। सचिव विश्वनाथ तिवारी ने बताया कि समय रहते किसानों का धान तौला जाता है। उधर, सरेनी इलाके के धान क्रय केंद्र में इब्राहिमपुर सोसाइटी में अभी तक सिर्फ 1500 क्विंटल धान खरीदा गया है, जबकि लक्ष्य 10 हजार क्विंटल का है।