{"_id":"692f377c5458fb087c0b08f6","slug":"breaking-the-shackles-of-disability-self-reliance-took-flight-raebareli-news-c-101-1-slko1033-146050-2025-12-03","type":"story","status":"publish","title_hn":"Raebareli News: दिव्यांगता की बेड़िया तोड़ आत्म निर्भरता की भरी उड़ान","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Raebareli News: दिव्यांगता की बेड़िया तोड़ आत्म निर्भरता की भरी उड़ान
संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली
Updated Wed, 03 Dec 2025 12:31 AM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
रायबरेली। जिले में कई ऐसे दिव्यांग हैं, जिन्होंने दिव्यांगता को अपनी बेड़िया नहीं माना। उन्होंने मेहनत, लगन और कुछ कर दिखाने के जज्बे के साथ दिव्यांगता को कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। लोगों की दया के पात्र बनने के बजाय खुद को इतना अधिक मजबूत किया कि आज न सिर्फ वह खुद सफल हैं, बल्कि दूसरों को भी आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम को पूरी सफलता से अंजाम तक पहुंचा रहे हैं।
शहर के इंदिरा नगर की रहने वाली सुमन अवस्थी की तरक्की में दिव्यांगता बाधा नहीं बन पाई। बचपन से ही चलने में दिक्कत थी। इससे सुमन कई बार निराश भी हुईं, लेकिन हौसले को टूटने नहीं दिया। स्नातक तक पढ़ाई करने के बाद सिलाई कढ़ाई से जीवन में कुछ दिखाने की ठानी। विभाग से कुछ मदद मिलने के बाद उन्होंने इंदिरा नगर में ही एक बुटिक का संचालन शुरू कर दिया।
कभी मायूस रहने वाली सुमन आज तरक्की के शिखर पर हैं। अपनी दुकान में स्वयं के साथ कई महिलाओं को रोजगार दे रही हैं। सुमन कहती हैं कि दिव्यांगता से दिक्कत तो होती है, लेकिन इससे लोगों को निराश नहीं होना चाहिए। हमेशा कुछ कर गुजरने की तमन्ना रहनी चाहिए, तभी मंजिल मिल पाती है। वह कहती हैं, कि लगन होनी चाहिए। आगे बढ़ने के रास्ते अपने आप खुल जाएंगे।
पेंशन, रोजगार के साथ सहायक उपकरण, बसों में फ्री यात्रा
जिले में दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जुड़ा रखने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी सृष्टि अवस्थी ने बताया कि जिले में 14183 दिव्यांगजनों को हर माह एक-एक हजार रुपये पेंशन उनके खातों में भेजी जाती है। साथ ही स्वयं का रोजगार स्थापित कराने के लिए भी 16 दिव्यांगजनों को 10 हजार रुपये से लेकर 20 हजार रुपये तक की आर्थिक मदद मुहैया कराई गई। इस वर्ष जिले में 464 दिव्यांगजनों को नि:शुल्क कृत्रिम उपकरण उपलब्ध कराने के साथ रोडवेज की बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा भी उपलब्ध है।
दो दिन में 659 दिव्यांगजनों को मिलेंगे सहायक उपकरण
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि तीन साल पहले एक कंपनी की ओर से जिले के 659 दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराने के लिए चुना गया था। शासन के निर्देश पर चार और पांच दिसंबर को एक कार्यक्रम आयोजित करके दिव्यांगजनों में सहायक उपकरणों का वितरण कराया जाएगा।
Trending Videos
शहर के इंदिरा नगर की रहने वाली सुमन अवस्थी की तरक्की में दिव्यांगता बाधा नहीं बन पाई। बचपन से ही चलने में दिक्कत थी। इससे सुमन कई बार निराश भी हुईं, लेकिन हौसले को टूटने नहीं दिया। स्नातक तक पढ़ाई करने के बाद सिलाई कढ़ाई से जीवन में कुछ दिखाने की ठानी। विभाग से कुछ मदद मिलने के बाद उन्होंने इंदिरा नगर में ही एक बुटिक का संचालन शुरू कर दिया।
विज्ञापन
विज्ञापन
कभी मायूस रहने वाली सुमन आज तरक्की के शिखर पर हैं। अपनी दुकान में स्वयं के साथ कई महिलाओं को रोजगार दे रही हैं। सुमन कहती हैं कि दिव्यांगता से दिक्कत तो होती है, लेकिन इससे लोगों को निराश नहीं होना चाहिए। हमेशा कुछ कर गुजरने की तमन्ना रहनी चाहिए, तभी मंजिल मिल पाती है। वह कहती हैं, कि लगन होनी चाहिए। आगे बढ़ने के रास्ते अपने आप खुल जाएंगे।
पेंशन, रोजगार के साथ सहायक उपकरण, बसों में फ्री यात्रा
जिले में दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जुड़ा रखने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी सृष्टि अवस्थी ने बताया कि जिले में 14183 दिव्यांगजनों को हर माह एक-एक हजार रुपये पेंशन उनके खातों में भेजी जाती है। साथ ही स्वयं का रोजगार स्थापित कराने के लिए भी 16 दिव्यांगजनों को 10 हजार रुपये से लेकर 20 हजार रुपये तक की आर्थिक मदद मुहैया कराई गई। इस वर्ष जिले में 464 दिव्यांगजनों को नि:शुल्क कृत्रिम उपकरण उपलब्ध कराने के साथ रोडवेज की बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा भी उपलब्ध है।
दो दिन में 659 दिव्यांगजनों को मिलेंगे सहायक उपकरण
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि तीन साल पहले एक कंपनी की ओर से जिले के 659 दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराने के लिए चुना गया था। शासन के निर्देश पर चार और पांच दिसंबर को एक कार्यक्रम आयोजित करके दिव्यांगजनों में सहायक उपकरणों का वितरण कराया जाएगा।