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असिस्टेंट कमिश्नर करेंगे 30 हजार बैनामों में स्टांप चोरी की जांच
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रायबरेली। जिले में जमीनों और भूखंडों के बैनामों की जांच होगी। जिले के करीब 30 हजार बैनामों की जांच के लिए शासन ने गाजियाबाद के असिस्टेंट कमिश्नर (स्टांप) बृजेंद्र कुमार शाही के नेतृत्व में एक टीम गठित कर दी है।
यह टीम जिले में 18 अक्तूबर से जांच शुरू करेगी। जिन बैनामों में स्टांप चोरी का मामला पकड़ में आएगा, उनमें वसूली की प्रक्रिया कराई जाएगी। जांच के आदेश के बाद स्टांप चोरी करने वालों में हड़कंप मच गया है।
जिले के उप निबंधन कार्यालयों में एक साल में करीब 30 हजार जमीनों व भूखंडों के बैनामे कराए गए हैं। इसमें करीब दो हजार बैनामों में स्टांप चोरी की आशंका पर डीएम, एडीएम सहित अन्य अधिकारियों के कार्यालयों में सुनवाई हो रही है।
एक साल में जिले में हुए सभी बैनामों की जांच के लिए शासन स्तर से टीम गठित की गई है। जांच के लिए गाजियाबाद के असिस्टेंट कमिश्नर (स्टांप) बृजेंद्र कुमार शाही के नेतृत्व में टीम गठित की है।
यह टीम सदर के साथ ही लालगंज, सलोन, ऊंचाहार, डलमऊ उप निबंधन कार्यालयों में पहुंचकर बैनामों की जांच करेगी। यह टीम 18 अक्तूबर को यहां आएगी। बैनामों में स्टांप चोरी के मामले पकड़ में आने के बाद वसूली की प्रक्रिया भी हो सकती है। हालांकि जांच टीम गठित होने के बाद स्टांप चोरी करने वालों में हड़कंप मच गया है।
रजिस्ट्री दफ्तरों में दस्तावेज दुरुस्त करने में जुटे
बैनामों की जांच को लेकर 18 अक्तूबर को आ रही टीम को संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं। जिले के सभी उप निबंधन कार्यालयों में अभिलेखों को दुरुस्त करने का काम शुरू हो गया है। रजिस्टर को भी दुरुस्त कराया जा रहा है। साथ ही स्टांप चोरी के जिन मामलों में वसूली की प्रक्रिया हो चुकी है, उन पत्रावलियों को भी दुरुस्त कराया जा रहा है।
गाजियाबाद के असिस्टेंट कमिश्नर (स्टांप) बृजेंद्र कुमार शाही के नेतृत्व में टीम गठित की गई है। यह टीम 18 अक्तूबर को आएगी। सभी उप निबंधन कार्यालयों में पहुंचकर एक साल में हुए बैनामों की जांच करेगी। एक साल में जिले में करीब 30 हजार बैनामे हुए हैं।
प्रभाष सिंह, उप निबंधक, सदर
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यह टीम जिले में 18 अक्तूबर से जांच शुरू करेगी। जिन बैनामों में स्टांप चोरी का मामला पकड़ में आएगा, उनमें वसूली की प्रक्रिया कराई जाएगी। जांच के आदेश के बाद स्टांप चोरी करने वालों में हड़कंप मच गया है।
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जिले के उप निबंधन कार्यालयों में एक साल में करीब 30 हजार जमीनों व भूखंडों के बैनामे कराए गए हैं। इसमें करीब दो हजार बैनामों में स्टांप चोरी की आशंका पर डीएम, एडीएम सहित अन्य अधिकारियों के कार्यालयों में सुनवाई हो रही है।
एक साल में जिले में हुए सभी बैनामों की जांच के लिए शासन स्तर से टीम गठित की गई है। जांच के लिए गाजियाबाद के असिस्टेंट कमिश्नर (स्टांप) बृजेंद्र कुमार शाही के नेतृत्व में टीम गठित की है।
यह टीम सदर के साथ ही लालगंज, सलोन, ऊंचाहार, डलमऊ उप निबंधन कार्यालयों में पहुंचकर बैनामों की जांच करेगी। यह टीम 18 अक्तूबर को यहां आएगी। बैनामों में स्टांप चोरी के मामले पकड़ में आने के बाद वसूली की प्रक्रिया भी हो सकती है। हालांकि जांच टीम गठित होने के बाद स्टांप चोरी करने वालों में हड़कंप मच गया है।
रजिस्ट्री दफ्तरों में दस्तावेज दुरुस्त करने में जुटे
बैनामों की जांच को लेकर 18 अक्तूबर को आ रही टीम को संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं। जिले के सभी उप निबंधन कार्यालयों में अभिलेखों को दुरुस्त करने का काम शुरू हो गया है। रजिस्टर को भी दुरुस्त कराया जा रहा है। साथ ही स्टांप चोरी के जिन मामलों में वसूली की प्रक्रिया हो चुकी है, उन पत्रावलियों को भी दुरुस्त कराया जा रहा है।
गाजियाबाद के असिस्टेंट कमिश्नर (स्टांप) बृजेंद्र कुमार शाही के नेतृत्व में टीम गठित की गई है। यह टीम 18 अक्तूबर को आएगी। सभी उप निबंधन कार्यालयों में पहुंचकर एक साल में हुए बैनामों की जांच करेगी। एक साल में जिले में करीब 30 हजार बैनामे हुए हैं।
प्रभाष सिंह, उप निबंधक, सदर