Rampur: जमानत मंजूर होने के बाद भी सलाखों के पीछे ही रहेंगे अब्दुल्ला, जेल से बाहर आने के लिए करना होगा इंतजार
16 अगस्त को एमपी-एमएलए कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम को नदी की जमीन खरीद-फरोख्त मामले में जमानत दे दी है। लेकिन जमानत मिलने के बावजूद अब्दुल्ला आजम को जेल से बाहर आने के लिए अभी और इंतजार करना होगा।
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सपा नेता आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम को एमपी-एमएलए कोर्ट से जमानत मिल गई है, 16 अगस्त को सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह फैसला दिया। लेकिन फिलहाल वो जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। जेल से निकलने के लिए उनकी राह में अभी कानूनी अड़चनें बाकी हैं।
16 अगस्त को एमपी-एमएलए कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम को नदी की जमीन खरीद-फरोख्त मामले में जमानत दे दी है। लेकिन जमानत मिलने के बावजूद अब्दुल्ला आजम को जेल से बाहर आने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को नदी की जमीन की खरीद-फरोख्त कर अवैध प्लाटिंग करने के आरोप में एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट से जमानत मिल गई। बावजूद इसके अभी वह जेल में ही रहेंगे। आजम पक्ष से जुड़े अधिवक्ताओं की मानें तो अभी अब्दुल्ला आजम खां को और भी मुकदमें में जमानत चाहिए। उनके खिलाफ कोतवाली में दर्ज नगर पालिका की स्वीप मशीनों की जौहर विश्वविद्यालय परिसर से बरामदगी के केस में जमानत मिलना बाकी है।
इस केस में वह जमानत के लिए हाईकोर्ट जा चुके हैं और वहां जमानत अर्जी विचाराधीन है। वहां से जमानत मिलने के बाद ही वह बाहर आ सकते हैं। उधर, अब्दुल्ला आजम खां के अधिवक्ता जुबैर अहमद खां ने लेख बताया कि यदि किसी अन्य मुकदमें में जमानत मिलना बाकी हो या कोई नया केस दर्ज न हो तो अब्दुल्ला जेल से बाहर आ सकते हैं।
10 माह से हरदोई जेल में बंद हैं अब्दुल्ला
अक्तूबर 2023 में दो जन्म प्रमाण पत्र के मामल में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सपा नेता आजम खां, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खां को सात साल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट ने उनको जेल भेजने के आदेश कर दिए थे, जिसके बाद पुलिस ने उनको रामपुर जेल में भेजा था। बाद में सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए आजम खां को सीतापुर और अब्दुल्ला आजम को हरदोई की जेल में शिफ्ट किया गया था, तब से वह हरदोई जेल में बंद हैं।
साक्ष्यों के आधार पर मिली जमानत: जुबैर
सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के अधिवक्ता जुबैर अहमद खां ने बताया कि उन्होंने जमानत प्रार्थना पत्र के साथ साक्ष्य भी संलग्न किए, जिसमें स्पष्ट किया कि जमीन पर न तो अब्दुल्ला आजम प्लॉटिंग कर रहे हैं और न ही कोई किसी तरह का कंस्ट्रक्शन किया गया है। वह जमीन जिस हाल में खरीदी गई थी, आज भी वैसी ही है, वहां खेती हो रही है। जबकि आसपास की जमीनों पर अस्पताल, स्कूल, मकान भी बने हुए हैं, बन भी रहे हैं, जिनके नक्शे आरडीए पास कर रहा है। अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट ने हमारे साक्ष्य और दलीलों के आधार पर अब्दुल्ला आजम की लेख जमानत मंजूर की है।