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Delhi : रिकॉर्ड रूम के अभिलेखों में हेराफेरी के भी आरोपी बने आजम-अब्दुल्ला, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी

अमर उजाला नेटवर्क, रामपुर Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Tue, 08 Oct 2024 01:28 AM IST
सार

कोर्ट ने विवेचक का प्रार्थना पत्र मंजूर कर लिया है। इस दौरान दोनों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई। इस मामले की सुनवाई 15 अक्तूबर को होगी।

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Azam Abdullah also became accused of tampering records of record room
आजम खां और अब्दुल्ला - फोटो : संवाद
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विस्तार
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सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खां और हरदोई जेल में बंद उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की कोर्ट ने आपत्ति खारिज करते हुए दोनों को रिकार्ड रूम के अभिलेखों में हेराफेरी का आरोपी बनाया है। कोर्ट ने विवेचक का प्रार्थना पत्र मंजूर कर लिया है। इस दौरान दोनों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई। इस मामले की सुनवाई 15 अक्तूबर को होगी।

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सपा नेता आजम खां पर दर्ज केसों को लेकर शासन बेहद गंभीर है। शासन की हर केस पर पैनी निगाह है। सपा नेता से जुड़े हर मामले में सभी कानूनी दांवपेच देखे जा रहे हैं।पिछले दिनों शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने के आरोप से घिरे सपा नेता आजम खां व अब्दुल्ला आजम को रामपुर पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी,जिस पर यह मामला शासन तक पहुंचा,जिसके बाद इस मामले में शासन ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अशोक शुक्ला के खिलाफ जांच बैठा दी थी। 
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इस मामले की दोबारा विवेचना के आदेश दिए गए थे। एसपी ने इस मामले की विवेचना अपराध शाखा के इंस्पेक्टर नवाब सिंह को सौंपी थी। सोमवार को इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में हुई। कोर्ट में सपा नेता आजम खां और अब्दुल्ला आजम के अधिवक्ता ने विवेचक के प्रार्थना पत्र पर आपत्ति दाखिल करते हुए रिमांड खारिज करने की मांग की,जबकि अभियोजन की ओर से दलील दी गई कि पत्रावली पर दोनों के खिलाफ पर्याप्त सुबूत है। इसलिए रिमांड मंजूर किया जाए। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों को आरोपी बनाते हुए आपत्ति खारिज कर दी। अब दोनों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 15 अक्तूबर को होगी।

यह है मामला
रिकार्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद की ओर से सिविल लाइंस थाने में नौ मई 2020 को लखनऊ के पीरपुर हाउस निवासी सैयद आफाक अहमद व अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 218, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने का आरोप लगा है। दरअसल यह मामला मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी परिसर के अंतर्गत आने वाली भूमि का है जो कि इमामुद्दीन कुरैशी पुत्र बदरुद्दीन कुरैशी के नाम दर्ज थी। 

इमामुद्दीन कुरैशी 1947- 48 में भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे और यह संपत्ति शत्रु संपत्ति के रूप में सन 2006 में भारत सरकार के कस्टोडियन विभाग के अंतर्गत दर्ज कर ली गई थी। रिकॉर्ड की जांच करने पर यह मामला प्रकाश में आया कि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में जालसाजी कर शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने के लिए आफाक अहमद का नाम गलत तरीके से राजस्व रिकॉर्ड में अंकित कर दिया गया था तथा रिकॉर्ड के पन्ने फटे हुए पाए गए थे।

तत्कालीन एसपी के खिलाफ चल रही जांच
सपा नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम का नाम निकाल देने के मामले का खुलासा होने के बाद शासन ने तत्कालीन एसपी अशोक कुमार शुक्ला के खिलाफ जांच बैठा थी। यह जांच अलीगढ़ की मंडलायुक्त चैत्रा वी और आईजी सतर्कता मंजिल सैनी को सौंपी गई है। उनके द्वारा जांच कराई जा रही है।

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