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Saharanpur News: बिना फिटनेस के चलते मिले झूले, अधिकारियों की जांच में आया सामने
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-झूला टूटने की घटना के बाद एडीएम प्रशासन, पीडब्ल्यूडी और नगर निगम के अधिकारी पहुंचे
फोटो समाचार
संवाद न्यूज एजेंसी
सहारनपुर। झूला टूटने की घटना में कई बच्चों के घायल होने के बाद मेला गुघाल पहुंची अधिकारियों की टीम को कई झूले बिना फिटनेस के चलते मिले। इस पर अधिकारियों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए बिना फिटनेस के झूलों को हटाने या फिर फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर चलाने के निर्देश दिए।
मेला गुघाल दो दिन पहले अचानक छोटा झूला टूटने से कई बच्चे घायल हो गए थे। मामला चर्चाओं में आने के बाद अपर जिलाधिकारी प्रशासन संतोष बहादुर सिंह, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी और नगर निगम के अधिकारी जांच के लिए मेला पहुंचे थे। मेले में कई झूले बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के चलते मिले। इस पर अधिकारियों ने झूलों को तुरंत हटाने के निर्देश दिए। अन्यथा नियमानुसार झूले लगाने को कहा गया।
उधर, मेला परिसर में लग रहे झूलों की सुरक्षा की पड़ताल की गई। करीब 70 फीट ऊंचे झूले का बेस लकड़ी की गुटकों पर रखा पाया गया। ड्रैगन झूले सहित लगभग सभी बड़े झूलों के बेस ईंटों या फिर लकड़ी के गुटकों पर रखे गए हैं। करीब एक बीघा जगह पर 13 झूले लगे हुए हैं, जिनके बीच गैप नहीं है। उधर, अपर जिलाधिकारी प्रशासन संतोष बहादुर सिंह ने बताया कि झूलों को नियमानुसार लगाने के लिए कहा गया है।
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दिनभर दौड़ रही लकड़ी से भरी ट्रॉलियां और क्रेन
गांवों के लोग मेले में घूमने और खरीदारी के लिए दिन में आते हैं, लेकिन मेला गुघाल परिसर में दिनभर बड़ी-बड़ी लकड़ियों से भरी ट्रॉलियां और क्रेन दौड़ रही हैं, जो हादसे की वजह बन सकती हैं। मंगलवार को छह से सात ट्रैक्टर-ट्रॉली बड़ी लकड़ियों से भरी दुकानों के सामने से गति के साथ निकलती नजर आई। इससे गांवों से आने वाली महिलाओं और बच्चों को असुविधा रही।
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नेताओं में बंट गए दस लाख के पास
मेला ठेकेदार की ओर से वीआईपी लोगों के लिए झूलों के पास बनवाए गए हैं। वह अभी तक आठ से दस हजार पास उपलब्ध करा चुके हैं, जो महापौर, विधायकों, पार्षदों, भाजपा के अन्य नेताओं सहित अनेक लोगों को वितरित किया जा चुके हैं। मेला चेयरमैन नीरज शर्मा ने बताया कि प्रत्येक वर्ष पास की व्यवस्था रहती है। इस बार भी पास जारी किए गए हैं, जो जनप्रतिनिधियों को दिए गए हैं। अब भी लोग लगातार मांग कर रहे हैं।

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संवाद न्यूज एजेंसी
सहारनपुर। झूला टूटने की घटना में कई बच्चों के घायल होने के बाद मेला गुघाल पहुंची अधिकारियों की टीम को कई झूले बिना फिटनेस के चलते मिले। इस पर अधिकारियों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए बिना फिटनेस के झूलों को हटाने या फिर फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर चलाने के निर्देश दिए।
मेला गुघाल दो दिन पहले अचानक छोटा झूला टूटने से कई बच्चे घायल हो गए थे। मामला चर्चाओं में आने के बाद अपर जिलाधिकारी प्रशासन संतोष बहादुर सिंह, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी और नगर निगम के अधिकारी जांच के लिए मेला पहुंचे थे। मेले में कई झूले बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के चलते मिले। इस पर अधिकारियों ने झूलों को तुरंत हटाने के निर्देश दिए। अन्यथा नियमानुसार झूले लगाने को कहा गया।
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उधर, मेला परिसर में लग रहे झूलों की सुरक्षा की पड़ताल की गई। करीब 70 फीट ऊंचे झूले का बेस लकड़ी की गुटकों पर रखा पाया गया। ड्रैगन झूले सहित लगभग सभी बड़े झूलों के बेस ईंटों या फिर लकड़ी के गुटकों पर रखे गए हैं। करीब एक बीघा जगह पर 13 झूले लगे हुए हैं, जिनके बीच गैप नहीं है। उधर, अपर जिलाधिकारी प्रशासन संतोष बहादुर सिंह ने बताया कि झूलों को नियमानुसार लगाने के लिए कहा गया है।
दिनभर दौड़ रही लकड़ी से भरी ट्रॉलियां और क्रेन
गांवों के लोग मेले में घूमने और खरीदारी के लिए दिन में आते हैं, लेकिन मेला गुघाल परिसर में दिनभर बड़ी-बड़ी लकड़ियों से भरी ट्रॉलियां और क्रेन दौड़ रही हैं, जो हादसे की वजह बन सकती हैं। मंगलवार को छह से सात ट्रैक्टर-ट्रॉली बड़ी लकड़ियों से भरी दुकानों के सामने से गति के साथ निकलती नजर आई। इससे गांवों से आने वाली महिलाओं और बच्चों को असुविधा रही।
नेताओं में बंट गए दस लाख के पास
मेला ठेकेदार की ओर से वीआईपी लोगों के लिए झूलों के पास बनवाए गए हैं। वह अभी तक आठ से दस हजार पास उपलब्ध करा चुके हैं, जो महापौर, विधायकों, पार्षदों, भाजपा के अन्य नेताओं सहित अनेक लोगों को वितरित किया जा चुके हैं। मेला चेयरमैन नीरज शर्मा ने बताया कि प्रत्येक वर्ष पास की व्यवस्था रहती है। इस बार भी पास जारी किए गए हैं, जो जनप्रतिनिधियों को दिए गए हैं। अब भी लोग लगातार मांग कर रहे हैं।