निर्दोष को भेजा जेल: तत्कालीन सीओ समेत 13 पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट के आदेश, जानें संभल का पूरा मामला
चंदौसी में दूधिये से हुई लूट के मामले में जांच में अनियमितता पाए जाने पर अदालत ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने तत्कालीन सीओ, थाना प्रभारी समेत 13 पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है। इसके अलावा तीन दिन में जांच रिपोर्ट देने को कहा है।
विस्तार
चंदौसी थाना बहजोई क्षेत्र में वर्ष 2022 में दूधिये के साथ हुई लूट के खुलासे में अनियमितता बरतने पर अदालत ने तत्कालीन सीओ, थाना प्रभारी समेत 13 पुलिस कर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने और तीन दिन में सूचना कोर्ट में प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
25 अप्रैल 2022 को दुर्वेश निवासी ग्राम अर्जुनपुर जूना थाना बहजोई अपने गांव से दूध लेकर बहजोई आया था। दोपहर करीब एक बजे दूध का भुगतान एक लाख रुपये लेकर अपने गांव वापस जा रहा था। बाइक सवार दो व्यक्ति उसकी बाइक में लटका रुपयों से भरा थैला लूटकर ले गए।
इस मामले में थाना बहजोई पुलिस ने संबंधित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली। जिसकी विवेचना तत्कालीन एसएचओ पंकज लवानिया ने की। कुछ समय बाद विवेचना तत्कालीन निरीक्षक अपराध राहुल चौहान को सौंप दी गई।
अदालत ने माना कि एक षडयंत्र के तहत पुलिस ने लूट की घटना में ओमवीर को शामिल दिखाकर चालान कर जेल भेज दिया गया। पीड़ित ओमवीर ने अदालत को बताया कि वह 11 अप्रैल 2022 से 12 मई 2022 तक जिला कारागार बदायूं में निरुद्ध था।
वह 12 मई 2022 को जेल से बाहर आया। इस मामले में पुलिस ने 12 जुलाई 2022 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। स्पष्ट है कि जब वह जिला कारागार बदायूं में बंद था, तब उक्त घटना को कैसे कारित कर सकता था। पुलिस वालों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए झूठा मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेज दिया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विभांशु सुधीर ने उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के साथ अधिवक्ता की दलीलों को सुना और निर्दोष को जेल भेजने के मामले में सभी 13 पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ थानाध्यक्ष बहजोई को रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं। साथ ही नियमानुसार विवेचना कराने और सूचना तीन दिन के भीतर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
इन पुलिस कर्मियों के खिलाफ हुए आदेश
तत्कालीन सीओ बहजोई गोपाल सिंह, तत्कालीन एचएसओ पंकज लवानिया, तत्कालीन उपनिरीक्षक प्रबोध कुमार, निरीक्षक अपराध राहुल चौहान, तत्कालीन वरिष्ठ उपनिरीक्षक नरेश कुमार, उपनिरीक्षक नीरज कुमार मातोदकर, उपनिरीक्षक जमील अहमद, आरक्षी वरुण, मालती चौहान, आयुष, राजपाल, दीपक कुमार और तत्कालीन मुख्य आरक्षी रूपचंद्र।
