UP: मुरादाबाद में सर्वाधिक प्रसूताओं की माैतें, कारण अत्यधिक रक्तस्त्राव, रामपुर-बिजनाैर के यह हैं आंकड़े
अप्रैल से नवंबर के बीच मुरादाबाद मंडल के पांच जिलों में 99 प्रसूताओं की जान चली गई। सबसे अधिक 26 मौतें मुरादाबाद में दर्ज की गईं। इसके बाद रामपुर में 23, बिजनौर में 22, अमरोहा में 16 और संभल में 12 मामले सामने आए।
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प्रसूताओं की मौत के मामले में मुरादाबाद की स्थिति मंडल के अन्य जिलों से खराब है। मातृ मृत्यु निगरानी रिपोर्ट के मुताबिक मंडल के पांच जिलों में अप्रैल से नवंबर 2025 तक कुल 99 माताओं की मौत हुई है। मुरादाबाद में सर्वाधिक 26 महिलाओं ने दम तोड़ा है।
रिपोर्ट के अनुसार रामपुर में 23, बिजनौर में 22, अमरोहा में 16 और संभल में 12 मामले मातृ मृत्यु के सामने आए हैं। आंकड़ों के अनुसार अधिकांश मातृ मृत्यु निजी स्वास्थ्य संस्थानों में हुई हैं। मंडल स्तर पर 46 मौतें निजी अस्पतालों में, 32 मौतें इलाज के दौरान ट्रांजिट (एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाते समय) हुईं।
15 मौतें घर पर हुईं और छह मौतें सरकारी अस्पतालों में दर्ज की गई हैं। विभागीय जानकारों का कहना है कि गंभीर जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की समय पर पहचान, बेहतर रेफरल व्यवस्था और उपचार सुविधाओं को और मजबूत करने से मातृ मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का कहना है कि प्रदेश में मातृ मृत्यु दर के सापेक्ष मुरादाबाद की स्थिति ठीक है। समुदाय आधारित मातृ मृत्यु समीक्षा में कुल 99 मामलों में से 95 की समीक्षा पूरी कर ली गई है। इससे मंडल का औसत समीक्षा प्रतिशत 95.96 प्रतिशत रहा है।
अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर और संभल जिलों में 100 प्रतिशत मामलों की समीक्षा पूरी कर ली गई, जबकि बिजनौर में यह आंकड़ा 81.82 प्रतिशत रहा। जिलों के डीएम और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने भी मामलों की समीक्षा की है।
अत्यधिक रक्तस्त्राव सबसे ज्यादा मौतों का कारण
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में अमरोहा, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर और संभल जिलों में मातृ मृत्यु के प्रमुख कारण सामने आए हैं। इनमें सबसे बड़ा कारण प्रसव के बाद अत्यधिक रक्तस्राव (पीपीएच) रहा है। मुरादाबाद जिले में 26 मातृ मौतों में से पीपीएच के 13 मामले सामने आए।
जबकि हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट, हाइपरटेंशन और एक्लेम्पसिया जैसे कारणों से भी महिलाओं ने जान गंवाई। रामपुर जिले में भी पीपीएच सबसे बड़ा कारण रहा। इसके अलावा एपीएच, कार्डियक अरेस्ट, कार्डियोजेनिक शॉक, हाइपरटेंशन, सेप्टिक शॉक और गंभीर एनीमिया मौत की वजह बने।
बिजनौर के मामलों में पीपीएच, एपीएच, हार्ट अटैक, हाई फीवर, हाइपरटेंशन और ब्रेन कैंसर जैसे कारण शामिल हैं। अमरोहा में पीपीएच के अलावा हार्ट अटैक, सेप्सिस, सेप्टीसीमिया और अन्य कारण पाए गए। संभल में पीपीएच के पांच, किडनी फेल्योर के दो, हाइपोवोलीमिया, लीवर सिरोसिस के साथ एनीमिया, एक्यूट रीनल फेल्योर, प्रसव में रुकावट और सेप्सिस का एक-एक कारण सामने आया।
प्रदेश के ग्राफ की तुलना में मातृ मृत्यु के मामले मुरादाबाद में काफी कम हैं। हमारे जिले की स्थिति इस मामले में ठीक है। हमारी कोशिश है कि जो मामले सामने आए हैं, उनमें भी लगातार कमी लाई जाए। - डॉ. संजीव बेलवाल, डिप्टी सीएमओ
