सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Sant Kabir Nagar News ›   बच्चों के स्वास्थ्य से कर रहे खिलवाड़

बच्चों के स्वास्थ्य से कर रहे खिलवाड़

Sant kabir nagar Updated Fri, 19 Jul 2013 05:32 AM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
संतकबीरनगर। दो दिन पहले ही बिहार के सारण जिले में मिड डे मील खाने से 22 बच्चों की मौत हो गई। जिससे पूरा देश दुखी हो गया। सभी को घटना पर अफसोस था। मगर बजाए इस घटना से सबक लेने के लापरवाही जारी है। अमर उजाला की टीम ने हैंसर विकास खंड के कई परिषदीय विद्यालयों का दौरा किया। कोशिश यह जानने की थी क्या मिड डे मील योजना सही तरीके से क्रियान्वित हो रही है। मगर इन विद्यालयों में जाने पर पता चला कि कई स्कूलों में तो मिड डे मील बना ही नहीं। कुछ में बना तो वह भी मीनू के अनुसार नहीं था। भोजन खुले में बन रहा था। तेल, मसाले आदि भी नियमों को ताक पर रखकर इस्तेमाल किए जा रहे हैं। ऐसे में छपरा की घटना अन्य कहीं नहीं होगी, यह कहना संभव नहीं लग रहा। ऐसे में सरकार की इस योजना का लाभ कौन लोग उठा रहे हैं, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
Trending Videos


समय- 9:35 बजे
स्थान - प्राथमिक विद्यालय, लहुरेगांव
प्रधानाध्यापक परमात्मा प्रसाद गिरी विद्यालय के बरामदे में बैठे हुए थे। शिक्षामित्र कमरे आलम और पूनम गौड़ कमरों में बच्चों को पढ़ा रहे थे। मीनू के अनुसार रोटी और दाल युक्त सब्जी बननी चाहिए थी लेकिन रसोइया का कहना है कि जो अनाज उपलब्ध रहेगा, वही तो बनेगा। मसाला के बारे में पूछे जाने पर रसोइया का कहना था कि एक पुड़िया मसाला आया था, जिसे सब्जी में डालने के बाद उसकी पुड़िया को जला दिया।
विज्ञापन
विज्ञापन


समय- 10:15 बजे
स्थान-प्राथमिक विद्यालय, दौलतपुर
विद्यालय पर बच्चे खेल रहे थे। कक्षा 5 के छात्र अवधेश कुमार और रमजान अली बाल्टी में पानी भर कर ला रहे थे। रसोइया अनीता, मनता तथा शारदा रसोई घर के बाहर रोटी बना रही थीं। रोटी खुले में रहने से उसमें धूल तो पड़ ही रही थी, मक्खियां भी बीमारी को आमंत्रण दे रही थीं। प्रधानाध्यापक विजय सिंह यादव का कहना था कि भोजन बनने में विलंब है। बच्चे कुछ देर खेलेंगे, उसके बाद भोजन करेंगे।

समय- 12:40 बजे
स्थान-प्राथमिक विद्यालय, खैरगाड़
बरामदे में प्रधानाध्यापक बैठे हुए थे और बच्चे स्कूल पर नहीं थे। मिड डे मील बनने के बारे में प्रधानाध्यापक विंध्याचल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आज भोजन नहीं बना है। उसके बदले बच्चों को भूजा देकर खाना खाने के लिए घर भेजा गया है। इसी तरह से प्राथमिक विद्यालय बारीडीहा, रमजंगला में भी भोजन नहीं बना था।

भोजन न तो खुले आसमान में बनना चाहिए और न तो उसे खुले में रखना चाहिए। भोजन पकाने में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिन विद्यालयों में एमडीएम नहीं बना है, उन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा जाएगा।
श्याम सुंदर पटेल, खंड शिक्षा अधिकारी

नियमानुसार मिड डे मील का मीनू

सोमवार- रोटी और सब्जी। जिसमे सोयाबीन अथवा दाल की बड़ी का प्रयोग अथवा नमकीन दलिया होगा।
मंगलवार- चावल, सब्जी युक्त दाल अथवा चावल सांभर
बुधवार- कढ़ी चावल अथवा खीर
गुरुवार- रोटी, सब्जी युक्त दाल अथवा नमकीन दलिया
शुक्रवार- तेहरी
शनिवार- सब्जी, चावल, सोयाबीन अथवा खीर

मिड डे मील बनाने के सरकारी दिशा-निर्देश
-खुले आसमान में खाना न बनाया जाए।
-किचन शेड में ही खाना बनाया जाए।
-खाना बनाने से पहले किचन को पूरी तरह से साफ करें।
-किचन में झाला, कीड़े आदि न रहने पाए।
-किचन के आसपास सफाई रखें।
-ब्रांडेड मसाले और तेल का ही प्रयोग करें।
-सब्जियों की अच्छी तरह से धुलाई करें।
-खाना बनाने से पहले रसोइया अपना हाथ पूरी तरह से साफ करे।
-बच्चों को खाना खाने से पहले हाथ धोने के लिए प्रेरित करें।
-बच्चों को खाना परोसने से पहले हेडमास्टर और रसोइया उस भोजन को चखें।
-किचन शेड में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश न होने दें।

जिले में व्यवस्था पर इतना है खर्च
-1483 परिषदीय विद्यालयों में प्रतिदिन बनता है भोजन
-35 माध्यमिक विद्यालयों और सात मदरसे में भी बनता है भोजन
-4 हजार रसोइया बनाती हैं भोजन
-रसोइयों को प्रतिमाह एक हजार रुपये मिलता है मानदेय
-रसोइयों के मानदेय पर प्रतिवर्ष खर्च होता हैं चार करोड़ रुपये
-खाना बनाने के लिए मसाला, तेल, सब्जी, नमक व अन्य सामग्री पर कनवर्जन कास्ट के रूप में प्रतिवर्ष आठ करोड़ रुपये होते हैं खर्च
-सरकार से मिलता है विद्यालयों को चावल और गेहूं
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed