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इंसान होने की वजह से मिलते हैं मानवाधिकार : अपर जिला जज
संवाद न्यूज एजेंसी, संत कबीर नगर
Updated Wed, 10 Dec 2025 01:07 AM IST
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मानवाधिकार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को सबोधित करते न्यायिक अधिकारी-स्रोत सूचना
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संतकबीरनगर। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जनपद न्यायाधीश मोहन लाल विश्वकर्मा के निर्देश पर हीरालाल राम निवास स्नातकोत्तर महाविद्यालय खलीलाबाद में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि प्राधिकरण के सचिव एवं अपर जिला जज देवेंद्र नाथ गोस्वामी ने कहा कि सभी को इंसान होने से मानवाधिकार प्राप्त हैं। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार सार्वभौमिक अधिकार है। यह किसी राज्य अथवा देश द्वारा प्रदान नहीं किए जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के शांति और सुरक्षा के साथ गरिमापूर्ण ढंग से रहने का अधिकार रखता है। इसके साथ ही उन्होंने संविधान में वर्णित अनुच्छेद 21 की विस्तार से चर्चा करते हुए उसके महत्व पर प्रकाश डाला।
विशिष्ट अतिथि एवं लीगल एंड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के चीफ अन्जय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इस साल का मानवाधिकार दिवस का थीम ''मानवाधिकार, हमारी रोजमर्रा की अनिवार्यताएं'' हैं। उन्होंने कहा कि यह वह अधिकार है कि जिसके बिना मानवीय गुणों का विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मानव के गौरव व प्रतिष्ठा के संरक्षण के लिए मानव अधिकार अनिवार्य है। इसके साथ ही उन्होंने प्राधिकरण के द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में बताते हुए 13 दिसंबर को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत का लाभ उठाने के लिए जानकारी दी। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. बृजेश कुमार त्रिपाठी ने संयुक्त महासभा के द्वारा बनाए गए अधिकारों की व्याख्या करते हुए कहा कि विश्व स्तर पर मनुष्य के अधिकारों की संरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन हुआ है। यह दिवस हमें अपने अधिकारों को संरक्षित करने के लिए प्रेरित करता है।
इस अवसर पर छात्र अधिष्ठाता विजय कुमार, डाॅ. शशिकांत राव, असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. विजय कुमार मिश्र, डाॅ. मनोज कुमार मिश्र, डाॅ. हेमेंद्र शंकर समेत छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं।
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विशिष्ट अतिथि एवं लीगल एंड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के चीफ अन्जय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इस साल का मानवाधिकार दिवस का थीम ''मानवाधिकार, हमारी रोजमर्रा की अनिवार्यताएं'' हैं। उन्होंने कहा कि यह वह अधिकार है कि जिसके बिना मानवीय गुणों का विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मानव के गौरव व प्रतिष्ठा के संरक्षण के लिए मानव अधिकार अनिवार्य है। इसके साथ ही उन्होंने प्राधिकरण के द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में बताते हुए 13 दिसंबर को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत का लाभ उठाने के लिए जानकारी दी। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. बृजेश कुमार त्रिपाठी ने संयुक्त महासभा के द्वारा बनाए गए अधिकारों की व्याख्या करते हुए कहा कि विश्व स्तर पर मनुष्य के अधिकारों की संरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन हुआ है। यह दिवस हमें अपने अधिकारों को संरक्षित करने के लिए प्रेरित करता है।
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इस अवसर पर छात्र अधिष्ठाता विजय कुमार, डाॅ. शशिकांत राव, असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. विजय कुमार मिश्र, डाॅ. मनोज कुमार मिश्र, डाॅ. हेमेंद्र शंकर समेत छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं।