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Shravasti News: गांव पहुंचा दिनेश का शव तो बिलख उठे परिजन
संवाद न्यूज एजेंसी, श्रावस्ती
Updated Thu, 13 Nov 2025 12:49 AM IST
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चिता को मुखाग्नि देता बेटा। - संवाद
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श्रावस्ती/इकौना। दिल्ली में कार धमाके में जान गंवाने वाले इकौना के चिकनीपुरवा निवासी दिनेश मिश्रा (34) का शव मंगलवार की रात में उनके घर पहुंचा तो परिजन उससे लिपट कर चीख पड़े। बिलखती पत्नी और मासूम बेटियों को देख हर किसी की आंखें नम हो गईं। सांसद राम शिरोमणि वर्मा भी मृतक दिनेश के घर पहुंचे और परिजनों को ढाढ़स बंधवाया। उन्होंने हर संभव मदद का वादा भी किया।
दिनभर इंतजार के बाद मंगलवार रात एंबुलेंस से दिनेश का शव गांव पहुंचा। एंबुलेंस के गांव में दाखिल होते ही दिनेश के पिता भूरे व गांव के छोर पर मौजूद अन्य रिश्तेदार बिलख पड़े। घर पर जैसे ही शव नीचे उतारा गया तो दिनेश की मां साबित्री यह मंजर देख अचेत हो गईं। एक ओर सावित्री को लोग संभाल रहे थे तो दूसरी ओर दिनेश की पत्नी रीना व मासूम बेटियों के विलाप की आवाजें कलेजे को चीर रही थीं। यह करुण क्रंदन वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं।
पिता के शव के साथ घर पहुंचा बेटा हिमांशु मां रीना से लिपट गया। दादी व मां को रोता देख मृतक दिनेश की दोनों बेटियां बिट्टा (7) और सृष्टि (4) भी रोने लगीं। बिलाप का सिलसिला पूरी रात चलता रहा। गांव के लोग उन्हें ढाढ़स बंधाते रहे।
आठ वर्षीय हिमांशु ने दी मुखाग्नि, नम हुई हर किसी की आंखें
बुधवार को दिनेश की अंतिम यात्रा में चिकनीपुरवा और आसपास के गांवों के लोग जुटे। हर किसी की जुबान पर दिनेश की नेकदिली और अच्छाइयों के चर्चे थे। करीब दस बजे दिनेश का अंतिम संस्कार गांव में ही किया गया। दिनेश मिश्रा के अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। दिनेश के आठ वर्षीय बेटे हिमांशु ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। हिमांशु के नन्हे हाथों से उनके पिता दिनेश की अंतिम क्रिया देख वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई। इस दौरान लोगों ने दिल्ली बम धमाके की जमकर आलोचना की और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की।
ज्यादातर घरों में नहीं जले चूल्हे
दिल्ली धमाके में दिनेश मिश्रा की मौत से पूरा चिकनीपुरवा गांव में शोक डूबा रहा। रात में शव पहुंचने के बाद 300 से अधिक ग्रामीण उनके घर पहुंचे। इस दौरान गांव के ज्यादातर घरों में चूल्हा नहीं जला।
25 लाख मुआवजा दिया जाए : सांसद
सांसद राम शिरोमणि वर्मा भी देर रात चिकनीपुरवा गांव पहुंचे। उन्होंने मृतक दिनेश का अंतिम दर्शन किए और उनके परिजनों को ढाढ़स बंधाया। साथ ही परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह घटना सुरक्षा की बड़ी चूक है। सरकार को ये सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और फिर दिनेश की तरह कोई परिवार न टूटे। उन्होंने कहा कि दिनेश की मौत से उनके तीन बच्चे और पत्नी का सहारा छूट गया है। सरकार को परिवार की मदद के रूप में कम से कम 25 लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने बताया कि सरकार से मुआवजा देने की मांग की जाएगी।
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पिता के शव के साथ घर पहुंचा बेटा हिमांशु मां रीना से लिपट गया। दादी व मां को रोता देख मृतक दिनेश की दोनों बेटियां बिट्टा (7) और सृष्टि (4) भी रोने लगीं। बिलाप का सिलसिला पूरी रात चलता रहा। गांव के लोग उन्हें ढाढ़स बंधाते रहे।
आठ वर्षीय हिमांशु ने दी मुखाग्नि, नम हुई हर किसी की आंखें
बुधवार को दिनेश की अंतिम यात्रा में चिकनीपुरवा और आसपास के गांवों के लोग जुटे। हर किसी की जुबान पर दिनेश की नेकदिली और अच्छाइयों के चर्चे थे। करीब दस बजे दिनेश का अंतिम संस्कार गांव में ही किया गया। दिनेश मिश्रा के अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। दिनेश के आठ वर्षीय बेटे हिमांशु ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। हिमांशु के नन्हे हाथों से उनके पिता दिनेश की अंतिम क्रिया देख वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई। इस दौरान लोगों ने दिल्ली बम धमाके की जमकर आलोचना की और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की।
ज्यादातर घरों में नहीं जले चूल्हे
दिल्ली धमाके में दिनेश मिश्रा की मौत से पूरा चिकनीपुरवा गांव में शोक डूबा रहा। रात में शव पहुंचने के बाद 300 से अधिक ग्रामीण उनके घर पहुंचे। इस दौरान गांव के ज्यादातर घरों में चूल्हा नहीं जला।
25 लाख मुआवजा दिया जाए : सांसद
सांसद राम शिरोमणि वर्मा भी देर रात चिकनीपुरवा गांव पहुंचे। उन्होंने मृतक दिनेश का अंतिम दर्शन किए और उनके परिजनों को ढाढ़स बंधाया। साथ ही परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह घटना सुरक्षा की बड़ी चूक है। सरकार को ये सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और फिर दिनेश की तरह कोई परिवार न टूटे। उन्होंने कहा कि दिनेश की मौत से उनके तीन बच्चे और पत्नी का सहारा छूट गया है। सरकार को परिवार की मदद के रूप में कम से कम 25 लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने बताया कि सरकार से मुआवजा देने की मांग की जाएगी।