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Shravasti News: मां-बेटे की मौत से गांव में पसरा मातम
संवाद न्यूज एजेंसी, श्रावस्ती
Updated Tue, 16 Dec 2025 01:05 AM IST
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हादसे में मौत के बाद मृतक के घर में रोते-बिलखते परिजन। - संवाद
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गिलौला। बाराबंकी जिले के मसौली के पास हुए दर्दनाक हादसे में गिलौला के सुविखा निवासी लिपिक संतोष नाथ मिश्रा (48) व उनकी मां शांति देवी (70) की मौत की सूचना से घर में चीत्कार मच गई। घर पर अकेली मौजूद संतोष की बेटी आंसी अचेत होकर गिर गई। परिवार के अन्य लाेगों ने उसे संभाला। हादसे में आंसी की मां संतोषी देवी (46) की हालत गंभीर देख ग्रामीण उनके सकुशल बचने की प्रार्थना कर रहे हैं।
मसौली में हुए दर्दनाक हादसे में मौत का शिकार हुए लिपिक संतोष कुमार मिश्रा उर्फ बैधू मास्टर अपने पिता अमरनाथ मिश्रा की इकलौती संतान थे। उनके पिता शिक्षक थे और लंबी बीमारी के चलते सेवाकाल में ही उनका निधन हो गया था। बालिग होने पर संतोष को मृतक आश्रित के रूप में अनुचर की नौकरी मिली थी। प्रमोशन के बाद वर्तमान में वह गिलौला के मोहम्मदापुर बीआरसी में लिपिक के पद पर तैनात थे।
संतोष कुमार मिश्रा सोमवार को अपनी मां शांति देवी का इलाज करवाने के लिए लखनऊ जा रहे थे। परिजनों ने बताया कि शांति देवी कैंसर से पीड़ित हैं, उनका इलाज लखनऊ स्थित अस्पताल में चल रहा है। समय पर अस्पताल पहुंचने के लिए सोमवार को संतोष तड़के तीन बजे उठ गए थे और पत्नी संतोष कुमारी के साथ अपनी कार से लखनऊ जा रहे थे। मसौली के पास ट्रक ने उनकी कार में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि पुलिस को कटर से शवों को बाहर निकालना पड़ा। हादसे में उनकी पत्नी संतोष कुमारी गंभीर रूप से घायल हैं।
संतोष मिश्रा के एक बेटा संकेतनाथ मिश्रा (23) व बेटी आंसी (20) है। बेटा संकेतनाथ दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है, बेटी आंसी पढ़ाई के साथ-साथ गिलौला स्थित शिशु मंदिर में शिक्षण कार्य करती हैं। हादसे के समय आंसी घर पर अकेली थी। पिता व दादी की मौत की सूचना से वह सहम गई।
पिता व दादी की मौत और मां की हालत गंभीर सुन बेटा संकेत भी बिलख पड़ा। हादसे में सब कुछ गंवाने के बाद संकेत व आंसी को सिर्फ मां का सहारा बचा है, जो ट्रॉमा सेंटर में जिंदगी और मौत से जूझ रही हैं। संतोष के गांव पहुंचे राम सूरत शुक्ल, गया प्रसाद सोनी, राम राखन त्रिपाठी आदि बेटी को समझाते व संतोष कुमारी की कुशलता की प्रार्थना करते दिखे।
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मसौली में हुए दर्दनाक हादसे में मौत का शिकार हुए लिपिक संतोष कुमार मिश्रा उर्फ बैधू मास्टर अपने पिता अमरनाथ मिश्रा की इकलौती संतान थे। उनके पिता शिक्षक थे और लंबी बीमारी के चलते सेवाकाल में ही उनका निधन हो गया था। बालिग होने पर संतोष को मृतक आश्रित के रूप में अनुचर की नौकरी मिली थी। प्रमोशन के बाद वर्तमान में वह गिलौला के मोहम्मदापुर बीआरसी में लिपिक के पद पर तैनात थे।
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संतोष कुमार मिश्रा सोमवार को अपनी मां शांति देवी का इलाज करवाने के लिए लखनऊ जा रहे थे। परिजनों ने बताया कि शांति देवी कैंसर से पीड़ित हैं, उनका इलाज लखनऊ स्थित अस्पताल में चल रहा है। समय पर अस्पताल पहुंचने के लिए सोमवार को संतोष तड़के तीन बजे उठ गए थे और पत्नी संतोष कुमारी के साथ अपनी कार से लखनऊ जा रहे थे। मसौली के पास ट्रक ने उनकी कार में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि पुलिस को कटर से शवों को बाहर निकालना पड़ा। हादसे में उनकी पत्नी संतोष कुमारी गंभीर रूप से घायल हैं।
संतोष मिश्रा के एक बेटा संकेतनाथ मिश्रा (23) व बेटी आंसी (20) है। बेटा संकेतनाथ दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है, बेटी आंसी पढ़ाई के साथ-साथ गिलौला स्थित शिशु मंदिर में शिक्षण कार्य करती हैं। हादसे के समय आंसी घर पर अकेली थी। पिता व दादी की मौत की सूचना से वह सहम गई।
पिता व दादी की मौत और मां की हालत गंभीर सुन बेटा संकेत भी बिलख पड़ा। हादसे में सब कुछ गंवाने के बाद संकेत व आंसी को सिर्फ मां का सहारा बचा है, जो ट्रॉमा सेंटर में जिंदगी और मौत से जूझ रही हैं। संतोष के गांव पहुंचे राम सूरत शुक्ल, गया प्रसाद सोनी, राम राखन त्रिपाठी आदि बेटी को समझाते व संतोष कुमारी की कुशलता की प्रार्थना करते दिखे।
