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बच्चों की सेहत बिगड़ी, पांच भर्ती
Siddhartha nagar
Updated Sat, 04 May 2013 05:30 AM IST
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सिद्धार्थनगर। बदलते मौसम से लोगों की सेहत बिगड़ती जा रही है। बीमार लोगों में छोटे बच्चे की संख्या अधिक है। शुक्रवार को जिला अस्पताल में उल्टी, दस्त से पीड़ित पांच बच्चों को भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने धूप, लू से बच्चों को बचाने की सलाह दी है। उनका कहना है कि थोड़ी लापरवाही से तबीयत खराब हो सकती है।
शुक्रवार को जिला अस्पताल के ओपीडी में बच्चों की संख्या अधिक थी। बच्चों के साथ उनके अभिभावकों की भीड़ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जीसी श्रीवास्तव के कमरे के बाहर दिखी। रोज उल्टी, दस्त से पीड़ित 12 से अधिक बच्चे सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं।
जिला अस्पताल के इमरजेंसी और चिल्ड्रेन वार्ड में छह से अधिक बच्चे भर्ती हैं। किसी बच्चे को दस्त, किसी को उल्टी तो किसी को वायरल फीवर है। सिसवा बुजुर्ग से इलाज के लिए आई डेढ़ वर्षीय सुधा उल्टी और दस्त से पीड़ित है। कृष्णानगर निवासी बजरंगी, महुलानी का गनेश (1) दस्त से पीड़ित है। साथ ही उसे वायरल फीवर भी है। कृष्णानगर के एक प्राइवेट चिकित्सक ने उसका इलाज किया था। फायदा न होने पर उसे यहां जिला अस्पताल लाना पड़ा।
इसी प्रकार चिल्हिया के महदेवा निवासी सनी (1) को गर्मी के वजह से झटका और बार-बार उल्टी हो रही थी। वहीं बरइनिया के मोहसिन (9 माह) को उसके परिजन उल्टी दस्त से पीड़ित होने पर अस्पताल में भर्ती कराए। अस्पताल में बच्चाें की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग भी सकते में है। इस संबंध में सीएमएस रामचंदर ने कहा कि मौसम को देखते हुए अस्पताल में तैयारी कर ली गई थी। जितने बच्चे आ रहे हैं, उनके इलाज की समुचित व्यवस्था और दवाओं की उपलब्धता है।
उल्टी-दस्त पर इलाज कराएं
डायरिया में बच्चों को उल्टी और दस्त दोनों एक साथ शुरू हो जाती है। यदि बच्चे को पांच से ज्यादा बार पतली टट्टी हो तो उसे दस्त की श्रेणी में रखा जाएगा। कभी-कभी बच्चे को बुखार भी हो सकता है। उल्टी और दस्त दोनों साथ हों तो यह एक गंभीर है। उसे तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है।
स्वच्छता का ध्यान रखें
सिद्धार्थनगर। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जीसी श्रीवास्तव का कहना है कि इस मौसम में बच्चों को ढीले कपड़े पहनाएं। बासी खाने से परहेज करें। सदैव ताजा खाना ही खाएं। साथ ही धुली हुई सब्जियाें का प्रयोग करें। उन्हाेंने बताया कि शुद्ध और साफ पानी पीएं। उल्टी, दस्त में ओआरएस का घोल पिलाएं। तबीयत में सुधार न हो तो मेट्रोजिल दवा दें। उन्होंने बताया कि सफाई का विशेष ध्यान रखें। हमेशा हाथ साफ करके ही खाना आदि खिलाएं।
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शुक्रवार को जिला अस्पताल के ओपीडी में बच्चों की संख्या अधिक थी। बच्चों के साथ उनके अभिभावकों की भीड़ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जीसी श्रीवास्तव के कमरे के बाहर दिखी। रोज उल्टी, दस्त से पीड़ित 12 से अधिक बच्चे सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं।
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जिला अस्पताल के इमरजेंसी और चिल्ड्रेन वार्ड में छह से अधिक बच्चे भर्ती हैं। किसी बच्चे को दस्त, किसी को उल्टी तो किसी को वायरल फीवर है। सिसवा बुजुर्ग से इलाज के लिए आई डेढ़ वर्षीय सुधा उल्टी और दस्त से पीड़ित है। कृष्णानगर निवासी बजरंगी, महुलानी का गनेश (1) दस्त से पीड़ित है। साथ ही उसे वायरल फीवर भी है। कृष्णानगर के एक प्राइवेट चिकित्सक ने उसका इलाज किया था। फायदा न होने पर उसे यहां जिला अस्पताल लाना पड़ा।
इसी प्रकार चिल्हिया के महदेवा निवासी सनी (1) को गर्मी के वजह से झटका और बार-बार उल्टी हो रही थी। वहीं बरइनिया के मोहसिन (9 माह) को उसके परिजन उल्टी दस्त से पीड़ित होने पर अस्पताल में भर्ती कराए। अस्पताल में बच्चाें की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग भी सकते में है। इस संबंध में सीएमएस रामचंदर ने कहा कि मौसम को देखते हुए अस्पताल में तैयारी कर ली गई थी। जितने बच्चे आ रहे हैं, उनके इलाज की समुचित व्यवस्था और दवाओं की उपलब्धता है।
उल्टी-दस्त पर इलाज कराएं
डायरिया में बच्चों को उल्टी और दस्त दोनों एक साथ शुरू हो जाती है। यदि बच्चे को पांच से ज्यादा बार पतली टट्टी हो तो उसे दस्त की श्रेणी में रखा जाएगा। कभी-कभी बच्चे को बुखार भी हो सकता है। उल्टी और दस्त दोनों साथ हों तो यह एक गंभीर है। उसे तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है।
स्वच्छता का ध्यान रखें
सिद्धार्थनगर। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जीसी श्रीवास्तव का कहना है कि इस मौसम में बच्चों को ढीले कपड़े पहनाएं। बासी खाने से परहेज करें। सदैव ताजा खाना ही खाएं। साथ ही धुली हुई सब्जियाें का प्रयोग करें। उन्हाेंने बताया कि शुद्ध और साफ पानी पीएं। उल्टी, दस्त में ओआरएस का घोल पिलाएं। तबीयत में सुधार न हो तो मेट्रोजिल दवा दें। उन्होंने बताया कि सफाई का विशेष ध्यान रखें। हमेशा हाथ साफ करके ही खाना आदि खिलाएं।