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बसंतापुर बांध कटा, 40 गांवों में घुसा पानी

Lucknow Bureau लखनऊ ब्यूरो
Updated Sat, 23 Oct 2021 12:06 AM IST
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Basantapur dam cut, water entered in 40 villages
सीतापुर। तराई इलाके में उफनाई शारदा व सरयू नदी ग्रामीणों पर कहर बनकर टूट रही है। पानी के तेज बहाव में बसंतापुर व देवपालपुर के बीच बना बांध बह गया। इससे करीब 40 गांवों के अंदर पानी पहुंच गया। फसलें जलमग्न हो गई हैं। न तो घर में खाना पकाने के लिए सूखी जमीन बची है और न ही शौच का कोई साधन है। सबसे खराब हालात तंबौर के बन गए हैं। लालपुर-तंबौर मुख्य मार्ग के ऊपर पानी बह रहा है।
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इस रूट को एहतियात तौर पर बंद कर दिया गया है। सीएचसी तंबौर व पॉवर हाउस के अंदर तक पानी पहुंच गया है। हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। दुर्गापुरवा का अस्तित्व मिटने के कगार पर आ गया है। नदियां खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। तीन तहसीलों के 120 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
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तराई इलाके में उफनाई नदियां बिसवां, लहरपुर व महमूदाबाद तहसील में अपना कहर बरपा रही हैं। तंबौर संवाद के अनुसार बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं। बीती रात बसंतापुर व देवपालपुर के बीच बाढ़ व कटान रोकने के लिये सिंचाई विभाग द्वारा बनवाया गया बांध करीब पांच सौ मीटर तक कट गया। इससे तेज रफ्तार पानी ने क्षेत्र में तबाही मचा दी है।
बसंतापुर, कोल्हुआपुरवा, देवपालपुर, मोगलापुर, आलमपुर, औरंगाबाद, दुबाई, चंदीभानपुर, अकबरपुर, लखनीपुर, भानपुर, मानपुर, बिस्वाखुर्द, बैठूपूर्वा, ककरहा, रोहा, चांदीखेरा, बेहटा, सुमली, कुम्हारनपुरवा, रमुआपुर, जनकपुर, खैरी पट्टी, बरसिंघवा, सुजावलपुर, रजनापुर, सेतुही, क्योटना व नन्हूई समेत करीब 40 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इन गांवों के हालात बहुत ही खराब हैं। यहां खाना बनाने की जगह तक नहीं बची है और न ही पीने के लिए साफ पानी है।
बाढ़ का पानी इतनी तेजी से बह रहा है कि दोपहर तक कस्बे के मोहल्ला आजाद नगर व नवाब साहबपुरवा के मकानों के आसपास के साथ ही गांजर कॉलेज, मंडी परिसर, पॉवर हाउस व सीएचसी परिसर में पानी भर गया। गांजर इंटर कॉलेज से लेकर सुजावलपुर तक करीब पांच किलोमीटर, तंबौर से बिसवांखुर्द होकर अकबरपुर तक करीब चार किलोमीटर, तंबौर से छतांगुर होकर देवपालपुर तक करीब चार किलोमीटर सड़क के दोनों तरफ एक से दो फीट तक पानी बह रहा है। सभी बाढ़ग्रस्त गांवों के संपर्क मार्ग पूरी तरह बंद हैं।
लहरपुर में शारदा नदी के उफनाने से शुक्रवार को भदफर क्षेत्र के अलावा लहरपुर-तंबौर मार्ग पर भी जगह-जगह सड़क पर पानी बहने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम मतुवा में बाढ़ का पानी सड़क पर आ जाने व तंबौर मार्ग पर सड़क कटने की खबर के चलते पुलिस द्वारा रूट डायवर्जन कर भारी वाहनों को सकरन की तरफ से भेजा जा रहा है।
लालपुर से तंबौर तक संपूर्ण मार्ग पर दोनों तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। भारी संख्या में लोग अपने मवेशियों सहित सड़क के किनारे डेरा डाले हुए हैं। क्षेत्र के प्रमुख ग्राम भदफर, पिपरिया, तेजवापुर, नौवापुर, मरसंडा, अमर नगर, रतौली डीह, ढोलनापुर, खनियापुर, कुसेपा, पसुरा, बेलवा पट्टी, दहेली, चंदवा सोत, शेखनापुर व दहेली आदि गांवों का संपर्क कट चुका हैं। भदफर चौकी के तहत लखीमपुर-बहराइच मार्ग पर बाढ़ का पानी राष्ट्रीय राजमार्ग को काट रहा है।
इसके चलते वाहनों को भदफर के निकट रोक दिया गया है। हरगांव भाजपा विधायक सुरेश राही ने गांवों से पलायन करने के बाद लखीमपुर-बहराइच राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुजरबसर करने वाले लोगों को भोजन के पैकेट बांटे। उप जिलाधिकारी पंकज कुमार राठौर, पुलिस क्षेत्राधिकारी राजू कुमार साव व कोतवाली प्रभारी मनीष कुमार सिंह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जुटे हुए हैं।
रामपुर मथुरा में आसमान से बरस रही आफत से गांजरी क्षेत्र में बहने वाली सरयू नदी अभी भी खतरे के निशान से करीब 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। उफनाई सरयू नदी की चपेट में आए करीब 30 गांवों का संपर्क टूट जाने से वहां दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए केवल नाव द्वारा ही आवागमन हो रहा है।
रेउसा तहसील क्षेत्र बिसवां के पासिनपुरवा के कमलेश, जगदीश, शिवकुमार, चंदराम, जागेंद्रर, प्रहलाद, मुन्नू, हरेराम व बृजमोहन के घर कटान के मुहाने पर आ गए हैं। ये किसी भी समय कट सकते हैं। वहीं दुर्गापुरवा का अस्तित्व मिटने के कगार पर आ गया है। दुर्गापुरवा में पहले 184 घर थे, अब महज छह घर बचे हैं। नदी गांव के किनारे बह रही है। ये घर भी किसी समय पानी में समा सकते हैं।
इससे दुर्गापुरवा के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। तहसीलदार अभिचल प्रताप सिंह ने बताया कि शुक्रवार को 1200 लंच पैकेट बंटवाए गए हैं। राजस्व व पुलिस की टीमें बराबर भ्रमण करके लोगों को मदद पहुंचा रही हैं। रेउसा इलाके में करीब 40 गांव पानी के चपेट में हैं। इससे यहां के लोगों की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं।
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