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मानवता के लिए लोकतंत्र जरूरी : श्याम दोहरे
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म्योरपुर। गोविंदपुर स्थित वनवासी सेवा आश्रम में बृहस्पतिवार को दो दिवसीय ग्राम स्वराज्य सम्मेलन का उद्घाटन हुआ। बतौर मुख्य अतिथि मप्र के सामाजिक कार्यकर्ता और ग्राम स्वराज के विशेषज्ञ श्याम बोहरे ने कहा कि पूरी दुनिया में मानवता के लिए लोकतंत्र जरूरी है। मजबूत लोकतंत्र के माध्यम से हम मानव जीवन को सुखी बना सकते हैं।
मुख्य अतिथि के साथ चंद्रशेखर प्राण, मनीषा चटर्जी, ग्राम प्रधान बिंदु देवी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि ने कहा लोकतंत्र का आधार पंचायत राज मुख्य विषय पर आधारित सम्मेलन के पहले दिन मुख्य अतिथि श्याम दोहरे ने कहा कि पूरी दुनिया में मानवता के लिए लोकतंत्र जरूरी है। युगांडा का राजतंत्र एक उदाहरण है, जहां सैनिक आम आदमी की आवाज को दबाने के लिए मार कर खा जाते थे। कहा कि वर्तमान परिवेश को देखते हैं तो निराशा का भाव आता है। इसे दूर करने के लिए प्रशासन पर निर्भरता कम करनी होगा और आम नागरिकों की भूमिका बढ़ानी होगी। केवल वोट देकर चुप बैठने से लोकतंत्र मजबूत नहीं होगा।
बीडीओ दिनेश मिश्रा ने कहा कि हमें खुद आगे आकर समस्याओं को चिह्नित करना होगा। डाॅ. नरेंद्र मल्होत्रा ने विस्तार से विकास कार्यों की चर्चा की और सामाजिक कार्यों के साथ अध्यात्म को जोड़ने की वकालत की। पश्चिम बंगाल से आई मनीषा ने महिलाओं के मुद्दे पर चर्चा की। अध्यक्षता करते हुए डाॅ. चंद्रशेखर प्राण ने पंचायत राज की चर्चा की। सामुदायिक भागीदारी पर जोर दिया। केवला दुबे ने क्षेत्रीय ग्राम स्वराज की चर्चा और रिपोर्ट प्रस्तुत की। शुभा प्रेम ने आश्रम के कार्यक्रमों की जानकारी दी। इस मौके पर देवनाथ, प्रदीप पांडेय, विमल, पुतुल, मंजू, डाॅ. विभा, डाॅ. ब्रह्मजीत सिंह, रामजन्म, मंजू देवी, आदि मौजूद रहे।
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मुख्य अतिथि के साथ चंद्रशेखर प्राण, मनीषा चटर्जी, ग्राम प्रधान बिंदु देवी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि ने कहा लोकतंत्र का आधार पंचायत राज मुख्य विषय पर आधारित सम्मेलन के पहले दिन मुख्य अतिथि श्याम दोहरे ने कहा कि पूरी दुनिया में मानवता के लिए लोकतंत्र जरूरी है। युगांडा का राजतंत्र एक उदाहरण है, जहां सैनिक आम आदमी की आवाज को दबाने के लिए मार कर खा जाते थे। कहा कि वर्तमान परिवेश को देखते हैं तो निराशा का भाव आता है। इसे दूर करने के लिए प्रशासन पर निर्भरता कम करनी होगा और आम नागरिकों की भूमिका बढ़ानी होगी। केवल वोट देकर चुप बैठने से लोकतंत्र मजबूत नहीं होगा।
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बीडीओ दिनेश मिश्रा ने कहा कि हमें खुद आगे आकर समस्याओं को चिह्नित करना होगा। डाॅ. नरेंद्र मल्होत्रा ने विस्तार से विकास कार्यों की चर्चा की और सामाजिक कार्यों के साथ अध्यात्म को जोड़ने की वकालत की। पश्चिम बंगाल से आई मनीषा ने महिलाओं के मुद्दे पर चर्चा की। अध्यक्षता करते हुए डाॅ. चंद्रशेखर प्राण ने पंचायत राज की चर्चा की। सामुदायिक भागीदारी पर जोर दिया। केवला दुबे ने क्षेत्रीय ग्राम स्वराज की चर्चा और रिपोर्ट प्रस्तुत की। शुभा प्रेम ने आश्रम के कार्यक्रमों की जानकारी दी। इस मौके पर देवनाथ, प्रदीप पांडेय, विमल, पुतुल, मंजू, डाॅ. विभा, डाॅ. ब्रह्मजीत सिंह, रामजन्म, मंजू देवी, आदि मौजूद रहे।