{"_id":"631b8792c1c6ac5e593c5c56","slug":"screw-stuck-in-widening-of-civil-lines-road-sonbhadra-news-vns673405980","type":"story","status":"publish","title_hn":"सरविल लाइंस सड़क के चौड़ीकरण में फंसा पेंच","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
सरविल लाइंस सड़क के चौड़ीकरण में फंसा पेंच
विज्ञापन
विज्ञापन
राबर्ट्सगंज नगर के सिविल लाइंस रोड के प्रस्तावित चौड़ीकरण कार्य में पेंच फंस गया है। सड़क की नापी को लेकर अलग-अलग मानक पर लोग सवाल उठा रहे हैं। नापी के दौरान कहीं यह सड़क 14 मीटर चौड़ी रखी है तो कहीं 13 और 12 मीटर है। जिन इलाकों में चौड़ाई कम की गई है, आरोप है वहां प्रभावशाली लोग काबिज हैं। नापी में भेदभाव से अंदरखाने में विरोध के स्वर उठने लगे हैं।
सिविल लाइंस रोड के चौड़ीकरण का प्रस्ताव है। पहले चरण में बढ़ौली चौराहा से कचहरी तक चौड़ीकरण होना है। इस सड़क को फोरलेन बनाया जाएगा। बीच में डिवाइडर का निर्माण होगा। इसे मूर्त रूप देने के लिए पिछले दिनों पीडब्लूडी, राजस्व विभाग और नगर पालिका परिषद की संयुक्त टीम ने नापी कराई। सड़क के दायरे में आ रहे हिस्से को चिह्नित करते हुए निशान लगाया। नापी के दौरान सड़क को तीन हिस्सों में बांटा गया है।
कुछ स्थानों पर सड़क के मध्य से दोनों तरफ 14-14 मीटर की दूरी ली गई है तो कहीं 13-13 मीटर पर ही निशान लगाया है। वहीं कुछ हिस्से में सड़क मध्य से 12-12 मीटर है। नापी के दौरान सड़क के दोनों तरफ कई भवन, दुकान और अन्य निर्माण जद में आ रहे हैं। नगर पालिका से निर्मित नाले के दूसरी तरफ स्थित भवनों को भी अतिक्रमण के दायरे में लाते हुए निशान लगाया गया है।
खास बात यह कि सड़क की चौड़ाई विनियमित क्षेत्र और राजस्व विभाग के नक्शे में अलग-अलग है। विनियमित क्षेत्र के मानकों के आधार पर ही नगर में निर्माण हो रहे हैं, जबकि नापी के दौरान राजस्व के नक्शे को आधार बनाया गया है। बढ़ौली चौक की तरफ स्थित भवन स्वामियों का आरोप है कि कचहरी की तरफ प्रभावशाली लोगों के दबाव में चौड़ाई घटा दी गई है। विरोध के चलते चौड़ीकरण कार्य खटाई में पड़ता दिख रहा है।
राजस्व नक्शे के हिसाब से सिविल लाइंस रोड की नापी की गई है। बढ़ौली चौक तरफ से मध्य सड़क से 14-14 मीटर दोनों तरफ, मध्य में 13 -13 मीटर और कचहरी के आगे 12-12 मीटर दोनों तरफ नापी कर निशान लगवाया गया है। डीएम के निर्देश पर ही आगे कोई कार्रवाई की जाएगी। - श्रवण पांडेय, जेई-पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड।
राजस्व विभाग के नक्शा के अनुसार ही सिविल लाइंस रोड की नापी कराई गई है। नक्शे में ही कहीं ज्यादा तो कहीं कम भूमि दर्शाया गया है। यदि इससे अधिक कहीं भूमि ली जाती है तो उसका मुआवजा देना पड़ेगा। - घनश्याम वर्मा, कानूनगो सदर।
Trending Videos
सिविल लाइंस रोड के चौड़ीकरण का प्रस्ताव है। पहले चरण में बढ़ौली चौराहा से कचहरी तक चौड़ीकरण होना है। इस सड़क को फोरलेन बनाया जाएगा। बीच में डिवाइडर का निर्माण होगा। इसे मूर्त रूप देने के लिए पिछले दिनों पीडब्लूडी, राजस्व विभाग और नगर पालिका परिषद की संयुक्त टीम ने नापी कराई। सड़क के दायरे में आ रहे हिस्से को चिह्नित करते हुए निशान लगाया। नापी के दौरान सड़क को तीन हिस्सों में बांटा गया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
कुछ स्थानों पर सड़क के मध्य से दोनों तरफ 14-14 मीटर की दूरी ली गई है तो कहीं 13-13 मीटर पर ही निशान लगाया है। वहीं कुछ हिस्से में सड़क मध्य से 12-12 मीटर है। नापी के दौरान सड़क के दोनों तरफ कई भवन, दुकान और अन्य निर्माण जद में आ रहे हैं। नगर पालिका से निर्मित नाले के दूसरी तरफ स्थित भवनों को भी अतिक्रमण के दायरे में लाते हुए निशान लगाया गया है।
खास बात यह कि सड़क की चौड़ाई विनियमित क्षेत्र और राजस्व विभाग के नक्शे में अलग-अलग है। विनियमित क्षेत्र के मानकों के आधार पर ही नगर में निर्माण हो रहे हैं, जबकि नापी के दौरान राजस्व के नक्शे को आधार बनाया गया है। बढ़ौली चौक की तरफ स्थित भवन स्वामियों का आरोप है कि कचहरी की तरफ प्रभावशाली लोगों के दबाव में चौड़ाई घटा दी गई है। विरोध के चलते चौड़ीकरण कार्य खटाई में पड़ता दिख रहा है।
राजस्व नक्शे के हिसाब से सिविल लाइंस रोड की नापी की गई है। बढ़ौली चौक तरफ से मध्य सड़क से 14-14 मीटर दोनों तरफ, मध्य में 13 -13 मीटर और कचहरी के आगे 12-12 मीटर दोनों तरफ नापी कर निशान लगवाया गया है। डीएम के निर्देश पर ही आगे कोई कार्रवाई की जाएगी। - श्रवण पांडेय, जेई-पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड।
राजस्व विभाग के नक्शा के अनुसार ही सिविल लाइंस रोड की नापी कराई गई है। नक्शे में ही कहीं ज्यादा तो कहीं कम भूमि दर्शाया गया है। यदि इससे अधिक कहीं भूमि ली जाती है तो उसका मुआवजा देना पड़ेगा। - घनश्याम वर्मा, कानूनगो सदर।
