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Sultanpur News: लिंक भेजकर दंपती के खाते से उड़ाए 5.45 लाख रुपये
संवाद न्यूज एजेंसी, सुल्तानपुर
Updated Tue, 16 Dec 2025 11:31 PM IST
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सुल्तानपुर। साइबर ठग ने मोेबाइल पर लिंक भेजकर पति-पत्नी के अलग-अलग खातों से 5.45 लाख रुपये निकाल निकाल लिए। ठगी की जानकारी के बाद पीड़ित की तहरीर पर पुलिस साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
दोस्तपुर के कटघरा पट्टी निवासी प्रमोद कुमार ने बताया कि उनके मोबाइल पर गत 25 सितंबर को एक लिंक आया। लिंक को खोलने के बाद उनके मोबाइल पर आधार की ओटीपी आने लगी। ओटीपी आने के एक घंटे बाद उनके मोबाइल का नेटवर्क चला गया। इसके बाद वह अपना मोबाइल ठीक कराने दुकान पर पहुंचे तो पता चला कि आधार लॉक हो गया है। आधार अनलाॅक कराने में उन्हें तीन दिन लग गया।
पीड़ित ने बताया कि इस बीच उनके बचत खाते से 1.45 लाख रुपये, चालू खाते से तीन लाख रुपये व उनकी पत्नी के खाते से एक लाख कुल 5.45 लाख रुपये साइबर ठग ने खातों से पार कर दिए। साइबर थाने के प्रभारी निरीक्षक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। प्रकरण की जांच की जा रही है।
लिंक से ऐसे निकालते हैं खाते से धनराशि
साइबर ठग बैंकिंग, मोबाइल केवाईसी व दूसरे सामान्य तरीके से मैसेज के साथ लिंक देते हैं। इस लिंक पर क्लिक करने के बाद एक स्क्रीन पल भर के लिए सामने आती है और उसके बाद बंद हो जाती है। लोगों को लगता है लिंक खुला नहीं, जबकि वह बैक साइड में मोबाइल में एक एप इंस्टॉल कर देता है। यह एप मोबाइल का एक्सेस साइबर ठग को देता है। जालसाज टारगेट के मोबाइल की डिटेल का प्रयोग कर अकाउंट से रुपये निकालने के साथ ही सोशल मीडिया अकाउंट को कब्जे में कर लेते हैं।
ऐसे बचे अंजान लिंक से
साइबर क्राइम से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार मोबाइल पर आए किसी भी अनजान लिंक पर कदापि क्लिक न करें। गलती से किसी लिंक पर क्लिक हो गया है तो मोबाइल ठीक से मॉनिटर करें। जितना जल्दी हो सके सिम को बाहर निकाल कर उसे फाॅर्मेट करें। फॉर्मेट करने से पहले मोबाइल में कोई जरूरी डेटा है तो उसे दूसरे सिस्टम में डाल सकते हैं। हैक मोबाइल में इंस्टॉल एप से दूसरे मोबाइल या पीसी पर कोई असर नहीं होगा। मोबाइल के एप स्टोर पर हाॅर्मफुल एप के लिए सिक्योरिटी हमेशा ऑन रखें। उसके बंद होने पर एप बिना परमिशन मांगे ही इंस्टॉल हो जाता है।
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दोस्तपुर के कटघरा पट्टी निवासी प्रमोद कुमार ने बताया कि उनके मोबाइल पर गत 25 सितंबर को एक लिंक आया। लिंक को खोलने के बाद उनके मोबाइल पर आधार की ओटीपी आने लगी। ओटीपी आने के एक घंटे बाद उनके मोबाइल का नेटवर्क चला गया। इसके बाद वह अपना मोबाइल ठीक कराने दुकान पर पहुंचे तो पता चला कि आधार लॉक हो गया है। आधार अनलाॅक कराने में उन्हें तीन दिन लग गया।
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पीड़ित ने बताया कि इस बीच उनके बचत खाते से 1.45 लाख रुपये, चालू खाते से तीन लाख रुपये व उनकी पत्नी के खाते से एक लाख कुल 5.45 लाख रुपये साइबर ठग ने खातों से पार कर दिए। साइबर थाने के प्रभारी निरीक्षक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। प्रकरण की जांच की जा रही है।
लिंक से ऐसे निकालते हैं खाते से धनराशि
साइबर ठग बैंकिंग, मोबाइल केवाईसी व दूसरे सामान्य तरीके से मैसेज के साथ लिंक देते हैं। इस लिंक पर क्लिक करने के बाद एक स्क्रीन पल भर के लिए सामने आती है और उसके बाद बंद हो जाती है। लोगों को लगता है लिंक खुला नहीं, जबकि वह बैक साइड में मोबाइल में एक एप इंस्टॉल कर देता है। यह एप मोबाइल का एक्सेस साइबर ठग को देता है। जालसाज टारगेट के मोबाइल की डिटेल का प्रयोग कर अकाउंट से रुपये निकालने के साथ ही सोशल मीडिया अकाउंट को कब्जे में कर लेते हैं।
ऐसे बचे अंजान लिंक से
साइबर क्राइम से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार मोबाइल पर आए किसी भी अनजान लिंक पर कदापि क्लिक न करें। गलती से किसी लिंक पर क्लिक हो गया है तो मोबाइल ठीक से मॉनिटर करें। जितना जल्दी हो सके सिम को बाहर निकाल कर उसे फाॅर्मेट करें। फॉर्मेट करने से पहले मोबाइल में कोई जरूरी डेटा है तो उसे दूसरे सिस्टम में डाल सकते हैं। हैक मोबाइल में इंस्टॉल एप से दूसरे मोबाइल या पीसी पर कोई असर नहीं होगा। मोबाइल के एप स्टोर पर हाॅर्मफुल एप के लिए सिक्योरिटी हमेशा ऑन रखें। उसके बंद होने पर एप बिना परमिशन मांगे ही इंस्टॉल हो जाता है।
