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Sultanpur News: आत्महत्या के लिए उकसाने पर पत्नी को चार साल की सजा
संवाद न्यूज एजेंसी, सुल्तानपुर
Updated Tue, 16 Dec 2025 11:34 PM IST
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सुल्तानपुर। रजिस्ट्री दफ्तर के कर्मचारी को आत्महत्या के लिए उकसाने के 12 साल पुराने मामले में एडीजे तृतीय निशा सिंह की कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने मामले में मृतक की पत्नी सुधा तिवारी को दोषी करार मानते हुए चार साल के कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं, साक्ष्य के अभाव में सह आरोपी को बरी कर दिया।
अयोध्या जिले में तैनात रहे तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरसिंह नारायण पांडेय ने 10 जनवरी 2013 को मामले की प्राथमिकी कोतवाली नगर में दर्ज कराई थी। वादी ने अपनी बहू शिक्षिका सुधा तिवारी व कोतवाली नगर के सीताकुंड-सिविल लाइंस के सह आरोपी मुन्ना उर्फ इंद्रेश तिवारी के खिलाफ शहर में किराये के कमरे में रह रहे रजिस्ट्री ऑफिस में तैनात पुत्र प्रवीण कुमार पांडेय को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था। मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की।
प्रस्तुत साक्ष्य व गवाही के आधार पर कोर्ट ने सह आरोपी इंद्रेश तिवारी को दोषमुक्त कर दिया। वहीं, मुख्य आरोपी शिक्षिका सुधा तिवारी को दोषी करार मानते हुए सजा सुनाने के साथ जेल भेजने का आदेश दिया है।
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अयोध्या जिले में तैनात रहे तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरसिंह नारायण पांडेय ने 10 जनवरी 2013 को मामले की प्राथमिकी कोतवाली नगर में दर्ज कराई थी। वादी ने अपनी बहू शिक्षिका सुधा तिवारी व कोतवाली नगर के सीताकुंड-सिविल लाइंस के सह आरोपी मुन्ना उर्फ इंद्रेश तिवारी के खिलाफ शहर में किराये के कमरे में रह रहे रजिस्ट्री ऑफिस में तैनात पुत्र प्रवीण कुमार पांडेय को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था। मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की।
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प्रस्तुत साक्ष्य व गवाही के आधार पर कोर्ट ने सह आरोपी इंद्रेश तिवारी को दोषमुक्त कर दिया। वहीं, मुख्य आरोपी शिक्षिका सुधा तिवारी को दोषी करार मानते हुए सजा सुनाने के साथ जेल भेजने का आदेश दिया है।
