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3 साल पहले 3 पत्र भेजा, फिर भी कर्नाटक गेस्ट हाउस को सुरक्षित करने की पहल नहीं, आज बनाएंगे जांच रिपोर्ट
माई सिटी रिपोर्टर वाराणसी।
Published by: प्रगति चंद
Updated Mon, 23 Sep 2024 09:09 AM IST
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हरिशचंद्र घाट स्थित कर्नाटक होटल का गिरा दीवार जस के तस पड़ा मलबा। रोहित
- फोटो : अमर उजाला।
कर्नाटक गेस्ट हाउस की दीवार गंगा में समाने के बाद बड़ी लापरवाही सामने आई है। पता चला कि गेस्ट हाउस के पड़ोसी ने तीन साल से कर्नाटक सरकार को पत्र भेज रहा था। कह रहा था कि गेस्ट हाउस रहने लायक नहीं है, फिर भी किसी ने संज्ञान नहीं लिया। अब दीवार ढह गई है।
कर्नाटक सरकार के एंडोमेंट कमिश्नर से मेल पर तीन बार शिकायत की गई थी। लेकिन, न तो उस मेल का जवाब आया और न ही उस पर कोई कदम उठाया गया। जबकि, मेल पर ये भी बताया गया था कि कर्नाटक गेस्ट हाउस की दीवार से सटकर हरिश्चंद्र घाट के मरम्मत का कार्य चल रहा है। इसे रोका जाना चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो गेस्ट हाउस गिर जाएगा। रहने लायक नहीं बचेगा।
स्थानीय प्रशासन ने नहीं सुना, तब कर्नाटक में की शिकायत
पत्र भेजने वाले का कहना है कि ये तो बड़ी लापरवाही है। जब स्थानीय प्रशासन ने शिकायतों को अनसुना कर दिया, तब कर्नाटक सरकार से संपर्क साधने की काेशिश की गई, लेकिन वहां से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।
कर्नाटक से काशी पहुंचे मैनेजर, आज बनेगी जांच रिपोर्ट
कर्नाटक सरकार ने गेस्ट हाउस के मैनेजर को वाराणसी भेज दिया है। मैनेजर टी. कृष्णमृर्ति गेस्ट हाउस आ चुके हैं। वे सोमवार को नुकसान की डिटेल रिपोर्ट बनाकर कर्नाटक सरकार को सौपेंगे। इसी आधार पर यूपी सरकार और वाराणसी के प्रशासन से मुआवजा लिया जाएगा।
पूरा भवन गिराकर नई बिल्डिंग बनाई जाए- असिस्टेंट मैनेजर
असिस्टेंट मैनेजर अरुण कुमार ने बताया, हरिश्चंद्र घाट पर निर्माण कार्य के दौरान गेस्ट हाउस की बिल्डिंग हिलती थी। इससे पर्यटकों और पिंडदानियों के मन में डर बैठा रहता था। सब कहते थे कि बिल्डिंग गिर जाएगी। अब दीवार ढह गई। मामले में कई बार शिकायत की गई, लेकिन प्रशासन ने गंभीर नहीं दिखाई।
यहां हो रहे कई नए निर्माण
अरुण ने बताया कि हरिश्चंद्र घाट पर अब तक करीब 42 पिलर बनाए जा चुके हैं। अभी 140 पिलर और बनने हैं। इसी गेस्ट हाउस के सामने और आसपास कई निर्माण हो रहे हैं। इन्हें कोई रोकने नहीं आता। अब गेस्ट हाउस को नए स्तर से बनाया जाए, यही सरकार से मांग है।
कर्नाटक के एंडोमेंट कमिश्नर से की गई तीनों शिकायतें
पहली शिकायत
2 जून - 2021
यूपी सरकार के सामने उठाया जाए ये मुद्दा
हाल ही में कर्नाटक गेस्ट हाउस की चारदीवारी के ठीक बाहर नए श्मशान घाट का प्रस्ताव है। पीएमओ प्राथमिकता के आधार पर इस काम को पूरा कराने का इच्छुक है। मैं, कर्नाटक राज्य सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह इस मुद्दे को प्रधानमंत्री कार्यालय और यूपी के मुख्यमंत्री के सामने भी उठाए, ताकि वाराणसी में कर्नाटक गेस्ट हाउस के ठीक पीछे कोई नया निर्माण न हो।
दूसरी शिकायत
7 जून- 2021
प्रस्तावित परियोजना रोकी जाए
स्थानीय अधिकारी वाराणसी में कर्नाटक गेस्ट हाउस के ठीक बाहर नया शवदाह गृह बनाने पर अड़े हुए हैं। जिस पर हमने आपत्ति जताई है। जब तक कर्नाटक राज्य स्तर पर इस मसले पर कड़ी आपत्ति नहीं जताता, मुझे नहीं लगता कि प्रस्तावित परियोजना को रोका जाएगा।
इसलिए, मैं आपसे फिर से अनुरोध करता हूं कि कृपया इस मामले को शीर्ष स्तर पर तत्काल उठाएं, ताकि इस मामले में शीघ्र कार्रवाई शुरू की जा सके। आशा है कि शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
तीसरी शिकायत
12 जून- 2021
...तो गेस्ट हाउस में रह पाना मुश्किल होगा
आज स्थानीय प्रशासन ने हमारे विरोध के बावजूद, कर्नाटक गेस्ट हाउस की बाउंड्री वॉल के ठीक बाहर नए श्मशान के लिए टेंडर नोटिस जारी कर दिया है। कर्नाटक सरकार को स्टेट लेवल पर इस मामले में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। यदि ये प्रोजेक्ट आकार लेने लगा तो फिर इस गेस्ट हाउस में रह पाना असंभव हो जाएगा।
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स्थानीय प्रशासन ने नहीं सुना, तब कर्नाटक में की शिकायत
पत्र भेजने वाले का कहना है कि ये तो बड़ी लापरवाही है। जब स्थानीय प्रशासन ने शिकायतों को अनसुना कर दिया, तब कर्नाटक सरकार से संपर्क साधने की काेशिश की गई, लेकिन वहां से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।
कर्नाटक से काशी पहुंचे मैनेजर, आज बनेगी जांच रिपोर्ट
कर्नाटक सरकार ने गेस्ट हाउस के मैनेजर को वाराणसी भेज दिया है। मैनेजर टी. कृष्णमृर्ति गेस्ट हाउस आ चुके हैं। वे सोमवार को नुकसान की डिटेल रिपोर्ट बनाकर कर्नाटक सरकार को सौपेंगे। इसी आधार पर यूपी सरकार और वाराणसी के प्रशासन से मुआवजा लिया जाएगा।
पूरा भवन गिराकर नई बिल्डिंग बनाई जाए- असिस्टेंट मैनेजर
असिस्टेंट मैनेजर अरुण कुमार ने बताया, हरिश्चंद्र घाट पर निर्माण कार्य के दौरान गेस्ट हाउस की बिल्डिंग हिलती थी। इससे पर्यटकों और पिंडदानियों के मन में डर बैठा रहता था। सब कहते थे कि बिल्डिंग गिर जाएगी। अब दीवार ढह गई। मामले में कई बार शिकायत की गई, लेकिन प्रशासन ने गंभीर नहीं दिखाई।
यहां हो रहे कई नए निर्माण
अरुण ने बताया कि हरिश्चंद्र घाट पर अब तक करीब 42 पिलर बनाए जा चुके हैं। अभी 140 पिलर और बनने हैं। इसी गेस्ट हाउस के सामने और आसपास कई निर्माण हो रहे हैं। इन्हें कोई रोकने नहीं आता। अब गेस्ट हाउस को नए स्तर से बनाया जाए, यही सरकार से मांग है।
कर्नाटक के एंडोमेंट कमिश्नर से की गई तीनों शिकायतें
पहली शिकायत
2 जून - 2021
यूपी सरकार के सामने उठाया जाए ये मुद्दा
हाल ही में कर्नाटक गेस्ट हाउस की चारदीवारी के ठीक बाहर नए श्मशान घाट का प्रस्ताव है। पीएमओ प्राथमिकता के आधार पर इस काम को पूरा कराने का इच्छुक है। मैं, कर्नाटक राज्य सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह इस मुद्दे को प्रधानमंत्री कार्यालय और यूपी के मुख्यमंत्री के सामने भी उठाए, ताकि वाराणसी में कर्नाटक गेस्ट हाउस के ठीक पीछे कोई नया निर्माण न हो।
दूसरी शिकायत
7 जून- 2021
प्रस्तावित परियोजना रोकी जाए
स्थानीय अधिकारी वाराणसी में कर्नाटक गेस्ट हाउस के ठीक बाहर नया शवदाह गृह बनाने पर अड़े हुए हैं। जिस पर हमने आपत्ति जताई है। जब तक कर्नाटक राज्य स्तर पर इस मसले पर कड़ी आपत्ति नहीं जताता, मुझे नहीं लगता कि प्रस्तावित परियोजना को रोका जाएगा।
इसलिए, मैं आपसे फिर से अनुरोध करता हूं कि कृपया इस मामले को शीर्ष स्तर पर तत्काल उठाएं, ताकि इस मामले में शीघ्र कार्रवाई शुरू की जा सके। आशा है कि शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
तीसरी शिकायत
12 जून- 2021
...तो गेस्ट हाउस में रह पाना मुश्किल होगा
आज स्थानीय प्रशासन ने हमारे विरोध के बावजूद, कर्नाटक गेस्ट हाउस की बाउंड्री वॉल के ठीक बाहर नए श्मशान के लिए टेंडर नोटिस जारी कर दिया है। कर्नाटक सरकार को स्टेट लेवल पर इस मामले में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। यदि ये प्रोजेक्ट आकार लेने लगा तो फिर इस गेस्ट हाउस में रह पाना असंभव हो जाएगा।