UP: कफ सिरप...शुभम के साथी टाटा ने उगले राज, विदेश तक फैला है तस्करी का जाल; पूर्वांचल के बड़े चेहरे शामिल
Varanasi News: किंगपिन शुभम की तलाश अभी जारी है। इससे पहले एसटीएफ ने उसके साथी अमित सिंह टाटा को गिरफ्तार कर लिया है। उसने इस व्यापार को लेकर कई बड़े नाम भी लिए।
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Varanasi Crime News: कफ सिरप तस्करी के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल ने बहुत कम समय में इतनी दौलत कमा ली कि वह कहता था, पैसे के दम पर कुछ भी किया जा सकता है, हर किसी को अपनी ओर खींचा जा सकता है। दो माह पहले सूबे के एक कैबिनेट मंत्री के लखनऊ स्थित अस्पताल में भर्ती होने पर शुभम अपने पूरे लाव-लश्कर के साथ उन्हें देखने गया था। उसी समय कैबिनेट मंत्री के साथ उसकी फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी।
राजनीति में पैर जमा चुके शुभम का सपना ‘माननीय’ बनने का था। वह 2027 के विधानसभा चुनाव में दक्षिणी सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। यही कारण है कि दीपावली के दौरान उसने पूरे शहर में अपने होर्डिंग, बैनर और पोस्टर लगवाए, जिसके लिए नगर निगम ने उस पर साढ़े पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया। एसटीएफ की जांच में उसके पार्टनर अमित सिंह टाटा ने यह बातें बताई हैं। टाटा ने एसटीएफ को पूर्वांचल के कई बड़े नामों तक के बारे में जानकारी दी है।
सूत्रों के अनुसार, अगले दो–तीन दिनों में कुछ चर्चित नामों के लोगों को एसटीएफ उठा सकती है, जिनका शुभम जायसवाल से आर्थिक लेनदेन रहा है। शुभम के दुबई में बैठे उन लोगों से भी संबंध हैं जिन्हें कफ सिरप का बादशाह कहा जाता है।
एसटीएफ सूत्रों की मानें तो अगली कार्रवाई में बिहार और झारखंड के कफ सिरप के बड़े तस्करों की गिरफ्तारी होगी। इस कार्रवाई की जद में पूर्वांचल के लोग भी शामिल होंगे। जांच में यह भी सामने आया है कि धंधे में निवेश के नाम पर शुभम ने करोड़ों रुपये इकट्ठा कराए। इस निवेश में बिल्डर, स्कूल संचालक, होटल व्यवसायी और कुछ सफेदपोश लोग भी शामिल हैं।
पांच माह पहले शहर के पांच कारोबारियों को कराया था विदेश टूर
शुभम जायसवाल से जुड़े लोगों की कुंडली भी एसटीएफ खंगाल रही है। जांच में सामने आया कि लगभग पांच माह पहले शहर और अन्य जिलों के पांच कारोबारियों को शुभम ने विदेश टूर भी कराया था। इनमें एक दवा कारोबारी भी शामिल था। इंग्लैंड सहित अन्य देशों की यात्रा के बाद सभी वापस लौट आए थे। टूर पैकेज दिल्ली की एक टूर एंड ट्रैवल्स कंपनी से बुक किया गया था।
माफियाओं के संरक्षण में है नरवे का विकास सिंह
आजमगढ़ के नरवे का रहने वाला विकास सिंह इस समय अपने क्षेत्र के माफियाओं के संरक्षण में है। विकास सिंह के माध्यम से ही अमित सिंह टाटा की शुभम जायसवाल से मुलाकात हुई थी। विकास सिंह के ठिकानों की लोकेशन निकालने में एसटीएफ जुटी हुई है।
लखनऊ एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि कफ सिरप के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल, विकास सिंह, गौरव जायसवाल, वरुण सिंह समेत अन्य की तलाश की जा रही है।
पंचायत चुनाव से ठीक पहले कफ सिरप कांड का पर्दाफाश-कई ओर इशारा, 26 बीडीसी खरीदने का था दावा
राजनीति में कुछ भी संभव है। पंचायत चुनाव से ठीक पहले शुभम के काले कारनामों का उजागर होना, उसके पार्टनर और रामपुर ब्लॉक से दावेदारी करने वाले अमित सिंह टाटा की गिरफ्तारी तथा जौनपुर सीट से जुड़ी कई योजनाओं का ध्वस्त होना, इन सबके पीछे गहरी राजनीति मानी जा रही है। अमित सिंह को ब्लॉक प्रमुख बनाने के लिए शुभम जायसवाल ने 26 बीडीसी सदस्यों का खर्च उठाने का वादा किया था।
ब्लॉक प्रमुख चुनाव में जिसके पास सबसे अधिक बीडीसी हों, वही कुर्सी पर बैठता है। बीडीसी को अपने पाले में करने के लिए प्रत्याशी लग्जरी वाहन और नकदी तक देने से नहीं हिचकते। शुभम का दावा था कि अमित सिंह को पैसे की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।
जिले की हॉट सीट पर भी कोई चुनौती नहीं बचेगी। सब कुछ योजना के अनुसार होता दिख भी रहा था कि अचानक शुभम का नाम सामने आया और फिर कई बड़े नामों का खुलासा होने लगा। शुरुआत में फाइनेंसर शुभम को बचाने की भरपूर कोशिश की गई, लेकिन शासन स्तर पर हुई मजबूत पैरवी के चलते सभी प्रयास विफल हो गए।