UP: BHU से धर्म-दर्शन पर पीएचडी कर रही फ्रांसिस्का की खुद को कहती थी अघोरी-वैरागी, मिला था सर्वश्रेष्ठ सम्मान
बीएचयू में इंडियन फिलॉसफी से पीएचडी कर रही एक विदेशी छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतका की पहचान फिलिप फ्रांसिस्का (27), निवासी रोमानिया के रूप में हुई। वह वर्तमान में चौक थाना क्षेत्र के गढ़वासी टोला स्थित मकान में किराए पर रह रही थी।

विस्तार
बीएचयू में भारत के धर्म और दर्शन पर पीएचडी कर रही रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट की छात्रा फिलिप फ्रांसिस्का (27) शुक्रवार को संदिग्ध अवस्था में अपने घर के बिस्तर पर मृत पाई गई। घर का दरवाजा अंदर से बंद था।


बीएचयू से ही उसने परास्नातक की पढ़ाई की थी लेकिन एक साल से वह विवि से करीब पांच किलोमीटर दूर मणिकर्णिका गली के गढ़वासी टोला में किराये के मकान में रहती थी। एक कुत्ता पाल रखा था। वह खुद को वैरागी-अघोरी मानती थी। मसान में शव की राख के सामने काले कपड़े में उसे सिद्धि और योग करते देखा गया था। जटा-जूट में भी फोटो मिले हैं।

बीएचयू के उसके दोस्तों ने बताया कि वह खुद को अघोरी मानती थी और मणिकर्णिका घाट पर अक्सर तांत्रिकों के साथ बैठे या योग करते पाई जाती थी।
गांजा पीते हुए पूरी रात जलते शवों को निहारती थी। शिव और काली की भक्ति में डूबी रहती थी। वह खुद को सामान्य लोगों से अलग मानती थी।

पढ़ाई में भी अच्छी थी। योग दिवस के बाद बीएचयू के सेमिनार में रिसर्च पेपर पढ़ने के दौरान उसे तीसरा सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिला था। गुरुवार की देर रात करीब 11:45 बजे पुलिस को सूचना मिली कि बीएचयू में पढ़ने वाली विदेशी छात्रा घर का दरवाजा नहीं खोल रही है। मौके पर चौक पुलिस पहुंची।

छात्रा के दो विदेशी मित्रों और मकान मालिक से डुप्लीकेट चाबी लेकर दरवाजा खोला तो फ्रांसिस्का अपने बिस्तर पर मृत पड़ी थी। पुलिस ने उसके माता-पिता को फोन करके सूचित कर दिया। पुलिस के मुताबिक- फ्रांसिस्का के माता-पिता वाराणसी आ रहे हैं। पुलिस ने विदेशी छात्रा के शव को शिवपुर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया है।

पोस्टमार्टम के बाद सामने आएगी मौत की वजह
पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही सच सामने आएगा। दूसरी तरफ बीएचयू की प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम ने विभाग में पहुंच कर विदेशी छात्रा के साथ पढ़ने वाले छात्रों से पूछताछ करके जानकारियां जुटाई।

एक कार्यक्रम में आया था मिर्गी का दौरा
बीएचयू के उसके दोस्तों ने बताया कि वह भारतीय दर्शन एवं धर्म टॉपिक पर प्रो. आनंद मिश्रा की देखरेख में शोध कर रही थी। 2024 में बीएचयू के एक कार्यक्रम में उसको मिर्गी का दौरा आया था। मुंह से झाग निकलने लगा था। हालांकि इलाज से बच गई थी। वह नशे की लत में काफी कमजोर हो गई थी। उसे कुत्ता पालने का शौक था। बनारस में 2018 के बाद से रहती थी। उसके साथ हमेशा कुत्ता देखा जाता था। गंगा घाटों पर जटा-जूट में फोटो भी खिंचवाती थी।

मौत के एक दिन पहले कुत्ते के साथ लगाई थी फोटो
फ्रांसिस्का ने मौत से एक दिन पहले ही व्हाट्स एप पर अपने कुत्ते के साथ स्टेटस लगाया था। फेसबुक पर अपना नाम फिलिप फ्रांसिस्का से बदलकर विंध्यनाथ फ्रैनी वैरागी कर लिया था। उसने 2019 के बाद से लगातार अपने फेसबुक पर मसान घाट पर चिता भस्म की होली, महाकुंभ स्नान, मणिकर्णिका घाट, शंकर भगवान और काली जी की तस्वीर, कुत्ता, जलते हुए शवों की ही फोटो अपडेट की है। दोस्तों ने बताया कि वह बेहद रहस्यमयी जीवन जीती थी।

रोमानिया के दूतावास से संपर्क कर परिजनों को सूचित किया गया है। दोस्तों से बातचीत में पता चला है कि उसको बचपन से ही मिर्गी के दौरे आते थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सच का पता चल सकेगा। लेकिन बाकी दोस्तों से पूछताछ की जा रही है। - डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी, एसीपी दशाश्वमेध
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