Karwa Chauth 2023: वाराणसी के मंडलायुक्त..वीडीए उपाध्यक्ष या डीआईजी, इनके लिए खास होता है करवाचौथ का व्रत
मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा के लिए करवाचौथ का व्रत बेहद ही खास है। करवाचौथ पर वे हर बार पत्नी सुहानी शर्मा को खास उपहार देना नहीं भूलते हैं। मंडलायुक्त का कहना है कि यह व्रत जन्म-जन्मांतर के रिश्ते को प्रगाढ़ करने के संकल्प को दोहराता है।
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पति-पत्नी के बीच विश्वास की डोर को मजबूत बनाने वाले करवाचौथ के व्रत को प्रशासनिक अधिकारी भी पूरे उत्साह से मनाते हैं। अपने कर्मक्षेत्र में डटे रहने के साथ ही पत्नी का साथ निभाते हैं। वाराणसी में तैनात अधिकारियों की करवाचौथ की कहानी थोड़ी अलग है।
करवाचौथ के व्रत से मिलती है संकल्प की प्रेरणा
मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा के लिए करवाचौथ का व्रत बेहद ही खास है। करवाचौथ पर वे हर बार पत्नी सुहानी शर्मा को खास उपहार देना नहीं भूलते हैं। मंडलायुक्त का कहना है कि यह व्रत जन्म-जन्मांतर के रिश्ते को प्रगाढ़ करने के संकल्प को दोहराता है। वर्ष 2013 में मुफ्फरनगर में तैनाती के दौरान वहां दंगे के बाद स्थिति सामान्य करने का प्रयास चल रहा था। करवाचौथ पर पत्नी ने मुझे प्रेरित किया कि आपसी सौहार्द के लिए अभियान चलाया जाए। फिर वहां अधिकारियों की मदद से गांव-गांव आपसी सामंजस्य के लिए अलग-अलग पहल की गई। पत्नी के व्रत से उन्हें भी संकल्प की प्रेरणा मिलती है और हर करवाचौथ पर वह संकल्प लेना नहीं भूलते है। पिछली बार उन्होंने संस्कृत भाषा की शिक्षा का संकल्प लिया था और इस बार पत्नी से ही बात कर नया संकल्प लूंगा। उनका कहना है कि पूरे दिन पत्नी के निर्जला व्रत से उन्हें आत्मविश्वास की ताकत मिलती है।
पहले मरीजों की सेवा, फिर पूरा करते करवाचौथ का व्रत
आईएमएस बीएचयू के एनीस्थीसिया विभाग में तैनात एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कविता मीना और इसी विभाग में प्रो. राजेश मीना के लिए करवाचौथ का व्रत बहुत खास होता है। क्योंकि मरीजों की सेवा के साथ-साथ करवाचौथ का व्रत पूरा करना पड़ता है। डॉ. कविता मीना बताती हैं कि उनकी शादी 2019 में हुई थी। तब से लेकर वह हर साल करवाचौथ का व्रत रखती है। उनका कहना है कि कभी किसी मरीज की सर्जरी के दौरान रात में जब कॉल आ जाती है तो बीएचयू जाना पड़ता है। अब तक नौ साल के व्रत में तीन से चार बार ऐसा हुआ है कि हम डयूटी के साथ ही व्रत पर रहे। घर पहुंचकर पूजा करने के बाद डॉक्टर साहब (प्रो. राजेश मीना) के अस्पताल से आने का इंतजार करना पड़ा। मरीज की सेवा के बाद घर आकर डॉक्टर साहब ने व्रत पूरा करवाया। एक दो बार मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है कि मरीजों की सेवा में घर पहुंचने में देरी हो जाती है। एक नवंबर को व्रत रखना है इसलिए पूजन की सामग्री खरीद ली है। हर साल की तरह इस साल भी विधि विधान से व्रत रखने की तैयारी है।
पत्नी के साथ करवाचौथ का व्रत रखते वीडीए उपाध्यक्ष
पत्नी चारू चांदवानी के साथ वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग करवाचौथ का व्रत रखते हैं। वीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि शादी के बाद बीते चार साल से लगातार करवाचौथ का व्रत रखते हैं। दोनों लोग चांद देखकर व्रत खोलते हैं। दिन भर निर्जल व्रत के बाद पानी पीते हैं। उन्होंने बताया कि पत्नी एसबीआई में मैनेजर हैं। फिलहाल अभी झांसी में उनकी तैनाती है। उन्होंने लव मैरिज की है। दोनों लोगों के एक कामन फ्रेंड थे। जिनके जरिये वे दोनों लोग एक दूसरे से परिचित हुए। जान पहचान प्यार में बदल गई। बाद में दोनों ने जीवनभर एक साथ रहने की कसमें खाई और परिणय सूत्र में बंध गए। वीडीए उपाध्यक्ष के अनुसार यदि कोई महिला अपने पति के लिए कठिन व्रत कर सकती है तो पति का नैतिक दायित्व है कि पत्नी के लिए व्रत रखें। हर बार की तरह इस बार भी बुधवार को दोनों लोग एक दूसरे के लिए व्रत रखेंगे और शाम को चांद का दर्शन कर व्रत खोलेंगे। खुशी इस बात की है कि करवाचौथ व्रत के पहले बाबा विश्वनाथ के दर्शन पूजन का मौका मिला। बाबा की नगरी की सेवा करने का दायित्व मिलने से वे काफी प्रफुल्लित हैं।
पत्नी के व्रत से बढ़ती है प्रेम की मिठास, मिलती है ऊर्जा
डीआईजी रेंज अखिलेश कुमार चौरसिया 2009 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं। 11 मई 2020 को उनकी शादी दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराधा से हुई। अखिलेश और डॉ. अनुराधा का छह माह का बेटा आद्विक है। करवाचौथ के व्रत को लेकर डीआईजी रेंज ने कहा कि अनुराधा के दिन भर के निर्जल व्रत से हम दोनों के बीच के एक-दूसरे के प्रति प्रेम की मिठास बढ़ती है। चौबीसों घंटे की व्यस्तता वाली पुलिस की नौकरी में अनुराधा का व्रत मेरे अंदर सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह का संचार करता है। करवाचौथ का व्रत दांपत्य जीवन में पति-पत्नी के बीच एक-दूसरे के प्रति प्रेम, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है। हमें खुशी है कि माता-पिता के आशीर्वाद से उनकी दी हुई सीख और संस्कार का हम भलीभांति निर्वहन कर रहे हैं।
रेल यात्रियों की सुविधाएं पहले, करवाचौथ बाद में
24 घंटे चलने वाली रेल और उत्तर रेलवे के महत्वपूर्ण कैंट स्टेशन की जिम्मेदारियां संभालने वाले कैंट स्टेशन निदेशक गौरव दीक्षित और उनकी पत्नी साथ में करवाचौथ मनाते आ रहे हैं। आईआरटीएस रैंक के अफसर गौरव दीक्षित बताते हैं कि रेल यात्रियों की सुविधाएं और अन्य व्यवस्थाओं को सुचारू रूप देने के बाद ही करवाचौथ में शामिल होते हैं। पिछले वर्ष ऐसा भी क्षण आया कि पत्नी इंतजार करती रहीं और समय पर पहुंच भी नहीं पाया। क्योंकि 24 घंटे चलने वाली रेल और यात्री सुविधा व सुरक्षा की जिम्मेदारी पहली प्राथमिकता हाेती है। चुनौतीपूर्ण इस कार्य को पत्नी भी बखूबी समझती हैं। कैंट स्टेशन के एईएन कालोनी में सपरिवार रहने वाले गौरव दीक्षित इस बार करवाचौथ पत्नी के साथ मनाएंगे।