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Varanasi News: गंगा में 19 किलोमीटर के दायरे से हटाए जाएंगे बड़े पत्थर, मालवाहक व क्रूज के संचालन होंगे आसान
अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी।
Published by: अमन विश्वकर्मा
Updated Mon, 24 Nov 2025 10:21 AM IST
सार
Ganga River: गंंगा में मालवाहक और क्रूज का सफर आसान करने के लिए पत्थरों को भी हटाया जाएगा। गर्मी के दिनों में पानी कम हो जाने से संचालन में बाधाएं उत्पन्न होती हैं। अब बालू के साथ पत्थर भी हटाए जाएंगे।
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Varanasi Ganga Ghat
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
Varanasi News: जल परिवहन में गाजीपुर से बनारस के बीच 19 किमी तक बड़े पत्थर बाधक बने हए हैं। इसकी वजह से गंगा में मालवाहक और क्रूज का संचालन नहीं हो पा रहा है। गंगा किनारे बसे इस शहर में कोलकाता से लेकर हल्दिया तक और अन्य जगहों से भी बड़े-बड़े जल वाहनों को लाना आसान है। इन बड़े पत्थरों व अन्य अवरोध को हटाने के लिए भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के मुख्याल में निविदा प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द ही इस पर काम शुरू होगा।
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रामनगर में करीब 184 करोड़ रुपये की लागत से साल 2018 में बनकर तैयार हुए बंदरगाह को आज भी बड़े जहाजों का इंतजार रहता है। इसकी बड़ी वजह गंगा में पानी की कमी और गाजीपुर से बनारस के बीच 19 किलोमीटर तक बड़े पत्थर व अवरोध हैं।
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यह बड़े जहाजों को बनारस आने से रोक रहे हैं। इसकी वजह से 6 साल में महज 6 मालमाहक जहाज ही वाराणसी पहुंच सके हैं। आईडब्ल्यूएआई के अधिकारियों के अनुसार दिक्कत यह है कि गाजीपुर से बनारस के बीच लगभग 19 किलोमीटर का एरिया बेहद ही डेंजर जोन में है।
अधिकारियों ने बताया कि जब नदी में पानी कम हो जाता है तो बालू भी ऊपर आने लगता है। बालू का खनन तो कराया जा सकता है लेकिन पत्थर के जो बड़े-बड़े टुकड़े आ रहे हैं, उनको हटाना ज्यादा महत्वपूर्ण है। विस्फोट या कटर के जरिये ही उन्हें काटकर अलग किया जा सकता है। आईडब्ल्यूएआई वाराणसी के निदेशक संजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली मुख्यालय से इन पत्थरों को हटाने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू है। जल्द ही इस पर काम शुरू होगा।