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राम मंदिर ध्वजारोहण: काशी के विद्वान पं. गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने दिया राम मंदिर पर ध्वजारोहण का मुहूर्त

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: प्रगति चंद Updated Wed, 19 Nov 2025 12:23 PM IST
सार

Varanasi News: काशी के विद्वान पं. गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने राम मंदिर पर ध्वजारोहण का मुहूर्त दिया। ध्वजारोहण समारोह में काशी और दक्षिण भारत के 108 विद्वान शामिल होंगे। 

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Kashi scholar Pt. Ganeshwar Shastri Dravid gave auspicious time for hoisting flag at Ram Mandir Ayodhya
पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविड़। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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अयोध्या में विराजमान बालक राम के मंदिर पर ध्वजारोहण का मुहूर्त काशी के विद्वान पं. गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने दिया है। उनके मुताबिक, 25 नवंबर को विवाह पंचमी की तिथि पर 30 मिनट का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है। पद्मश्री पंडित गणेश्वर ने ही राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का भी मुहूर्त दिया था।

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अयोध्या राममंदिर में ध्वजारोहण के अनुष्ठान पांच दिन पहले शुरू हो जाएंगे इसलिए काशी और दक्षिण भारत के वैदिक विद्वान बुधवार (19 नवंबर) को अयोध्या पहुंच जाएंगे। गणपति पूजन और चतुर्वेद पारायण के साथ अनुष्ठान आरंभ होंगे। अनुष्ठान के पहले दिन चतुर्वेद के पारायण के समांतर यज्ञ कुंड में गणपति पूजन होगा।
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इसके बाद मंडल और अग्नि देव की स्थापना के बाद नवग्रह पूजन किया जाएगा। हवन के बाद यज्ञ मंडप के चारों द्वार के पूजन अलग-अलग सूक्त, पारायण और अनुष्ठान कराए जाएंगे। 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी विशिष्टजनों की उपस्थिति में ध्वजारोहण होगा।

कारसेवक पुरम में रुकने की व्यवस्था

इस बार के आयोजन में काशी प्रांत के ऐसे लोगों को आमंत्रित किया गया है जिनको राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं आमंत्रित किया गया था। इसमें चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, जौनपुर, मछलीशहर, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अमेठी, प्रयागराज, कौशांबी के आदिवासी, सामाजिक कार्यकर्ता और विशिष्ट समुदाय से जुड़े लोग शामिल हैं। काशी प्रांत से अयोध्या पहुंचने वालों के लिए कारसेवकपुरम में ठहरने का इंतजाम किया गया है।

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विवाह पंचमी पर बन रहे हैं ध्रुव, सर्वार्थ सिद्धि और शिववास योग

काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि विवाह पंचमी पर कई शुभ योग बन रहे हैं। इसमें ध्रुव योग, सर्वार्थ सिद्धि और शिववास योग हैं। ध्रुव योग स्थिरता और दृढ़ता का प्रतीक है। इसमें किए गए कार्य लंबे समय तक स्थिर रहते हैं। उनका फल स्थायी होता है। सर्वार्थ सिद्धि का अर्थ है सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला योग। यह योग सभी प्रकार के शुभ कार्यों, पूजा-पाठ और अनुष्ठानों के लिए बेहद कल्याणकारी होता है। विवाह पंचमी के दिन शिववास योग का संयोग भी निर्मित हो रहा है। इस योग से भगवान शिव के विराजमान होने का संयोग बन रहा है।

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