नई दिशा: परसेंटाइल ही नहीं, आपका चरित्र, विचार, व्यक्तित्व भी तय करता है सफलता का पैमाना; बच्चों को दी जानकारी
अमर उजाला की ओर से रोहनिया स्थित डालिम्स सनबीम में नई दिशा का आयोजन किया गया। बच्चों को भविष्य संवारने की जानकारियां दी गई। बताया गया कि कि भावनाओं और विचारों से फैसला कभी न लें। हमेशा फैक्ट के साथ ही काम करिए।
विस्तार
अमर उजाला की ओर से बुधवार को बच्चों के लिए नई दिशा भविष्य की ओर पहला कदम कार्यक्रम आयोजित किया गया। भविष्य की सफलता सिर्फ परीक्षा के अंकों पर निर्भर नहीं करती की थीम पर आयोजित कार्यशाला में 150 बच्चों को मानसिक दबाव से बाहर निकलने के टिप्स दिए गए।
मुख्य अतिथि आईआईटी बीएचयू के काउंसलर और मनोचिकित्सक डॉ. लक्ष्मण कुमार ने डालिम्स रोहनिया में बच्चों से 60 मिनट तक संवाद किया। उन्होंने कहा कि केवल परसेंट या परसेंटाइल ही नहीं आपका चरित्र, व्यक्तित्व और विचारों पर भी भविष्य की सफलता निर्भर करती है।
आपको भविष्य में सामान्य जीवन गुजारना है या सफलता के चेक साइन करने हैं, ये आप अभी तय कर लें। क्योंकि, 18 साल की आयु पार करने के बाद आपका दिमाग विकसित नहीं होगा। इसलिए जितनी मेहनत करती है, आपको अभी करनी है।
भीषण गर्मी के बीच भी बच्चों और काउंसलर के बीच संवाद का क्रम नहीं टूटा। डॉ. लक्ष्मण ने बच्चों को 10 मिनट के लिए मेडिटेशन कराकर उनको शांतचित्त करने का प्रयास किया। उन्हें कहा कि भावनाओं और विचारों से फैसला कभी न लें। हमेशा फैक्ट के साथ ही काम करिए। यदि आप भावनाओं, विचारों के साथ फैसले लेंगे तो वह अधिकतर नकारात्मक होगा। इस स्थिति में आप पीछे की बातों को सोचकर राेएंगे और भविष्य का सोचकर डरेंगे।
आप विचारों से सवाल करिए और उत्तर मिल जाए तो फिर उसे ठीक करने के लिए तथ्यात्मक समाधान खोजें। यदि आपके किसी एक विषय में कम नंबर आने की वजह से टॉप करने से रह गए हैं तो फिर उस विषय का हर एक पहलु स्पष्ट करिए। कार्यक्रम के दौरान डॉ. लक्ष्मण को स्मृति चिह्न और किताब देकर सम्मानित किया गया।