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गाजीपुर में RSS कार्यकर्ता की हत्या के बाद बवाल, समर्थकों ने की तोड़फोड़, कई दुकानदारों को पीटा
ब्यूरो, अमर उजाला, गाजीपुर
Updated Sat, 21 Oct 2017 09:16 PM IST
दूकानदार और उपद्रवी भिड़े, एक को पीटकर किया लहूलुहान
- फोटो : अमर उजाला
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यूपी के गाजीपुर जिले के ब्राह्मणपुरा गांव में शनिवार की सुबह बाइक सवार तीन बदमाशों ने पत्रकार तथा आरएसएस कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी, जबकि छोटे भाई को घायल कर दिया। पुलिस के समय से न पहुंचने के विरोध और हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए ग्रामीणों ने गाजीपुर-चोचकपुर मार्ग एक घंटे जाम कर दिया। शव के साथ आए लोगों ने जिला अस्पताल के दुकानदारों की पिटाई कर दुकानें बंद करा दीं, कई वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए।
व्यापारियों ने भी एक उपद्रवी की पिटाई कर घायल कर दिया। दोपहर बाद पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी समेत अन्य अधिकारियों ने पहुंचकर जानकारी ली। पीड़ित परिवार की तरफ से तहरीर नहीं दी गई है। एडीजी जोन, बी महापात्रा ने कहा कि व्यक्तिगत रंजिश और अन्य बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच जारी है। कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य है और पूरे प्रकरण पर पुलिस की नजर है। कुछ अहम सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं।
ब्राह्मणपुरा निवासी आरएसएस कार्यकर्ता तथा एक हिंदी दैनिक से जुड़े राजेश कुमार मिश्र (40) भाई छोटे भाई अमितेश मिश्र (30) के साथ शनिवार की सुबह ब्राह्मणपुरा स्थित अपनी बालू-सीमेंट की दूकान के बाहर बैठकर मोबाइल फोन में कुछ देख रहे थे। इसी दौरान काले रंग की पल्सर बाइक से तीन बदमाश वहां पहुंचे। बाइक चला रहे बदमाश ने मुंह पर गमछा बांध रखा था। दो बदमाश सीधे राजेश के पास पहुंचे और दोनों हाथों में पिस्टल लिए एक बदमाश ने राजेश पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। इस पर अमितेश चिल्लाते हुए बदमाशों पर पत्थर फेंकने लगा।
तब बदमाशों ने उसे भी गोली मार दी। आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़े, किंतु बदमाश फरार हो गए। लोग दोनों भाइयों को लेकर जिला अस्पताल भागे, लेकिन, राजेश ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जबकि अमितेश को डॉक्टरों ने वाराणसी रेफर कर दिया। इससे नाराज लोगों ने वहां उपद्रव शुरू कर दिया। हॉस्पिटल रोड पर ई-रिक्शा और टेंपो चालकों की पिटाई करने लगे कुछ वाहनों को पलट भी दिया। दुकानदारों की भी पिटाई की।
उपद्रवी मिश्र बाजार में दूकानें बंद कराने लगे तो व्यापारी उनसे भिड़ गए और मृतक के चचेरे भाई बृजेश मिश्र (35) को मारपीट कर जख्मी कर दिया। उसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। पुलिस के पहुंचने पर मामला शांत हुआ। इसके बाद लोगों ने गाजीपुर-चोचकपुर मार्ग पर जाम लगा दिया। एसपी के आश्वासन पर एक घंटे बाद जाम समाप्त हुआ।
आईजी दीपक रतन घटनास्थल पर पहुंचे और मृतक के परिवार वालों से बात की। आईजी ने टीमें बनाकर तत्काल कार्रवाई करने का एसपी को निर्देश दिया। मामले में बी महापात्रा एडीजी जोन, वाराणसी ने कहा कि व्यक्तिगत रंजिश और अन्य बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच जारी है। कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य है और पूरे प्रकरण पर पुलिस की नजर है। कुछ अहम सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं।
एसपी गाजीपुर को निर्देशित किया गया है कि वारदात के सही कारणों की जानकारी कर अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित करें। गाजीपुर के एसपी ने कहा कि पीड़ित पक्ष की तरफ से तहरीर नहीं मिली है। इससे अभी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। हत्याकांड का 72 घंटे के अंदर खुलासा किया जाएगा। इसके लिए पांच टीमें बनाई गई हैं।
व्यापारियों ने भी एक उपद्रवी की पिटाई कर घायल कर दिया। दोपहर बाद पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी समेत अन्य अधिकारियों ने पहुंचकर जानकारी ली। पीड़ित परिवार की तरफ से तहरीर नहीं दी गई है। एडीजी जोन, बी महापात्रा ने कहा कि व्यक्तिगत रंजिश और अन्य बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच जारी है। कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य है और पूरे प्रकरण पर पुलिस की नजर है। कुछ अहम सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं।
ब्राह्मणपुरा निवासी आरएसएस कार्यकर्ता तथा एक हिंदी दैनिक से जुड़े राजेश कुमार मिश्र (40) भाई छोटे भाई अमितेश मिश्र (30) के साथ शनिवार की सुबह ब्राह्मणपुरा स्थित अपनी बालू-सीमेंट की दूकान के बाहर बैठकर मोबाइल फोन में कुछ देख रहे थे। इसी दौरान काले रंग की पल्सर बाइक से तीन बदमाश वहां पहुंचे। बाइक चला रहे बदमाश ने मुंह पर गमछा बांध रखा था। दो बदमाश सीधे राजेश के पास पहुंचे और दोनों हाथों में पिस्टल लिए एक बदमाश ने राजेश पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। इस पर अमितेश चिल्लाते हुए बदमाशों पर पत्थर फेंकने लगा।
तब बदमाशों ने उसे भी गोली मार दी। आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़े, किंतु बदमाश फरार हो गए। लोग दोनों भाइयों को लेकर जिला अस्पताल भागे, लेकिन, राजेश ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जबकि अमितेश को डॉक्टरों ने वाराणसी रेफर कर दिया। इससे नाराज लोगों ने वहां उपद्रव शुरू कर दिया। हॉस्पिटल रोड पर ई-रिक्शा और टेंपो चालकों की पिटाई करने लगे कुछ वाहनों को पलट भी दिया। दुकानदारों की भी पिटाई की।
उपद्रवी मिश्र बाजार में दूकानें बंद कराने लगे तो व्यापारी उनसे भिड़ गए और मृतक के चचेरे भाई बृजेश मिश्र (35) को मारपीट कर जख्मी कर दिया। उसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। पुलिस के पहुंचने पर मामला शांत हुआ। इसके बाद लोगों ने गाजीपुर-चोचकपुर मार्ग पर जाम लगा दिया। एसपी के आश्वासन पर एक घंटे बाद जाम समाप्त हुआ।
आईजी दीपक रतन घटनास्थल पर पहुंचे और मृतक के परिवार वालों से बात की। आईजी ने टीमें बनाकर तत्काल कार्रवाई करने का एसपी को निर्देश दिया। मामले में बी महापात्रा एडीजी जोन, वाराणसी ने कहा कि व्यक्तिगत रंजिश और अन्य बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच जारी है। कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य है और पूरे प्रकरण पर पुलिस की नजर है। कुछ अहम सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं।
एसपी गाजीपुर को निर्देशित किया गया है कि वारदात के सही कारणों की जानकारी कर अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित करें। गाजीपुर के एसपी ने कहा कि पीड़ित पक्ष की तरफ से तहरीर नहीं मिली है। इससे अभी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। हत्याकांड का 72 घंटे के अंदर खुलासा किया जाएगा। इसके लिए पांच टीमें बनाई गई हैं।
उपद्रियों के हंगामा से लोगों की अटकी रही सांसें
धड़ाधड़ बंद होने लगी अस्पताल के आस-पास की दूकानें
- फोटो : अमर उजाला
शनिवार की सुबह करंडा क्षेत्र में ब्राह्मणपुरा में बाइक सवार बदमाशों द्वारा आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुमार मिश्र को गोली मारकर हत्या और उनके छोटे भाई अमितेश मिश्र को जख्मी होने की सूचना जैसे ही परिवार के लोगों को मिली। वे दर्जनों ग्रामीणों के साथ दोनों भाईयों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। घटना से गुस्साए लोगों ने जिला अस्पताल पहुंचने के बाद जमकर उत्पात मचाना शुरू कर दिया।
इस बीच ई-रिक्शा और टेंपो को पलटने के साथ ही कई दूकानों में तोड़फोड़ की। जिला अस्पताल तथा दूकानों के बाहर खड़ी बाइकों और दवा की दूकानों के सामने लगे बोर्डों को गिराते हुए कई दूकानदारों को पीटा। उपद्रवी ऐसा करते हुए मिश्रबाजार तक पहुंच गए। उनके उपद्रव को देख पहले दूकानदारों ने विरोध किया, फिर लाठी-डंडा लेकर उनसे भिड़ गए और एक उपद्रवी की जमकर धुनाई कर दी। जिसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।
रोज की तरह शनिवार की सुबह भी जिला अस्पताल सहित आस-पास की दूकानें सुबह आठ बजे खुल गई थी। इसी बीच करंडा के ब्राह्मणपुरा में गोली से घायल राजेश मिश्र और उसके छोटे भाई अमितेश मिश्र को लेकर दर्जनों लोग जिला अस्पताल पहुंचे। अस्पताल लाते वक्त रास्ते में हुई पत्रकार तथा आरएसएस कार्यकर्ता राजेश मिश्र की मौत से गुस्साए लोग अस्पताल के बाहर निकल आए और करीब नौ बजे हो-हल्ला के बीच दूकानों में तोड़फोड़ शुरू कर दी।
विरोध करने पर दूकानदारों की पिटाई शुरू कर दी। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई। मार्ग पर आवागमन कर रहे लोग इधर-उधर भागने लगे। धड़ाधड़ दूकानों के शटर गिरने लगे। इस दौरान उपद्रियों ने एक ई-रिक्शा और एक टेंपो को रोककर उसे पलट दिया। संयोग था कि उत्पात देखकर दोनों वाहनों के चालक वाहन से नीचे उतर गए थे। सड़क किनारे खड़ी करीब एक दर्जन बाइकों को गिराते हुए दूकानों के बाहर लगे बोर्डों को फेंक दिया।
इतना ही नहीं उपद्रवी दूकानों के सामानों को फेंकते हुए मिश्रबाजार की तरफ बढ़ने लगे। मिश्रबाजार के दूकानदार इस उपद्रव को बर्दाश्त नहीं कर सके और उपद्रवियों का विरोध करते हुए भिड़ गए। लोगों के आक्रोश को भांपते हुए अधिकांश लोग भाग गए। लेकिन मृतक पत्रकार राजेश मिश्र के चचेरे भाई बृजेश को पकड़कर लोगों ने लाठी-डंडे और लात-घूसों से पिटाई कर दी।
तब कुछ लोगों ने बीच-बचाव कर उसे उनके चंगुल से छुड़ाया। मिश्रबाजार निवासी आमिर अली ने ठेले से घायल व्यक्ति को जिला अस्पताल पहुंचाया। उपद्रव के दौरान जिला अस्पताल, मिश्रबाजार और लाल दरवाजा तक का मौहाल करीब 45 मिनट तक पूरी तरह से अशांत रहा।
इस बीच ई-रिक्शा और टेंपो को पलटने के साथ ही कई दूकानों में तोड़फोड़ की। जिला अस्पताल तथा दूकानों के बाहर खड़ी बाइकों और दवा की दूकानों के सामने लगे बोर्डों को गिराते हुए कई दूकानदारों को पीटा। उपद्रवी ऐसा करते हुए मिश्रबाजार तक पहुंच गए। उनके उपद्रव को देख पहले दूकानदारों ने विरोध किया, फिर लाठी-डंडा लेकर उनसे भिड़ गए और एक उपद्रवी की जमकर धुनाई कर दी। जिसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।
रोज की तरह शनिवार की सुबह भी जिला अस्पताल सहित आस-पास की दूकानें सुबह आठ बजे खुल गई थी। इसी बीच करंडा के ब्राह्मणपुरा में गोली से घायल राजेश मिश्र और उसके छोटे भाई अमितेश मिश्र को लेकर दर्जनों लोग जिला अस्पताल पहुंचे। अस्पताल लाते वक्त रास्ते में हुई पत्रकार तथा आरएसएस कार्यकर्ता राजेश मिश्र की मौत से गुस्साए लोग अस्पताल के बाहर निकल आए और करीब नौ बजे हो-हल्ला के बीच दूकानों में तोड़फोड़ शुरू कर दी।
विरोध करने पर दूकानदारों की पिटाई शुरू कर दी। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई। मार्ग पर आवागमन कर रहे लोग इधर-उधर भागने लगे। धड़ाधड़ दूकानों के शटर गिरने लगे। इस दौरान उपद्रियों ने एक ई-रिक्शा और एक टेंपो को रोककर उसे पलट दिया। संयोग था कि उत्पात देखकर दोनों वाहनों के चालक वाहन से नीचे उतर गए थे। सड़क किनारे खड़ी करीब एक दर्जन बाइकों को गिराते हुए दूकानों के बाहर लगे बोर्डों को फेंक दिया।
इतना ही नहीं उपद्रवी दूकानों के सामानों को फेंकते हुए मिश्रबाजार की तरफ बढ़ने लगे। मिश्रबाजार के दूकानदार इस उपद्रव को बर्दाश्त नहीं कर सके और उपद्रवियों का विरोध करते हुए भिड़ गए। लोगों के आक्रोश को भांपते हुए अधिकांश लोग भाग गए। लेकिन मृतक पत्रकार राजेश मिश्र के चचेरे भाई बृजेश को पकड़कर लोगों ने लाठी-डंडे और लात-घूसों से पिटाई कर दी।
तब कुछ लोगों ने बीच-बचाव कर उसे उनके चंगुल से छुड़ाया। मिश्रबाजार निवासी आमिर अली ने ठेले से घायल व्यक्ति को जिला अस्पताल पहुंचाया। उपद्रव के दौरान जिला अस्पताल, मिश्रबाजार और लाल दरवाजा तक का मौहाल करीब 45 मिनट तक पूरी तरह से अशांत रहा।
इससे पहले भी धधक चुकी है आक्रोश की आग
गाजीपुर कोतवाली
- फोटो : अमर उजाला
गाजीपुर जिला अस्पताल के पास लोगों की तरफ से उपद्रव मचाने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी तीन बार आक्रोश की आग धधक चुकी है और मिश्रबाजार के लोग इस आग का विरोध करते हुए उपद्रियों से भीड़ चुके हैं। करीब 12-13 वर्ष पहले मुहम्मदाबाद में शहीद पार्क के बदमाशों ने ठेकेदार हरिहरपुर निवासी राजेश राय सहित तीन लोगों को गोली मारकर घायल कर दिया था।
तीनों घायलों को जिला अस्पताल लाया गया था, जहां चिकित्सकों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। इस घटना से आक्रोशित लोगों ने लाठी-डंडे के साथ जिला अस्पताल के पास तांडव मचाना शुरु कर दिया था। इस दौरान दर्जन ठेलों पर लगी फलों की दूकानों को पलटने के साथ ही खासकर एक समुदाय विशेष के कई लोगों की जमकर पिटाई कर घायल कर दिया था। इसके बाद उपद्रवी हो-हल्ला के बीच दूकानों में तोड़फोड़ करते हुए मिश्रबाजार मुहल्ला में पहुंचे थे और यहां भी तोड़फोड़ शुरु कर दिया था।
मुहल्ला के लोग साहस दिखाते हुए उपद्रियों से भीड़ गए थे। लोगों के आक्रोश को देखते हुए उपद्रियों को जान बचाकर भागना पड़ा था। करीब दस वर्ष दुर्गा पूजा में मूर्ति विसर्जन के दौरान जंगीपुर के लोगों ने मिश्रबाजार में हंगामा किया था, लेकिन मुहल्लावासियों की एकजुटता की वजह से उन्हें पीछे हटना पड़ा था। कुल मिलाकर मिश्रबाजार मुहल्ला के लोगों की एकता तीसरी बार भी उपद्रव पर भारी पड़ी है। अगर आज मुहल्लावासियों ने साहस नहीं दिखाया होता तो शायद उपद्रवी बड़े पैमाने पर तांडव मचाते हुए बड़े पैमाने पर जन-धन को नुकसान पहुंचा सकते थे।
तीनों घायलों को जिला अस्पताल लाया गया था, जहां चिकित्सकों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। इस घटना से आक्रोशित लोगों ने लाठी-डंडे के साथ जिला अस्पताल के पास तांडव मचाना शुरु कर दिया था। इस दौरान दर्जन ठेलों पर लगी फलों की दूकानों को पलटने के साथ ही खासकर एक समुदाय विशेष के कई लोगों की जमकर पिटाई कर घायल कर दिया था। इसके बाद उपद्रवी हो-हल्ला के बीच दूकानों में तोड़फोड़ करते हुए मिश्रबाजार मुहल्ला में पहुंचे थे और यहां भी तोड़फोड़ शुरु कर दिया था।
मुहल्ला के लोग साहस दिखाते हुए उपद्रियों से भीड़ गए थे। लोगों के आक्रोश को देखते हुए उपद्रियों को जान बचाकर भागना पड़ा था। करीब दस वर्ष दुर्गा पूजा में मूर्ति विसर्जन के दौरान जंगीपुर के लोगों ने मिश्रबाजार में हंगामा किया था, लेकिन मुहल्लावासियों की एकजुटता की वजह से उन्हें पीछे हटना पड़ा था। कुल मिलाकर मिश्रबाजार मुहल्ला के लोगों की एकता तीसरी बार भी उपद्रव पर भारी पड़ी है। अगर आज मुहल्लावासियों ने साहस नहीं दिखाया होता तो शायद उपद्रवी बड़े पैमाने पर तांडव मचाते हुए बड़े पैमाने पर जन-धन को नुकसान पहुंचा सकते थे।
वर्ष 2005 में उपद्रव से अशांत हुआ था जिला
धड़ाधड़ बंद होने लगी अस्पताल के आस-पास की दूकानें
- फोटो : अमर उजाला
भांवरकोल थाना क्षेत्र के बसनिया चट्टी पर 19 नवंबर 2005 को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद जिला पूरी तरह से अशांत हो गया था। घटना को लेकर गोड़उर गांव के लोगों में इस कदर आक्रोश था कि पत्रकारों और अन्य लोगों की कौन कहे, प्रशासन के आला-अधिकारी भी मृतकों के शव को कब्जे में लेने के लिए घर तक पहुंचाने का साहस नहीं जुटा रहे थे।
घटना के दूसरे दिन जिले के विभिन्न इलाकों में आक्रोशित लोगों ने तोड़-फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया था। पोस्टमार्टम के लिए सातों शवों के आने के दौरान आक्रोशत लोगों ने सदर कोतवाली विशेश्वरगंज के पास घड़ी सहित एक अन्य दूकान को आगे को हवाले कर दिया था।
गुस्साए लोगों द्वारा पथराव करने से एक पत्रकार का सर फटने के साथ ही अन्य कई लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद शहर की अधिकांश दूकानों बंद हो गई थी। आक्रोशित लोगों ने शहर के महुआबाग स्थित विधायक मोख्तार अंसारी के होटल पर पथराव भी किया था। घटना को लेकर क ई दिनों तक जिला पूर ी तरह से अशांत रहा।
घटना के दूसरे दिन जिले के विभिन्न इलाकों में आक्रोशित लोगों ने तोड़-फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया था। पोस्टमार्टम के लिए सातों शवों के आने के दौरान आक्रोशत लोगों ने सदर कोतवाली विशेश्वरगंज के पास घड़ी सहित एक अन्य दूकान को आगे को हवाले कर दिया था।
गुस्साए लोगों द्वारा पथराव करने से एक पत्रकार का सर फटने के साथ ही अन्य कई लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद शहर की अधिकांश दूकानों बंद हो गई थी। आक्रोशित लोगों ने शहर के महुआबाग स्थित विधायक मोख्तार अंसारी के होटल पर पथराव भी किया था। घटना को लेकर क ई दिनों तक जिला पूर ी तरह से अशांत रहा।