UP: जैसे ही दिखी ट्रेन...सीट के लिए दौड़ पड़े, गैलरी में भी नहीं मिली जगह; एयरपोर्ट-बसों में अपेक्षा कम भीड़
Diwali 2025: दीपावली, छठ को लेकर रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर यात्रियों की भारी भीड़ देखी जा रही है। इस कारण गाड़ियां भी लेट से चल रही हैं। यात्रियों को ट्रेनों में बैठने तक की जगह नहीं मिली रही है।

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Varanasi News: कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर दोपहर 12:50 बजे का समय था। कोई हाथ में बैग लिए अकेला खड़ा था, तो कोई बच्चों के साथ। लोकमान्य तिलक टर्मिनस से गोरखपुर जाने वाली 15017 काशी एक्सप्रेस जैसे ही नजर आई, यात्रियों में हलचल मच गई।

प्लेटफॉर्म पर कोच डिस्प्ले नहीं था, जिससे यह पता नहीं चल पाया कि कौन-सी बोगी कहां लगेगी। नतीजतन, यात्री बैग उठाए जनरल और स्लीपर बोगियों की ओर दौड़ पड़े। किसी तरह बोगियों तक तो पहुंच गए, लेकिन सभी डिब्बे पहले से ही खचाखच भरे हुए थे। ट्रेन की गैलरी (सीटों के बीच की जगह) तक में पैर रखने की जगह नहीं थी।
त्योहारों के चलते दिल्ली, मुंबई, पुणे, कोलकाता जैसे शहरों से लोग अपने-अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। समान्य दिनों में 80 हजार यात्री सफर करते हैं लेकिन तीन दिन से यह संख्या 1.5 लाख पहुंच जा रही है। यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने स्पेशल ट्रेनें भी चलाई हैं, लेकिन इसके बावजूद ट्रेनों में सीटें उपलब्ध नहीं हैं। कई ट्रेनों में तो 28 अक्टूबर तक आरक्षण की स्थिति ‘रिग्रेट’ (कोई सीट उपलब्ध नहीं) दिखा रही है। हालांकि एयरपोर्ट और बस स्टेशन पर रेलवे स्टेशन की अपेक्षा कम भीड़ दिखी।
यात्रियों की भयंकर भीड़
रविवार को दोपहर में कैंट स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर अपेक्षाकृत कम भीड़ रही, लेकिन प्लेटफॉर्म नंबर दो-तीन, पांच और आठ पर भारी भीड़ देखने को मिली। प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर काशी एक्सप्रेस के आने के बाद देहरादून, हावड़ा, रांची, दिल्ली आदि जगहों से आने वाली ट्रेनों से भी यात्रियों की भारी भीड़ स्टेशन पर उमड़ पड़ी। स्लीपर कोच में पहले से आरक्षित सीट पाने वालों को भी परेशानी झेलनी पड़ी, क्योंकि उनकी सीटों के सामने की जगह तक इतनी भीड़ थी कि उतरना तो दूर, खड़े होना भी मुश्किल था।

महिला, दिव्यांग कोच भी फुल, टॉयलेट के पास रखकर किया सामान : कैंट स्टेशन से गुजरने वाली अधिकतर ट्रेनों के जनरल से लेकर स्लीपर कोच तक ठसाठस भरे हुए थे। एसी कोच की स्थिति अपेक्षाकृत ठीक रही, लेकिन स्लीपर और जनरल कोच में इतनी भीड़ थी कि यात्रियों को टॉयलेट तक जाने में भी भारी मशक्कत करनी पड़ी। कई लोग गेट के पास अपना सामान रखकर उसी पर बैठकर यात्रा करते दिखे। महिला और दिव्यांग यात्रियों के लिए आरक्षित कोच भी पूरी तरह भर चुके थे। ट्रेन रुकते ही जो जहां मौका मिला, वहीं से चढ़ गया और किसी तरह सफर आगे बढ़ाया।
दो दिन में बाबतपुर एयरपोर्ट पर आए 18 हजार यात्री : लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, बाबतपुर पर पिछले दो दिनों में विभिन्न शहरों से करीब 18 हजार यात्री पहुंचे। यह संख्या सामान्य दिनों की तुलना में थोड़ी कम रही।
चलती ट्रेन में न चढ़ें लटककर यात्रा न करें
मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम), वाराणसी आशीष जैन ने यात्रियों से अपील की है कि वे रेलवे द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। उन्होंने कहा कि ट्रेन की छत या पावदान पर लटककर यात्रा करना खतरनाक और वर्जित है। उन्होंने यह भी अपील की कि यात्री चलती ट्रेन में चढ़ने या उतरने की कोशिश न करें और एक प्लेटफॉर्म से दूसरे पर जाने के लिए फुट ओवर ब्रिज का ही प्रयोग करें।
खचाखच भरा रहने वाला रोडवेज परिसर खाली रहा
कैंट रोडवेज बस स्टेशन पर भी शनिवार को यात्रियों को संख्या अपेक्षाकृत बहुत कम रही। आम दिनों में खचाखच भरे रहने वाले कैंट रोडवेज परिसर खली रहा। बसों में सीट खाली रही। रोडवेज के अधिकारियों के अनुसार बसों से कम दूरी की यात्रा करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा रहती है। ऐसे में दूर से आने वाले ट्रेनों से आ चुके हैं और आसपास के लोग धनतेरस पर ही घर आ चुके हैं। अब छठ के दौरान बसों में यात्रियों की संख्या बढ़ेगी।