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UP News: दो भाइयों ने लोन का झांसा देकर ठगे 10 करोड़, इसमें दरोगा से लेकर डीएसपी तक

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: प्रगति चंद Updated Wed, 26 Nov 2025 01:35 PM IST
सार

Varanasi News: दो भाइयों ने लोन का झांसा देकर 10 करोड़ ठगे। इनमें 70 फीसदी पुलिसकर्मियों को भी शिकार बनाया। दोनों आरोपी बनारस के रहने वाले हैं। इन आरोपियों ने 100 से अधिक लोगों को निशाना बनाया।

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Two brothers duped 10 crore rupees on pretext of loan 70% of them policemen involved in Varanasi
आरोपी दीपक गुप्ता और गौरव गुप्ता - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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लोन दिलाने और किस्त जमा करने सहित अन्य लुभावने ऑफर का लालच देकर लगभग 10 करोड़ रुपये की ठगी की गई। आरोपियों में पहड़िया के अशोक विहार कॉलोनी निवासी दो सगे भाई, दीपक गुप्ता और गौरव गुप्ता, शामिल हैं। इन्होंने वाराणसी और आसपास के जिलों के 100 से अधिक लोगों को निशाना बनाया। इनमें 70 फीसदी पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, जो ठगी के शिकार हुए हैं। सीओ रैंक के तीन अफसर भी इनके झांसे में आ चुके हैं।

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कैंट पुलिस ने मंगलवार को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूरे प्रकरण की जांच डीसीपी क्राइम की निगरानी में की जा रही है। आरोपियों पर इससे पहले भी कैंट और कोतवाली थानों में ठगी की प्राथमिकी दर्ज है। सारनाथ थाना क्षेत्र के सारंगतालाब इलाके में दोनों भाइयों, दीपक और गौरव, ने लगभग चार साल पहले अपना कार्यालय खोला था। विभिन्न स्कीम, ऑफर और ‘लोन की आधी रकम जमा करने’ जैसे लालच देकर इन्होंने छोटे कारोबारियों को फंसाया।
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शुरू के पांच-छह माह तक लाभ पहुंचाकर लोगों का भरोसा जीता। आईडी पर लोन लेकर उसकी आधी रकम जमा कराने जैसी स्कीम में वाराणसी समेत आसपास जिलों के कई पुलिसकर्मी भी फंसते गए। हेड कांस्टेबल, दरोगा, इंस्पेक्टर से लेकर डीसीपी रैंक तक के अफसरों ने निवेश के उद्देश्य से अपने सगे-संबंधियों, पत्नी और बच्चों के नाम पर लोन लिए। आधी रकम खुद जमा करने का झांसा दोनों भाई देते थे।

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छह-सात माह तक यह प्रक्रिया चलती रही, लेकिन उसके बाद दोनों भाइयों ने किश्त जमा करना बंद कर दिया। जब फाइनेंस कंपनियों और बैंकों की ओर से लोन धारकों पर दबाव आया, तब तक दोनों भाई बड़ी रकम लेकर गायब हो चुके थे। बाद में जब लोगों पर ब्याज और मूलधन चुकाने का दबाव बढ़ा, तो वे आरोपियों की तलाश में लगे। सबसे अधिक पुलिसकर्मियों को ही दोनों भाइयों ने ठगा है। कई पीड़ित पुलिसकर्मी अब भी चुप हैं और शिकायत दर्ज नहीं करा रहे।

10 करोड़ से भी अधिक हो सकती है ठगी की रकम
पहले बैंक में संविदा पर काम कर चुके दोनों भाइयों ने पुलिसकर्मियों को बिना शर्त और बिना लंबी कागजी प्रक्रिया के, एक ही दिन में 5 से 25 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध कराया। प्राइवेट बैंकों और फाइनेंस कंपनियों के माध्यम से लोन की आधी किश्त स्वयं जमा की। इसी तरह विश्वास में लेने के बाद इन्होंने बड़ी-बड़ी रकम में लोन कराए और फिर लापता हो गए। ठगी की रकम 10 करोड़ से भी अधिक होने की संभावना है।

छोटे व्यापारी और आढ़ती भी हैं शिकार

कुछ पुलिसकर्मियों का कहना है कि यह मामला केवल पुलिसकर्मियों तक सीमित नहीं है। पहड़िया मंडी के आढ़ती, छोटे व्यापारी और अन्य कई लोग भी करोड़ों की चपत खाने वालों में शामिल हैं। दोनों भाइयों ने लंबे समय तक योजनाबद्ध तरीके से लोगों का विश्वास जीतकर रकम ली और बाद में भुगतान से बचते रहे।

क्या बोले अधिकारी 
आरोपियों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज हैं। कुछ और पीड़ित सामने आ सकते हैं। दो भाइयों के अलावा जो भी इसमें शामिल होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -सरवणन टी., डीसीपी क्राइम
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