Varanasi News: संतों को देने होंगे जलकर और सीवर कर, छूट को लेकर नगर आयुक्त ने दी जानकारी
Varanasi News: वाराणसी में संतों के विरोध के बाद टैक्स को लेकर नगर निगम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है कि 40 मठ- मंदिरों को चिह्नित किया गया है। जिनको जलकर और सीवर कर देना ही होगा।
विस्तार
नगर निगम की ओर से सभी धार्मिक स्थलों को गृहकर से मुक्त रखा गया है। जिन धार्मिक स्थलों के पास 80 जी का प्रमाणपत्र है, उन्हें सीवर कर व जल कर में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। वहीं, अगर कोई किसी धार्मिक स्थल का कमर्शियल इस्तेमाल हो रहा है तो सिर्फ उस कमर्शियल क्षेत्र पर कर लिया जाएगा। ये जानकारी नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल ने बृहस्पतिवार को स्मार्ट सिटी सभागार में पत्रकारों को दी।
उन्होंने बताया कि पूर्व में भवनों पर अलग-अलग गृह कर बिल और जलकल विभाग की ओर से अलग से सीवर कर व जल कर के बिल जारी किए जाते थे। प्रदेश सरकार की ओर से जारी आदेश नौ मई 2025 के अनुसार नगर निगम में एकीकृत बिल जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। शासन के निर्देश पर पहली बार वित्तीय वर्ष 2025-26 में एकीकृत बिल जिसमें गृह कर, जल कर, सीवर कर (संपत्ति कर के रूप में) जारी किया गया।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में शेष बचे लगभग चार माह में लक्ष्य के सापेक्ष वसूली करने के लिए 20 हजार से अधिक के संपत्ति कर बकाये वाले सभी भवनों पर डिमांड ऑफ नोटिस जारी किया गया।
दिए गए निर्देश
उन्होंने बताया कि नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा-175 एवं 177 के अनुसार धार्मिक स्थल गृहकर से तो मुक्त हैं लेकिन, जल कर और सीवर कर से मुक्त नहीं किया गया है। यदि कोई उपासना स्थल 80 जी की परिधि में आते हैं, तो उन्हें सीवर कर व जल कर में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। 80 जी प्रमाणपत्र उन गैर-लाभकारी संगठनों को दिया जाता है जो समाज के विभिन्न वर्गों की भलाई के लिए स्थापित किए जाते हैं।
नगर आयुक्त ने साफ किया कि नगर निगम की ओर से किसी भी धार्मिक स्थल पर कोई कार्रवाई प्रस्तावित नहीं है। नगर निगम की ओर से ऐसे सभी धार्मिक स्थलों को चिह्नित किया जा रहा है ताकि उन्हें करमुक्त किया जा सके। कोतवाली जोन में अब तक 40 मंदिरों, छह मस्जिदों और एक गुरुद्वारे को चिह्नित किया गया है।
पातालपुरी मठ को नोटिस दिए जाने के संबंध में नगर आयुक्त ने कहा कि भवन संख्या के 66/3 और के 66/4, पातालपुरी मठ पर संपत्ति कर बकाया होने की दशा में सात नवंबर को नोटिस ऑफ डिमांड जारी किया गया था। पातालपुरी मठ के प्रतिनिधि की ओर से नोटिस ऑफ डिमांड पर नौ नवंबर को कर मुक्त करने के लिए आवेदन दिया गया। नगर निगम ने इसे संज्ञान में लेते हुए तत्काल गृहकर मुक्त कर दिया।
