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Varanasi News: डीआरडीओ के पूर्व अध्यक्ष बोले- ऑपरेशन सिंदूर में भारत में बने ड्रोन ने पाकिस्तान को किया पस्त
अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी।
Published by: अमन विश्वकर्मा
Updated Sat, 06 Sep 2025 01:07 PM IST
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सार
रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के पूर्व अध्यक्ष ने बीएचयू में स्वदेशी तकनीक की खुलकर चर्चा की। उन्होंने आईआईटी के छात्रों को इसे अपनाने पर भी जोर दिया।

आईआईटी बीएचयू में डाॅ. जी. सतीश का स्वागत करते निदेशक प्रो. अमित पात्रा।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
आईआईटी बीएचयू में रिसर्च एंड इनोवेशन डे पर आयोजित कार्यक्रम में आए रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी तकनीक का बड़ा योगदान था।

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देश में विकसित ड्रोन, एंटी-ड्रोन तकनीक, ड्रोन आधारित हथियार, निगरानी और हमारे डिफेंस सिस्टम को जाता है। यह लड़ाई स्वदेशी तकनीक और आत्मनिर्भरता के दम पर लड़ी गई और देश की सुरक्षा सुनिश्चित की गई। स्वतंत्रता भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि ऑपरेशन में आतंकवादी कैंपों, बंकरों, एयर डिफेेंस सिस्टम और वायु सेना के ठिकानों पर सटीक हमले किए गए।
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एंटी-ड्रोन, एंटी-यूएवी, एंटी-हेलीकॉप्टर और एंटी-मिसाइल जैसे स्वदेशी विकसित सिस्टम ने हर खतरे को नाकाम किया। तकनीकी क्षेत्र में भारत अब वैश्विक स्तर पर बड़ा प्रतिस्पर्धी बन रहा है। उन्होंने कहा कि आईआईटी लगातार गुणवत्ता बढ़ाकर विश्व रैंकिंग में सुधार कर रहा है, जो भारत की तकनीकी और नवाचार क्षमता को बताता है।
एक कैंपस होने के चलते इनोवेशन में बढ़ेगा सहयोग
बीएचयू कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि आईआईटी बीएचयू की ओर से फाइल किए गए पेटेंट और स्वीकृत पेटेंट की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। एक समान परिसर में होने से बीएचयू और आईआईटी रिसर्च और इनोवेशन में बड़ा सहयोग कर सकते हैं। 15 वर्षों में कई इनोवेशन और शोध संरचनाओं में काम करने के अनुभव के आधार पर यह देखकर खुशी हो रही है।